Accused Found Guilty In 10 Year Old Cheque Bounce Case – Rajasthan News
न्यायालय अपरजिला एवं सेशन न्यायाधीश आबूरोड
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
न्यायालय अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आबूरोड द्वारा 10 साल पुराने चेक बाउंस के मामले में आरोपी को दोषी करार देते हुए 10 माह के साधारण कारावास एवं 75 हजार रुपए प्रतिकर अदा करने के आदेश दिए गए है। इस मामले में परिवादी की ओर से एडवोकेट हसीब अहमद सिद्दकी एडवोकेट ने पैरवी की। प्रकरणानुसार आरोपी मनीष शर्मा परिवादी से कम्प्यूटर, लेपटॉप आदि खरीदता था। इसके कारण उसके बकाया हिसाब आरोपी ने 15 अक्टूबर 2013 को राशि 50 हजार रुपए का एक चेक परिवादी के फर्म के नाम जारी किया था।
इसे परिवादी द्वारा भुगतान के लिए बैंक में जमा करवाया गया था। लेकिन, आरोपी मनीष शर्मा के खाते में अपर्याप्त धन होने से यह चैक अनादरित हो गया था। उसके बाद नियमानुसार परिवादी ने अपने अधिवक्ता हसीब अहमद सिद्दकी के माध्यम से नोटिस भी भिजवाया गया। इसके बाद भी आरोपी द्वारा निर्धारित अवधि में चेक वर्णित राशि अदा नहीं करने पर धारा 138 एनआई एक्ट के तहत न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया गया था। इसमें बताया गया था कि चेक के बाउंस होने के बाद उसने अपने बकाया भुगतान के लिए आरोपी मनीष शर्मा से कई बार संपर्क किया।
वह हर बार उसे झूठे झांसे देकर आगे टालता रहा। थक हारकर उसे न्यायालय की शरण लेनी पड़ी। इस मामले में सुनवाई के बाद अतिरिक्ति मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आबूरोड सलोनी सक्सेना ने परिवादी की ओर से प्रस्तुत मौखिक एवं दस्तावेजी साक्ष्यों एवं परिवादी के अधिवक्ता हसीब अहमद सिद्दकी के तर्कों से सहमति जताते हुए आरोपी मनीष शर्मा को दोषी करार दिया गया है। इसके साथ ही उसे 10 माह के साधारण कारावास की सजा से दंडित कर 75 हजार रूपये परिवादी को बतौर प्रतिकर अदा करने का आदेश दिया गया है। प्रतिकर की राशि अदा ना करने पर उसे 1 माह के साधारण कारावास पृथक से भुगतना होगा।