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अदालत के बार-बार कहने के बावजूद निदेशक को टीजीटी शिक्षकों की सीधी भर्ती से जुड़े मामले को अनदेखा करना भारी पड़ गया। हाईकोर्ट ने प्रारंभिक शिक्षा निदेशक पर आपराधिक अवमानना की कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। जानें पूरा मामला…
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट – फोटो : अमर उजाला
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हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने अदालत के आदेशों की बार-बार अवमानना करने पर प्रारंभिक शिक्षा निदेशक पर आपराधिक अवमानना की कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक चौहान और सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने कहा कि अदालत के बार-बार कहने के बावजूद निदेशक ने मामले को अनदेखा कर दिया। यह मामला टीजीटी शिक्षकों की सीधी भर्ती से जुड़ा है। 2002 में इन शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई। मामले के अदालत में जाने के बाद इन शिक्षकों की 2008 में नियुक्ति की। उसके बाद मामला 2011-12 में प्रशासनिक ट्रिब्यूनल में भी गया।
ट्रिब्यूनल के बाद यह हाईकोर्ट पहुंचा। 2002 में मेरिट के आधार पर जो सूची निकाली थी, उसके अनुसार इन शिक्षकों को सारे लाभ देने के हाईकोर्ट ने आदेश दिए, जबकि इनकी नियुक्ति 2008 में की गई। कोर्ट ने अपने आदेश में विभाग से 2002 की वरिष्ठता सूची प्रस्तुत करने को कहा, लेकिन आदेशों को अनदेखा किया गया। उसकी वजह से 2020 में याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट के आदेशों को न मानने पर अवमानना का मामला दायर किया। 2020 में जो वरिष्ठता सूची देने को कहा था, उसे आज तक कोर्ट में पेश नहीं किया। सरकार का कहना है कि विभाग ने 2002 की जो सूची बनाई थी, वह उपलब्ध नहीं है। 2020 से 2024 तक हाईकोर्ट के आदेशों को गंभीरता से नहीं लिया गया। इसकी वजह से हाईकोर्ट ने प्रारंभिक शिक्षा निदेशक के खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। संवाद