The State Govt Is Again Entangled In The Appointment Of Hpu Shimla Vc – Amar Ujala Hindi News Live
एचपीयू शिमला
– फोटो : अमर उजाला
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एचपीयू शिमला में कुलपति की नियुक्ति को लेकर प्रदेश सरकार फिर उलझ गई है। चंडीगढ़ में हुई बैठक के 10 दिन बाद भी सर्च कमेटी ने राजभवन को शाॅर्टलिस्ट किए गए शिक्षाविदों के नामों की सूची नहीं भेजी है। पूर्व मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार रामसुभग सिंह की अध्यक्षता में सर्च कमेटी ने 22 अक्तूबर काे चंडीगढ़ में आवेदकों के साक्षात्कार लेने के बाद छंटनी की है। बीते दस दिनों से यह फाइल सचिवालय में ही घूम रही है।
इसके चलते एचपीयू में कुलपति की नियुक्ति के लिए इंतजार और बढ़ गया है। मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार रामसुभग सिंह की अध्यक्षता में चयन कमेटी ने 22 आवेदकों के साक्षात्कार लेकर पांच नाम शाॅर्टलिस्ट किए। दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति योगेश सिंह और गोरखपुर से पूर्व कुलपति प्रो. सुरेंद्र कुमार दुबे, राज्यपाल के सचिव चंद्र प्रकाश वर्मा ने 22 अक्तूबर को चंडीगढ़ में 18 उम्मीदवारों के साक्षात्कार लिए थे।
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चार ने ऑनलाइन साक्षात्कार दिए थे। एचपीयू से दस प्रोफेसर कुलपति की दौड़ में शामिल हैं। शाॅर्टलिस्ट किए गए नामों को अंतिम फैसला लेने के लिए राजभवन भेजा जाना है लेकिन अभी यह मामला सरकार के पास ही लंबित पड़ा है। उच्च अधिकारियों ने बताया कि इस बारे में अभी मुख्यमंत्री से चर्चा की जानी है। उसके बाद नामों की सूची राजभवन को भेजी जाएगी। कुलपति की नियुक्ति को लेकर राजभवन और प्रदेश सरकार के बीच कई बार टकराव की स्थिति बन चुकी है।
बीते वर्ष राज्यपाल की ओर से गठित सर्च कमेटी की अध्यक्षता को लेकर सरकार ने नाराजगी जताई थी। कई दिनों तक सरकार ने अपने प्रतिनिधि का नाम राजभवन नहीं भेजा। इसके बाद राजभवन ने मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की अध्यक्षता में सर्च कमेटी को दोबारा अधिसूचित किया। इसके बाद राज्यपाल सार्वजनिक तौर पर कई बार सर्च कमेटी की बैठकें नहीं होने को लेकर कड़े तेवर दिखा चुके हैं। अब सर्च कमेटी की बैठक तो हो चुकी है लेकिन राजभवन को शार्टलिस्ट शिक्षाविद के नाम नहीं भेजे गए हैं।