Published On: Thu, Oct 31st, 2024

Himachal News Ice Sheet Shrunk By 10.02% Glaciers Melting Rapidly 321 New Lakes Formed – Amar Ujala Hindi News Live


संजीव शर्मा, संवाद न्यूज एजेंसी, कुल्लू।
Published by: अंकेश डोगरा

Updated Thu, 31 Oct 2024 11:06 AM IST

हिमाचल प्रदेश में सतलुज, रावी, ब्यास और चिनाब बेसिन के निचले क्षेत्रों में बर्फ की चादर 10.02% तक सिकुड़ गई है। वहीं, ग्लेश्यिरों और झीलों के टूटने की स्थिति में बाढ़ से बचाव के लिए किन्नौर, कुल्लू और लाहौल-स्पीति में अर्ली वार्निंग सिस्टम लगेंगे। 

 

Himachal News Ice sheet shrunk by 10.02% glaciers melting rapidly 321 new lakes formed

हिमालय। (सांकेतिक तस्वीर)।
– फोटो : अमर उजाला नेटवर्क



विस्तार


ग्लोबल वार्मिंग के पांव पसारने से हिमाचल में बर्फ की चादर छोटी पड़ने लगी है। सतलुज, रावी, ब्यास और चिनाब बेसिन के निचले क्षेत्रों में बर्फ की यह चादर 10.02% तक सिकुड़ गई है। रावी बेसिन पर सबसे अधिक 22.42% तक बर्फ घटी है। जंगलों में आग, पर्यटन स्थलों पर क्षमता से अधिक वाहन और वायु प्रदूषण से तापमान बढ़ रहा है। ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं। हिमालय के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में लगातार नई झीलें बन रही हैं। अकेले सतलुज बेसिन पर ही 321 नई झीलें बन गई हैं। ग्लोबल वार्मिंग के खतरों के प्रति इन आंकड़ों ने एक बार फिर आगाह किया है।

हिमाचल प्रदेश विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण परिषद का जलवायु परिवर्तन केंद्र इस पर निरंतर अध्ययन कर रहा है। झीलों के बनने और ग्लेशियरों की निगरानी के लिए उपग्रहों (सैटेलाइट) की मदद ली जा रही है। उपग्रह से मैपिंग में सतलुज बेसिन में 321 झीलों की वृद्धि पाई गई है। सतलुज बेसिन पर 2020 में 1,359 झीलें थीं, जो 2021 में बढ़कर 1,632 हो गईं। अब इनकी संख्या 1,953 हो गई है। 2022-23 में दिसंबर से फरवरी तक मुख्य रूप से हिमालय क्षेत्र में देरी से बर्फबारी की रिपोर्ट भी तैयार की गई है। इसमें सतलुज, रावी, ब्यास और चिनाब बेसिन के निचले क्षेत्रों में लगभग 10.02% कम बर्फ आंकी गई है।

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