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हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने आईपीएस अधिकारी अंजुम आरा सहित दो अन्य की अग्रिम जमानत 4 नवंबर तक बढ़ा दी है। मामला हेड कांस्टेबल को नौकरी से निकालने के मामले से जुड़ा हुआ है। पढ़ें पूरी खबर…
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट – फोटो : अमर उजाला नेटवर्क
विस्तार
शिमला में हेड कांस्टेबल को नौकरी से निकालने के मामले में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने आईपीएस अधिकारी अंजुम आरा सहित दो अन्य की अग्रिम जमानत 4 नवंबर तक बढ़ा दी है। न्यायाधीश वीरेंद्र ठाकुर की अदालत ने वीरवार को जांच अधिकारी को अदालत में अगली सुनवाई को पेश होने के निर्देश दिए हैं, साथ ही संबंधित रिकॉर्ड को भी अदालत में देने को कहा है। अदालत में सुनवाई के दौरान प्रतिवादी नंबर-5 कांस्टेबल धर्म सुख नेगी व्यक्तिगत रूप से पेश हुए। इस मामले में अंजुम आरा सहित अन्य अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज की गई है। वर्तमान एसपी विजिलेंस शिमला अंजुम सहित दो अन्य ने एफआईआर को रद्द करने के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
बता दें कि शिमला में कांस्टेबल धर्म सुख नेगी को नौकरी से निकालने के मामले में उनकी पत्नी की ओर से 21 नवंबर को एफआईआर दर्ज की गई। यह एफआईआर पूर्व डीजीपी संजय कुंडू, दो सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी, 3 एसपी समेत 10 पुलिस अधिकारियों के खिलाफ की गई है। इन सब अधिकारियों के खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति एक्ट की धारा 3(1)(पी), एससी-एसटी एक्ट 1989 के तहत मुकदमा दायर किया गया है। याचिकाकर्ता अंजुम की ओर से पेश अधिवक्ता ने कहा था कि हेड कांस्टेबल पर जब अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई तो उस समय वह जांच अधिकारी के तौर पर नियुक्त थीं। जांच अधिकारी कभी भी किसी की जाति को देखकर कार्रवाई नहीं करते। उन्होंने कहा था कि एफआईआर उनकी पत्नी की ओर से दायर की गई है। अदालत ने पिछली सुनवाई के दौरान आईओ को अदालत में होने को कहा था, पर वह पेश नहीं हुए। इस मामले की अगली सुनवाई 4 नवंबर को होगी।