Himachal: Scientists Of Agricultural University Palampur Will Do Research On Binga’s Kachalu – Amar Ujala Hindi News Live
कचालू
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हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के धर्मपुर खंड के बिंगा गांव में 100 साल से उगाए जा रहे कचालू के बीज पर कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के वैज्ञानिक शोध करेंगे। एफपीओ धर्मपुर ने कचालू की इस विशेष किस्म पर शोध करने और इसे रजिस्टर्ड करने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र सुंदरनगर को प्रस्ताव भेजा था। कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ. पंकज सूद की अगुआई में कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के डॉ. रविंदर और डॉ. निमित के तीन सदस्यीय दल ने बिंगा गांव पहुंचकर कचालु के सैंपल एकत्रित कर शोध शुरू कर दिया है।
यदि यह बीज अलग किस्म का पाया जाता है तो इसे रजिस्टर्ड कर पुरस्कृत किया जाएगा। एफपीओ का दावा है कि बिंगा गांव में उगाए जा रहे कचालू (गंढयाली) की किस्म विशेष प्रकार की है जो दूसरे किसी स्थान पर नहीं है। बिंगा गांव के 60 से अधिक परिवार हर साल 8 से 10 टन कचालू की पैदावार करते हैं। 10 से 15 लाख की गंढयाली बिक्री करते हैं। जबसे इनकी मांग बढ़ी है तो किसानों ने पहले से दोगुना भूमि पर इसकी बिजाई कर रहे हैं। फसल लोगों की आमदनी का प्रमुख जरिया बन रही है।
बिना रसायनिक खाद के कर रहे तैयार
90 वर्षीय किसान मोहन लाल बताते हैं कक्षेह सुबह 6 बजे खेत में पहुंच जाते हैं। गांव में उनके पूर्वजों के समय से कचालू उगाए जा रहे हैं। इसमें कोई रसायनिक खाद नहीं डालते हैं। अगर बीज रजिस्टर्ड होता है तो इसे इनाम भी मिल सकता है। एफपीओ के अध्यक्ष सत्तपाल, उपाध्यक्ष रणताज राणा, सचिव भूपेंद्र सिंह ने बताया कि कचालू के बीज को लेकर रिचर्स शुरू कर दी गई है।