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संवाद न्यूज एजेंसी, कुल्लू।
Published by: अंकेश डोगरा
Updated Thu, 03 Oct 2024 07:52 PM IST
ढाका ग्लेशियर से मिले चार जवानों के अवशेषों के बाद सेना ने अपना सर्च अभियान बंद कर दिया है। 1968 में चंडीगढ़ से लेह जा रहा वायुसेना का जहाज लाहौल-स्पीति जिला के ढाका ग्लेशियर में खराब मौसम के कारण हादसे का शिकार हो गया था।
लाहाैल-स्पीति में 2003 में मिला क्रैश हुए विमान का मलबा। – फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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समुद्रतल से 17,000 फीट से अधिक ऊंचाई पर ढाका ग्लेशियर से मिले चार जवानों के अवशेषों के बाद सेना ने अपना सर्च अभियान बंद कर दिया है। डोगरा स्काउट्स के 16 जवान एक अभियान के तहत ढाका ग्लेशियर गए थे, जहां उन्हें पहले ही दिन लापता चार जवानों के अवशेष मिले थे। इन्हें दो अक्तूबर को लोसर से हेलिकाप्टर में उनके परिवारों के पास पहुंचाया गया। डोगरा स्काउट्स के 16 जवानों सहित 19 लोगों ने माइनस तापमान में अभियान चलाया था।
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बता दें कि 1968 में चंडीगढ़ से लेह जा रहा वायुसेना का जहाज लाहौल-स्पीति जिला के ढाका ग्लेशियर में खराब मौसम के कारण हादसे का शिकार हो गया था। इसमें 98 जवानों के साथ कुल 102 लोग सवार थे। इससे पहले सेना ने 2003, 2007, 2013 और 2019 के बाद अब 2024 में लापता जवानों की तलाश के लिए अभियान चलाया। अब तक चले पांच अभियानों में कुल नौ जवानों के अवशेष मिले हैं। डीएसपी काजा मनोज कुमार ने कहा कि सेना का अभियान एक अक्तूबर को संपन्न हो गया था।