Shimla News Even After Four Years Research On Monkeys Has Not Yielded Any Results – Amar Ujala Hindi News Live


सांकेतिक तस्वीर।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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राजधानी की जाखू हिल्स में 2020 में बंदरों के व्यवहार पर शुरू किए शोध का अभी तक ठोस परिणाम सामने नहीं आया है। हिमाचल प्रदेश वन विभाग और यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया की ओर से संयुक्त रूप से शोध को शुरू किया था। इसका उद्देश्य बंदरों के व्यावहारिक पैटर्न का अध्ययन करना था। इस अध्ययन के आधार पर बंदरों की नसबंदी को और अधिक प्रभावी बनाने की योजना थी ताकि शिमला और अन्य क्षेत्रों में मानव-बंदर संघर्ष को कम किया जा सके।
इस शोध के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जा चुके हैं, लेकिन चार साल बीतने के बावजूद अब तक कोई भी डाटा पूरी तरह से संकलित नहीं हो पाया है। परिणामस्वरूप नसबंदी के कार्यक्रमों में अपेक्षित सुधार नहीं हो सका है। बंदरों द्वारा किए जाने वाले हमले लगातार बढ़ रहे हैं। स्थानीय लोगों और पर्यटकों के बीच बंदरों का खौफ बना हुआ है। खासकर जाखू हिल्स जैसे इलाकों में, जहां बंदरों की आबादी काफी ज्यादा है।
परियोजना की धीमी प्रगति को लेकर सवाल उठने लगे हैं। करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद कोई ठोस परिणाम न आना चिंताजनक है। लोग ये भी आरोप लगा रहे हैं कि सरकार और शोध संस्थान इस दिशा में सक्रिय कदम नहीं उठा रहे हैं। अभी तक इस परियोजना से जुड़े अधिकारियों की ओर से स्पष्ट जवाब नहीं आया है कि डेटा के संकलन में देरी क्यों हो रही है और कब तक इसका परिणाम सामने आ सकता है।
वन्यजीव विभाग के अधिकारी राकेश शर्मा ने बताया कि अभी डाटा इकट्ठा किया जा रहा है। जल्दी ही शोध के नतीजे प्रकाशित किए जाएंगे।