Himachal Students Will Not Get Scholarship If They Change Institute Without Approval Before Annual Examination – Amar Ujala Hindi News Live
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![Himachal News: वार्षिक परीक्षा से पहले बिना मंजूरी संस्थान बदलने पर विद्यार्थियों को नहीं मिलेगी छात्रवृत्ति Himachal Students will not get scholarship if they change institute without approval before annual examination](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2024/07/07/hamacal-parathasha-ucaca-shakashha-nathashalya_212c46f40db416ad0d4a180ef5773fdc.jpeg?w=414&dpr=1.0)
हिमाचल प्रदेश उच्च शिक्षा निदेशालय
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
विस्तार
वार्षिक परीक्षा से पहले बिना मंजूरी संस्थान बदलने पर विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति नहीं मिलेगी। उच्च शिक्षा निदेशालय ने सभी स्कूल-कॉलेज प्रिंसिपलों और विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को इस बाबत पत्र जारी किया है। छात्रवृत्ति के फर्जी दावों को रोकने और धन का उचित आवंटन करने का हवाला देते हुए ऐसे मामले सामने आने पर जिम्मेदार संस्थान से छात्रवृत्ति की पूरी राशि वसूलने को कहा है। मंगलवार को उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा की ओर से भारत और हिमाचल सरकार की सभी छात्रवृत्ति योजनाओं को लाभ उठाने वाले सरकारी और निजी शिक्षण संस्थानों को नई व्यवस्था से अवगत कराया गया है।
हिमाचल प्रदेश के शैक्षणिक संस्थानों को वार्षिक परीक्षा से पहले अपनी पढ़ाई छोड़ने वाले या किसी अन्य संस्थान में स्थानांतरित होने वाले छात्रों की सूचना निदेशालय में देने को कहा गया है। पत्र में कहा गया है कि कुछ संस्थानों के प्रमुख केंद्र और राज्य प्रायोजित छात्रवृत्ति योजनाओं के तहत आवश्यकता के बावजूद ऐसे छात्रों के बारे में समय पर सूचना नहीं दे रहे हैं। भारत सरकार और हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि यदि कोई छात्र सक्षम प्राधिकारी की पूर्व अनुमति के बिना संस्थान छोड़ता है या अपना संस्थान बदलता है, तो संस्थानों के प्रमुखों को संबंधित राज्य छात्रवृत्ति अधिकारियों को सूचित करना चाहिए।
बिना मंजूरी संस्थान छोड़ने वाले विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति जारी नहीं की जाएगी। अगर कोई विद्यार्थी मंजूरी लेकर संस्थान बदलता है तो पूरी जांच के बाद राशि दी जाएगी। पढ़ाई को बीच में छोड़ने वाले विद्यार्थियों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति को बंद कर दिया जाएगा। उच्च शिक्षा निदेशक ने कहा कि इन दिशा-निर्देशों का पालन न करने पर जिम्मेदार संस्थान को सरकार को छात्रवृत्ति की पूरी राशि वापस करनी होगी। यह कदम छात्रवृत्ति वितरण की अखंडता को बनाए रखने और प्रक्रियात्मक आवश्यकताओं का पालन करने के लिए उठाया गया है।