सुप्रीम कोर्ट बोला- हमारे आदेशों का पालन करना संवैधानिक दायित्व: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा था- शीर्ष अदालत खुद को वास्तविकता से ज्यादा सर्वोच्च मानती है

नई दिल्ली3 घंटे पहले
- कॉपी लिंक

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुआई वाली पांच जजों की बेंच ने मामले का स्वतः संज्ञान लिया और पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट की टिप्पणी को चिंता का विषय बताया।
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (7 अगस्त) को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के एक आदेश में की गई टिप्पणियों पर नाराजगी जताई और उन्हें हटाने का आदेश दिया। शीर्ष कोर्ट ने मामले का स्वतः संज्ञान लिया और टिप्पणी को चिंताजनक बताया।
हाईकोर्ट के जस्टिस राजबीर सेहरावत ने अपने एक आदेश में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट अपनी संवैधानिक सीमाओं से बाहर जा रहा है और हाईकोर्ट की शक्तियों को कम आंक रहा है। मामला अवमानना याचिका से जुड़ा था, जिसकी सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी।
हाईकोर्ट के आदेश में कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट को खुद को वास्तविकता से ज्यादा सर्वोच्च मानने की आदत हो गई है। जस्टिस सेहरावत का टिप्पणी का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसके बाद मामला सामने आया।

चीफ जस्टिस की हाईकोर्ट को चेतावनी- टिप्पणी करते समय संयम बरतें
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने टिप्पणी को गैर-जरूरी बताते हुए कहा कि इससे दोनों अदालतों के सम्मान को ठेस पहुंची है। मामले के पक्षकार कोर्ट के फैसलों से असंतुष्ट हो सकते हैं, लेकिन जज अपने से उच्च अदालतों के फैसलों से असहमति नहीं जता सकते।
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस ऋषिकेश रॉय की बेंच ने हाईकोर्ट टिप्पणी का स्वतः संज्ञान लेते हुए गंभीर चिंता जताई। बेंच ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के जस्टिस सेहरावत को चेतावनी दी और कहा कि आपसे उम्मीद की जाती है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों पर टिप्पणी करते समय संयम बरतें।
जस्टिस सेहरावत के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई नहीं
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि न्यायिक अनुशासन का उद्देश्य सभी संस्थाओं की गरिमा को बचाना है। फिर चाहे वह डिस्ट्रिक्ट कोर्ट हो, हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट हो। बेंच ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन पसंद का विषय नहीं है। यह संवैधानिक दायित्व का मामला है।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जस्टिस सेहरावत के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई नहीं की जाएगी। कोर्ट ने उम्मीद जताई कि अन्य अदालतों के जज इस मामले से सबक लेंगे और देश की सर्वोच्च अदालत के आदेशों पर टिप्पणी करते समय सावधान रहेंगे। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हाईकोर्ट जज के खिलाफ गंभीर अवमानना का मामला बनता है।
6 अगस्त को CJI ने वकील को लगाई थी फटकार
शिवसेना (शिंदे गुट) विधायकों की अयोग्यता संबंधी याचिका के लिए बार-बार तारीख मांगने पर CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने वकील से कहा- एक दिन यहां बैठकर देखिए। आप अपनी जान बचाने के लिए भागेंगे। NCP (SP) और शिवसेना (उद्धव गुट) की दो अलग-अलग याचिकाओं के लिए 6 अगस्त को तारीखें तय करते समय चीफ जस्टिस ने यह टिप्पणी की।
मंगलवार (6 अगस्त को) शिवसेना मामले में दलीलें पूरी हो चुकी थीं। इसके बाद NCP (शरद गुट) की याचिका पर तारीख के लिए अजित गुट की ओर से वरिष्ठ वकील एनके कौल दलीलें दे रहे थे। हाल ही में कोर्ट ने अजित पवार और उनके 40 विधायकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
नोटिस पर जवाब देने के लिए कौल 3 हफ्ते का समय मांग रहे थे, लेकिन कोर्ट ने उन्हें 10 दिन का समय दिया। इस बीच, उद्धव गुट की ओर से पेश एक वकील ने अपनी दलीलों पर जोर देना शुरू कर दिया। उनका तर्क था कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, इसलिए जल्द तारीख दी जाएं।
इस पर चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, कृपया अदालत को निर्देश न दें। आप यहां आकर एक दिन बैठिए और बताइए कि आपको कौन सी तारीख चाहिए। आप देखते हैं कि कोर्ट पर काम का किस तरह का दबाव है। कृपया यहां आकर बैठें। एक दिन के लिए बैठें। मैं सच कहता हूं, आप अपनी जान बचाने के लिए भागेंगे। पूरी खबर पढ़े…

ये खबरें भी पढ़ें…
खेलमंत्री बोले-विनेश मामले में अंतरराष्ट्रीय कुश्ती संघ में विरोध जताया:लोकसभा में कहा- PM ने IOF अध्यक्ष पीटी ऊषा से एक्शन लेने को कहा

संसद के मानसून सत्र के 13वे दिन बुधवार को ओलिंपिक से विनेश फोगाट को डिस्क्वालिफाइ करने का मामले खेल मंत्री ने सरकार का पक्ष रखा। लोकसभा में खेल मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा- विनेश को रेसलिंग के 50 किलोग्राम केटेगिरी में खेलना था। उनका वजन 50 किलोग्राम से 100 ग्राम ज्यादा पाया गया। इसलिए उन्हें अयोग्य करार दिया गया।
भारत ने अंतरराष्ट्रीय कुश्ती संघ से कड़ा विरोध दर्ज किया है। भारतीय ओलिंपिक संघ (IOF) की अध्यक्ष पीटी ऊषा अभी पेरिस में हैं। प्रधानमंत्री ने उनसे बात करके उचित एक्शन लेने के लिए कहा है। विनेश मंगलवार 6 अगस्त को 3 मुकाबले जीतकर 50 किलोग्राम केटेगिरी की रेसलिंग के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला रेसलर बनी थीं। पूरी खबर पढ़ें…
हाईकोर्ट का ED से सवाल- केजरीवाल को फिर गिरफ्तार करेंगे?:जांच एजेंसी ने केजरीवाल की जमानत को चुनौती दी, ट्रायल कोर्ट ने जमानत दी थी

दिल्ली हाईकोर्ट में मुख्यमंत्री अरिवंद केजरीवाल की जमानत के खिलाफ बुधवार (7 अगस्त) को सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने ED से पूछा कि क्या जांच एजेंसी दिल्ली के मुख्यमंत्री को दोबारा गिरफ्तार करना चाहती है।
बार एंड बेंच के मुताबिक, जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने ED से कहा कि मैं असमंजस में हूं। आप करना क्या चाहते हैं? क्या आप केजरीवाल को दोबारा गिरफ्तार करने जा रहे हैं? ED की ओर से पेश हुए वकील विवेक गुरनानी ने कोर्ट को बताया कि ASG एसवी राजू दूसरे केस में व्यस्त हैं, इसलिए कोर्ट इस केस को कल या किसी और दिन सुनवाई कर ले। पूरी खबर पढ़ें…