CJI की फटकार- एक दिन यहां बैठिए, जान बचाकर भागेंगे: NCP-शिवसेना की याचिकाओं पर हो रही थी सुनवाई, वकील ने जल्द तारीख मांगी थी
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नई दिल्ली4 घंटे पहले
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![NCP (SP) और शिवसेना (UBT) की दो अलग-अलग याचिकाओं के लिए तारीखें तय करते समय CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने यह टिप्पणी की। - Dainik Bhaskar](https://net4newsonline.in/wp-content/uploads/2024/08/CJI-की-फटकार-एक-दिन-यहां-बैठिए-जान-बचाकर-भागेंगे.jpg)
NCP (SP) और शिवसेना (UBT) की दो अलग-अलग याचिकाओं के लिए तारीखें तय करते समय CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने यह टिप्पणी की।
शिवसेना (शिंदे गुट) विधायकों की अयोग्यता संबंधी याचिका के लिए बार-बार तारीख मांगने पर CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने वकील से कहा- एक दिन यहां बैठकर देखिए। आप अपनी जान बचाने के लिए भागेंगे। NCP (SP) और शिवसेना (उद्धव गुट) की दो अलग-अलग याचिकाओं के लिए तारीखें तय करते समय चीफ जस्टिस ने यह टिप्पणी की।
महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर के शिंदे गुट को असली शिवसेना घोषित किया था। इसके खिलाफ शिवसेना (उद्धव गुट) ने याचिका लगाई है। वहीं, NCP (शरद गुट) ने अजित गुट को असली NCP घोषित करने के फैसले के खिलाफ पिटीशन दायर की है।
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CJI ने कहा- कृपया अदालत को निर्देश न दें
मंगलवार (6 अगस्त को) शिवसेना मामले में दलीलें पूरी हो चुकी थीं। इसके बाद NCP (शरद गुट) की याचिका पर तारीख के लिए अजित गुट की ओर से वरिष्ठ वकील एनके कौल दलीलें दे रहे थे। हाल ही में कोर्ट ने अजित पवार और उनके 40 विधायकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
नोटिस पर जवाब देने के लिए कौल 3 हफ्ते का समय मांग रहे थे, लेकिन कोर्ट ने उन्हें 10 दिन का समय दिया। इस बीच, उद्धव गुट की ओर से पेश एक वकील ने अपनी दलीलों पर जोर देना शुरू कर दिया। उनका तर्क था कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, इसलिए जल्द तारीख दी जाएं।
इस पर चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, कृपया अदालत को निर्देश न दें। आप यहां आकर एक दिन बैठिए और बताइए कि आपको कौन सी तारीख चाहिए। आप देखते हैं कि कोर्ट पर काम का किस तरह का दबाव है। कृपया यहां आकर बैठें। एक दिन के लिए बैठें। मैं सच कहता हूं, आप अपनी जान बचाने के लिए भागेंगे।
29 जुलाई को जारी हुआ था नोटिस
अजीत गुट और शरद गुट के बीच असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) को लेकर चल रहे मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 29 जुलाई को सुनवाई की थी। उसी दिन कोर्ट ने अजीत पवार और उनके गुट के 40 विधायकों से मामले में जवाब मांगा था।
महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर ने इसी साल 15 फरवरी को अजित पवार गुट को असली NCP घोषित किया था। स्पीकर ने अजीत और शरद गुट की एक-दूसरे के विधायकों को अयोग्य ठहराने वाली याचिकाएं भी खारिज कर दी थीं। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पादरीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच दोनों मामलों (शिवसेना और NCP) की सुनवाई कर रही है।
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पिछली सुनवाई में शरद गुट ने जल्द सुनवाई की मांग की थी
पिछली सुनवाई में (29 जुलाई) शरद गुट की ओर से पेश वरिष्ठ एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने भी नवंबर में विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने का तर्क देते हुए जल्द सुनवाई की मांग की थी। इस पर बेंच ने उद्धव गुट की याचिका पर सुनवाई के बाद शरद गुट की इस याचिका पर सुनवाई करने की बात कही थी
CJI ने कहा था कि हम नोटिस जारी करेंगे और अंत में सभी आपत्तियों पर सुनवाई की जाएगी। उन्होंने अन्य रिस्पॉन्डेंट्स (पक्षकार) को भी दस्ती (नोटिस देने का एक तरीका) देने की छूट दी थी।
तारीखवार पूरा मामला समझिए…
2 जुलाई 2023: बगावत के बाद डिप्टी CM बने अजित
अजित पवार 2 जुलाई 2023 को NCP के 8 विधायकों के साथ महाराष्ट्र की शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल हो गए थे। उन्होंने अपने साथ NCP के 40 विधायकों के समर्थन का दावा किया था। अजित को डिप्टी CM बनाया गया था।
3 जुलाई 2023: शरद गुट चुनाव आयोग पहुंचा
शरद गुट के नेता जयंत पाटिल ने चुनाव आयोग से अजित पवार समेत 9 मंत्रियों और 31 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की। शरद से बगावत के बाद अजित ने दावा किया था कि बहुमत उनके पास है, इसलिए पार्टी पर उनका अधिकार है।
अजित इससे पहले 30 जून को ही NCP के नाम-निशान को लेकर चुनाव आयोग में अपना दावा पेश कर चुके थे। उन्होंने आयोग में याचिका दायर करके 9 हजार से ज्यादा दस्तावेज पेश किए थे।
5 जुलाई 2023: अजित ने खुद को NCP चीफ घोषित किया
अजित ने शरद पवार को NCP के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाने का ऐलान कर दिया। उन्होंने खुद को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित किया। अजित का कहना था कि 30 जून 2023 को मुंबई में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह फैसला हुआ था।
6 फरवरी 2024: चुनाव आयोग ने अजीत गुट को असली NCP माना, शरद सुप्रीम कोर्ट पहुंचे
![6 फरवरी को चुनाव आयोग के फैसले के बाद मुंबई में NCP कार्यालय में अजित पवार के समर्थकों ने जश्न मनाया।](https://net4newsonline.in/wp-content/uploads/2024/08/CJI-की-फटकार-एक-दिन-यहां-बैठिए-जान-बचाकर-भागेंगे.gif)
6 फरवरी को चुनाव आयोग के फैसले के बाद मुंबई में NCP कार्यालय में अजित पवार के समर्थकों ने जश्न मनाया।
चुनाव आयोग ने 6 फरवरी 2024 को अजित गुट को ही असली NCP माना था। साथ ही शरद गुट को नए राजनीतिक दल के लिए 7 फरवरी की शाम 4 बजे तक तीन नाम देने को कहा था। चुनाव आयोग ने 6 महीने तक चली 10 सुनवाई के बाद यह फैसला दिया था।
आयोग ने कहा था कि विधायकों की संख्या ने अजित गुट को NCP का नाम और चुनाव चिह्न हासिल करने में मदद की। आयोग के इस फैसले के खिलाफ पार्टी के संस्थापक शरद पवार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। पूरी खबर पढ़े…
11 फरवरी: शरद बोले- लोग चुनाव आयोग के फैसले का समर्थन नहीं करेंगे
चुनाव आयोग के फैसले के बाद शरद यादव ने कहा कि पहले ऐसा कभी नहीं हुआ कि जिसने पार्टी की स्थापना की, उसके हाथ से पार्टी लेकर किसी और को सौंपी गई। मुझे भरोसा है कि लोग चुनाव आयोग के फैसले का समर्थन नहीं करेंगे।
15 फरवरी: महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर ने अजित गुट को असली NCP बताया
![महाराष्ट्र स्पीकर राहुल नार्वेकर को सुप्रीम कोर्ट ने NCP विधायकों की अयोग्यता पर 15 फरवरी तक फैसला सुनाने का आदेश दिया था।](https://net4newsonline.in/wp-content/uploads/2024/08/1722971864_565_CJI-की-फटकार-एक-दिन-यहां-बैठिए-जान-बचाकर-भागेंगे.gif)
महाराष्ट्र स्पीकर राहुल नार्वेकर को सुप्रीम कोर्ट ने NCP विधायकों की अयोग्यता पर 15 फरवरी तक फैसला सुनाने का आदेश दिया था।
महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने 15 फरवरी को अजीत पवार के गुट को असली NCP की मान्यता दे दी। उन्होंने अजीत गुट के विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग भी खारिज कर दी।
स्पीकर ने कहा कि संविधान की दसवीं अनुसूची में दल-बदल विरोधी कानून का उपयोग आंतरिक असंतोष को दबाने के लिए नहीं किया जा सकता। जुलाई, 2023 में जब NCP विभाजित हुई थी तब अजीत गुट के पास 53 में से 41 विधायकों का “भारी विधायी बहुमत” था। पूरी खबर पढ़ें…
16 फरवरी: सुप्रीम कोर्ट ने शरद की याचिका अर्जेंट सुनवाई के लिए स्वीकारी
शरद की ओर से पेश वकील अभिषेक जेबराज ने दलील दी कि विधानसभा का विशेष सत्र 20 फरवरी को बुलाया गया है। अजित गुट की ओर से व्हिप जारी किया जा सकता है, इसलिए केस को तुरंत सुना जाए। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने शरद पवार की याचिका को अर्जेंट सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया।