ओबीसी पहले ही बर्बाद, अब एससी एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर की बात; पप्पू यादव भड़के
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Supreme Court SC ST Creamy Layer Verdict: सुप्रीम कोर्ट के एससी एसटी आरक्षण में सब कैटगरी बनाने और क्रीमी लेयर लाए जाने के फैसले पर सियासी बहस छिड़ी हुई है। बिहार के पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने शीर्ष अदालत के इस फैसले पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि ओबीसी (पिछड़ा वर्ग) आरक्षण में क्रीमी लेयर लाकर पहले ही उस वर्ग को बर्बाद कर दिया गया। अब अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग में क्रीमी लेयर लाने की बात की जा रही है। यह गलत है।
पप्पू यादव ने शनिवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि एससी और एसटी वर्ग के लोगों के पास 1.3 प्रतिशत जमीन भी नहीं है, उनके पास संसाधन और रोजगार नहीं है। इस विषय पर व्यापक चर्चा की जरूरत है। अगर जरूरत हो तो सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए और अध्यादेश लाया जाए। पूर्णिया सांसद ने बिहार में एससी, एसटी, ओबीसी और अति पिछड़ा आरक्षण का दायरा बढ़ाए जाने के फैसले पर अदालत से रोक लगने को लेकर एनडीए सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जब यहां 65 फीसदी आरक्षण दिया गया, तब दोनों दलों की सरकार ने उसको सही तरीके से लागू नहीं किया।
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पप्पू यादव ने आगे कहा कि 65 फीसदी आरक्षण को संविधान की 9वीं अनुसूची में डाले जाने का प्रस्ताव सदन में नहीं लाया गया। केंद्र सरकार को बिहार सरकार ने यह प्रस्ताव सदन के जरिए नहीं भेजा। राज्य कैबिनेट में जो प्रस्ताव पारित हुआ था, उसमें भी त्रुटि रह गई। अगर यह विषय इतना गंभीर है, तो विपक्ष और सत्ता पक्ष मिल जाएं और साथ मिलकर विधानसभा से प्रस्ताव भेज दीजिए। अगर वो क्लोजर पहले ही लग गया होता तो हाई कोर्ट इस आरक्षण को रद्द नहीं करता।