Himachal News Ed Claims Ayushman Bharat Scheme Files Missing Serious Discrepancies In Records – Amar Ujala Hindi News Live
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी)
– फोटो : अमर उजाला नेटवर्क
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ईडी ने शुक्रवार को कहा कि उसे पता चला कि आयुष्मान भारत धोखाधड़ी से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत हिमाचल प्रदेश में छापेमारी के बाद मरीजों के दावों से जुड़ी कई फाइलें ‘गायब’ हैं और आधिकारिक रिकॉर्ड में ‘गंभीर विसंगतियां’ हैं। संघीय जांच एजेंसी ने बुधवार को जांच के तहत कांग्रेस विधायक आरएस बाली, कुछ निजी अस्पतालों और उनके प्रमोटरों के परिसरों पर छापेमारी की।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बयान में कहा कि 88 लाख रुपये नकद, चार बैंक लॉकर और 140 संबंधित बैंक खाते बरामद किए गए, इसके अलावा अचल और चल संपत्तियां, खाता बही और अन्य दस्तावेज भी बरामद किए गए। आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई), मुख्यमंत्री हिमाचल स्वास्थ्य देखभाल योजना (हिमकेयर) और अन्य स्वास्थ्य योजनाओं से संबंधित दावों और दस्तावेजों से संबंधित जानकारी वाले मोबाइल फोन और आईपैड, हार्ड डिस्क और पेन ड्राइव जैसे सोलह डिजिटल उपकरण जब्त किए गए।
‘आंकड़ों में गंभीर अंतर’
ईडी ने दावा किया कि ”जब्त किए गए दस्तावेजों में अस्पतालों के दावों के बारे में जानकारी है, जिसमें 23,000 मरीजों के लिए 21 करोड़ रुपये के संदिग्ध लेनदेन शामिल हैं। तलाशी में कई ऐसे मामले भी मिले, जिनमें सरकार को किए गए दावों और अस्पताल की फाइलों में उपलब्ध आंकड़ों में गंभीर अंतर था।” ईडी ने कहा, “यह भी पाया गया कि मरीजों के नाम पर किए गए दावों से संबंधित कई फाइलें गायब हो गई हैं।” कांगड़ा, ऊना, शिमला, मंडी और कुल्लू जिलों के 20 स्थानों के अलावा दिल्ली, पंजाब और चंडीगढ़ में परिसरों पर तलाशी ली गई। नगरोटा विधायक बाली, कांगड़ा में फोर्टिस अस्पताल (बाली की कंपनी हिमाचल हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड द्वारा प्रवर्तित), कांगड़ा में बालाजी अस्पताल और इसके प्रवर्तक राजेश शर्मा, सिटी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, श्री हरिहर अस्पताल, सूद नर्सिंग होम, नीलकंठ अस्पताल और उनके प्रमुख प्रबंधन व्यक्ति डॉ. विजेंद्र मिन्हास, डॉ. प्रदीप मक्कड़, मनीष भाटिया, डॉ. मनोज सूद और डॉ. हेमंत कुमार के परिसरों की तलाशी ली गई।