Published On: Wed, Jul 31st, 2024

Bihar Bridge Collapse: अमर उजाला ने सीमेंट-सरिया को बताया था खराब, मंत्री बोले- IIT जांच में भी गड़बड़ी मिली


Bihar News : Araria bihar bridge collapse amar ujala ground report certified by iit expert says minister bihar

ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री अशोक चौधरी।
– फोटो : अमर उजाला

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बिहार में मौजूदा सीज़न का सबसे पहला पुल अररिया में गिरा था। नदी के ऊपर बन रहा यह पुल बाढ़ का थोड़ा पानी आते ही ताश के महल की तरह गिर गया था। ‘अमर उजाला’ की टीम ने पटना से 420 किलोमीटर दूर नदी में जाकर इस पुल के मलबे से सच को तलाशते हुए सामने लाया था। ग्राउंड रिपोर्ट में बताया गया था कि उसी नदी के उजले बालू में बगैर गुणवत्ता देखे हुए सीमेंट का मसाला बनाकर पुल निर्माण का काम चल रहा था। उसमें स्तरीय सरिया भी नहीं लगा था। अब राज्य सरकार ने इस पुल को लेकर आईआईटी विशेषज्ञों की रिपोर्ट के आधार पर स्वीकार किया है कि गुणवत्ता की गड़बड़ी के कारण यह पुल इस तरह गिरा। 15 साल में पहली बार सरकार अब किसी पुल के गिरने की निगरानी जांच करा रही है।

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मुख्यमंत्री के कार्यकाल में करीब दो लाख पुल बनाए गए हैं। एक भी पुल नहीं गिरा। 15 साल पुराने पुल गिरे। इनमें से कई संसद फंड से बनाए गाएं। तेजस्वी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि आप भी तो 1.5 साल मंत्री थी तो अपने क्यों नहीं जांच किया। वह पुल गिरने के मामले को मुद्दा बनाकर पूरे देश में बिहार को बदनाम करने की साजिश करते रहे। हमारे नेता नीतीश कुमार पुल के हेल्थ कार्ड बनाने का आदेश दिया। 15 अगस्त से पहले सभी अधिकारियों को पुलों के हेल्थ कार्ड जारी करने का निर्देश दिया गया है।

सवाल: अररिया में पिछले 13 साल 3 बार पुल बनाए गए लेकिन तीनों बात टूट गया। सरकार नदी की प्रकृति पर क्यों नहीं विचार करती है? 

 

जवाब: सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। इसीलिए एप के माध्यम से इसकी निगरानी की जाएगी। सीमांचल की नदिया अत्यधिक सिल्ट के कारण अपनी धारा बदलती है। इसलिए पुल निर्माण से पहले नदियों की प्रकृति की भी जांच की जाएगी।

 

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