बिहार की कानून-व्यवस्था पर विपक्ष के आक्रोश मार्च से पहले नीतीश ने बुलाई हाई लेवल रिव्यू मीटिंग
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 19 जुलाई (शुक्रवार) को राज्य की विधि-व्यवस्था की स्थिति को लेकर समीक्षा बैठक करेंगे। बैठक में राज्य मंत्रिपरिषद के सभी वरीय मंत्रियों के अलावा बिहार के मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा, डीजीपी आरएस. भट्टी, गृह विभाग के प्रधान सचिव अरविंद कुमार चौधरी और सचिव प्रणव कुमार मौजूद रहेंगे। इसके अलावा सभी प्रमंडलों के आयुक्त, जिलों के डीएम, एसएसपी और एसपी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक में शामिल होंगे।
विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख मुकेश सहनी के पिता की हत्या के बाद, कानून व्यवस्था एक ऐसा मुद्दा बन गया है जिसे बिहार में अब कोई भी हल्के में नहीं लेना चाहता न तो विपक्ष और न ही राज्य सरकार। महागठबंधन के सहयोगी दलों ने बिगड़ती विधि व्यवस्था के खिलाफ 20 जुलाई को आक्रोश मार्च निकालने का आह्वान किया है।
कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर एनडीए द्वारा 2005 से पहले की स्थिति का हवाला देकर हमेशा बैकफुट पर धकेली जाने वाली आरजेडी अब तेजी से हमलावर हो रही है। राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा कि तब और अब की स्थिति की तुलना के लिए पटना के गांधी मैदान में खुली बहस होनी चाहिए। उन्होने कहा कि यह अजीब है कि बिहार को कौन चला रहा है, कुछ रिटायर्ड नौकरशाह या कोई अज्ञात बल। अगर सीएम को मौजूदा स्थिति की जानकारी है तो यह गंभीर चिंता का विषय है। यह जंगलराज नहीं तो और क्या है? हर जिले से घटनाएं सामने आ रही हैं और यहां एक ऐसी सरकार है जो आराम पाने के लिए अभी भी अतीत में जीना चाहती है।
वहीं राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने आंकड़े पेश करते हुए कहा कि 2005 में राज्य में प्रति एक लाख की आबादी पर सिर्फ 122 अपराध दर्ज किये गये थे। हम अपना 2005 वाला बिहार वापस लाना चाहते हैं। 2005 से पहले अपराध की स्थिति के बारे में एक गलत कहानी बनाई जा रही है। वहीं जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने पलटवार करते हुए कहा कि आरजेडी 20 जुलाई को आक्रोश मार्च की योजना बना रहा है, नौकरी चाहने वालों को चोट पहुंचाने की उसकी मानसिकता को दर्शाता है।
उन्होने कहा राज्य भर में, शिक्षक भर्ती परीक्षा 19-22 जुलाई को निर्धारित है और विपक्ष 20 जुलाई को मार्च निकालेगा, जब बिहार पुलिस ने 48 घंटे के भीतर वीआईपी प्रमुख के पिता की हत्या के मामले को सुलझा लिया है। नीतीश सरकार में कार्रवाई त्वरित होती है।
नीरज कुमार ने कहा कि कानून- व्यवस्था शुरू से ही नीतीश कुमार की प्रमुख चिंता रही है और यही कारण है कि उन्होंने विपक्ष के हंगामे के मद्देनजर स्थिति की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई थी। उन्होंने कहा, मंत्रियों के साथ-साथ मुख्य सचिव, डीजीपी और अन्य शीर्ष अधिकारी सुशासन मॉडल को बहाल करने के लिए मौजूद रहेंगे।
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बिहार पुलिस भी तुरंत अपने स्वयं के आंकड़ों के साथ अपना रिपोर्ट कार्ड पेश करने के लिए सामने आई, जिसमें कहा गया कि वर्ष 2023 में राज्य की जनसंख्या 8.3 करोड़ से बढ़कर 13.07 करोड़ होने के बावजूद पिछले 24 वर्षों में प्रति लाख जनसंख्या पर सबसे कम हत्या दर्ज की गई। एडीजी (मुख्यालय) जेएस गंगवार ने आंकड़े साझा करने के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी।