Published On: Sun, Jul 14th, 2024

मालदीव के बुरे वक्त में मदद को आगे आया भारत, चीन की गोद में बैठे मुइज्जू को अब आएगी अक्ल?


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India Maldives Tension: पिछले साल मोहम्मद मुइज्जू मालदीव के राष्ट्रपति बने थे। उसके बाद से ही माले और नई दिल्ली के बीच रिश्ते खराब होते चले गए। उन्होंने आते ही मालदीव में तैनात भारतीय सैनिकों को देश छोड़ने का आदेश दिया, जोकि मई तक वापस भारत लौट आए। दोनों देशों के बीच बिगड़ते रिश्तों को पटरी पर लाने की कई बार कोशिशें की गई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भी मोहम्मद मुइज्जू को बुलाया जाना दोनों देशों के संबंधों को सुधारने की दृष्टि से ही देखा गया। वहीं, मालदीव पिछले कुछ समय में चीन के करीब जाता दिखा है, लेकिन इसके बाद भी भारत मालदीव के बुरे वक्त में उसके साथ खड़ा हुआ है। भारत ने मालदीव को ताजे फल, सब्जियां, प्याज, अंडे आदि भिजवाए हैं। 

भारत से 150 टन कच्चे खाद्य पदार्थों की पहली खेप मालदीव के दक्षिणी बंदरगाह अड्डू पहुंची है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इससे दक्षिणी द्वीपों में आयात की लागत और जटिलता कम हो जाएगी। ताजे फल, सब्जियां, प्याज, लहसुन और अंडे लेकर एक भारतीय जहाज तूतीकोरिन बंदरगाह से रवाना हुआ और बुधवार देर रात मालदीव के सबसे दक्षिणी द्वीप अड्डू के हिताधू बंदरगाह पर पहुंचा। भारतीय मालवाहक जहाज के आगमन से मालदीव पोर्ट्स लिमिटेड (एमपीएल) द्वारा तमिलनाडु के तूतीकोरिन बंदरगाह से अड्डू के हिताधू बंदरगाह तक सीधा जहाज मार्ग भी खुल गया। 

एटोल टाइम्स न्यूज पोर्टल ने शुक्रवार को बताया कि अब इस्पात के जहाजों से मालदीव के इस हिस्से में बिना किसी रुकावट के खाद्य पदार्थ लाए जा सकते हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि यह सेवा केरल स्थित फिनैस ग्रुप संचालित करेगी, जो मालदीव को फलों और सब्जियों का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है। बता दें कि भारत और मालदीव के रिश्ते खराब होने की वजह से द्वीप देश को तगड़ा झटका लगा है। भारत से हर साल पहले बड़ी संख्या में पर्यटक मालदीव पहुंचते थे, लेकिन इस साल आंकड़ों में कमी आई है। लगभग हर महीने भारत से मालदीव पहुंचने वाले पर्यटक घटे हैं, जिसकी वजह से उसे आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ा है।

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