Published On: Sun, Jul 14th, 2024

चिराग पासवान की लोजपा के बागी शंकर सिंह ने एनडीए को हराया, 19 साल बाद दोबारा रुपौली जीते


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बिहार की रुपौली विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के बागी शंकर सिंह बतौर निर्दलीय प्रत्याशी जीत गए। उन्होंने जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) का किला ढहा दिया। निर्दलीय शंकर सिंह ने जेडीयू प्रत्याशी कलाधर मंडल को 8 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से हराया, जबकि आरजेडी की कैंडिडेट बीमा भारती तीसरे नंबर पर रहीं। बाहुबली नेताओं में गिने जाने वाले शंकर सिंह लोजपा के नेता रहे हैं। 2005 में वे रुपौली से लोजपा के टिकट पर पहली बार विधायक बने थे। अब 19 साल बाद उन्होंने फिर से जीत दर्ज की।

नवनिर्वाचित विधायक शंकर सिंह रुपौली से लगातार चुनाव लड़ रहे हैं। जब लोजपा एनडीए में रही तो उन्होंने निर्दलीय इलेक्शन लड़ा और जब एनडीए से अलग रही तो उन्होंने लोजपा के टिकट पर मैदान में किस्मत आजमाई। 2005 में वे पहली बार चुनाव जीतकर विधायक बने, लेकिन किसी भी पार्टी को बहुमत न मिलने के कारण 6 महीने बाद फिर विधानसभा चुनाव हुए, जिसमें वे जेडीयू से हार गए। इसके बाद उन्होंने 2010, 2015 और 2020 का विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन हार मिली।

अति पिछड़ा वोट बंटने से रुपौली हारी जेडीयू; सवर्ण, मुस्लिम के सहारे शंकर सिंह जीते

2020 के विधानसभा चुनाव में लोजपा एनडीए से अलग रहकर चुनावी मैदान में उतरी थी। जेडीयू के टिकट पर बीमा भारती ने इस चुनाव में जीत दर्ज की, लेकिन लोजपा के शंकर सिंह दूसरे नंबर पर रहे थे। शंकर सिंह की गिनती बाहुबली से नेता बने चुनिंदा लोगों में होती है। एक समय उनके गिरोह की बीमा भारती के पति अवधेश मंडल के गुट से भिड़ंत्त होती थी। शंकर सिंह क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहे और अपनी छवि एक समाजसेवी के रूप में बनाई। यही कारण रहा कि 2024 के उपचुनाव में रुपौली की जनता ने उन्हें पार्टी लाइन से ऊपर उठकर वोट देकर जिताया। 

पूर्णिया के बाद रुपौली भी हारी जेडीयू, नीतीश और मंत्रियों के प्रचार पर भारी पड़े शंकर सिंह

बता दें कि रुपौली में उपचुनाव के लिए 10 जुलाई को मतदान हुआ था। जेडीयू से पाला बदलकर गईं बीमा भारती को आरजेडी ने प्रत्याशी बनाया। वहीं, जेडीयू ने इस बार कलाधर मंडल को मैदान में उतारा। एनडीए के तहत यह सीट जेडीयू के खाते में जाने के बाद लोजपा रामविलास के नेता शंकर सिंह बागी हो गए और निर्दलीय पर्चा भर दिया। इससे एनडीए में पसोपेश की स्थिति बन गई। हालांकि, लोजपा रामविलास के प्रमुख चिराग पासवान रुपौली में जेडीयू के समर्थन में प्रचार करने पहुंचे और उन्होंने नीतीश की पार्टी को सार्वजनिक समर्थन देकर स्थिति स्पष्ट कर दी। इसके बावजूद, शंकर सिंह एनडीए के सवर्ण वोटबैंक को अपने पाले में करने में कामयाब हुए। उन्हें मुस्लिमों का भी समर्थन मिला।

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