Bihar News: गया में मौत को दावत दे रहे NH-2 के पुल-पुलिया; जर्जर हालत-गड्ढे देख राहगीरों को हर पल सताता है डर
गया में जर्जर पुल और पुलिया से वाहन चालक और राहगीर हैं भयभीत
– फोटो : अमर उजाला
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भारत की राजधानी दिल्ली से उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड होते हुए बंगाल की राजधानी कोलकाता जाने वाली लाइफ लाइन नेशनल हाईवे-2 पर कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना घट सकती है। इसका डर गया स्थित इस मार्ग पर आने जाने वाले राहगीरों और वाहन चालकों को लगा रहता है, क्योंकि जिस तरह से बिहार में लगातार एक के बाद एक पुल-पुलिया गिरने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं, अब नेशनल हाईवे पर बने पुराने पुल-पुलिया भी जर्जर हालत में हो गए हैं। इससे आने जाने वाले वाहनों की रफ्तार पर तो ब्रेक लगता ही है। साथ ही डर और खौफ के साये में धीमी गति में नेशनल हाईवे पर बने पुल-पुलिया को पार करते हैं।
दरअसल, गया जिले के शेरघाटी अनुमंडल से गुजरने वाला नेशनल हाईवे-2 पर कई पुल-पुलिया सालों पुराने हैं, जिनकी हालात काफी जर्जर हो गई है। पुल-पुलिया के निचले भाग में कहीं दरारें पड़ रही हैं तो कहीं छड़ बाहर निकल आए हैं तो ऊपर गड्ढे हो गए हैं, जिससे इस मार्ग पर आने जाने वाले छोटे-बड़े वाहनों के परिचालन पर भी काफी असर देखने को मिलता है। साथ ही छोटे-बड़े वाहन हिचकोले खाते हुए डर के साथ पुल-पुलिया को पार करते हैं।
स्थानीय युवक प्रवीण कुमार ने बताया कि ये बिहार झारखंड की सीमा पर अवस्थित चोरदाह गांव है, जहां नदी के इस पार बिहार है और उस पार झारखंड है। उन्होंने बताया कि इस पुल की स्थिति बहुत खराब है। कभी भी कुछ भी हो सकता है। पुल की स्थिति आप देख ही रहे हैं कि कैसी है। छोटे वाहनों के परिचालन से कोई परेशानी नहीं होती है, लेकिन बड़े मालवाहक वाहनों के गुजरने से कभी भी कुछ हो सकता है। उन्होंने बताया कि जब बड़े मालवाहक वाहन आते हैं तो डर सा लगता है। उसमें भी बारिश का समय है, अभी तो कुछ भी हो सकता है। इस पुल से हम लोग प्रतिदिन आते जाते हैं। डर सा लगा रहता है कि यहां भी कुछ हो न जाए। उन्होंने कहा कि ये भी गिरेगा और अब यह गिरने वाली स्थिति में आ चुका है, क्योंकि पुराना हो गया है। इसलिए कभी भी गिर सकता है।
वहीं, गया जिले के बाराचट्टी प्रखंड के रहने वाले रामवृक्ष गुप्ता (55) कहते हैं कि एनएच-टू दिल्ली से कोलकाता को जोड़ने वाला मुख्य सड़क मार्ग है। बाराचट्टी प्रखंड के शोभ बाजार के पास गुलसकरी नदी के बीच बना करीब सौ फुट लंबे पुल को बचपन से देखते आ रहे हैं। आज इस पुल की स्थिति जर्जर हो चुकी है। कोई भी देखने वाला नहीं है। जब इस पुल को पार करते हैं तो डर बना रहता है कि कहीं कोई दुर्घटना न हो जाए। चुनाव के समय कई प्रतिनिधि आते हैं, सभी से आश्वासन तो मिलता है। लेकिन आज तक इस जर्जर पुल की मरम्मत नहीं हुई है।
इसके साथ ही झारखंड के चाईबासा से मालवाहक वाहन लेकर आ रहे चालक ने बताया कि बिहार में पुल-पुलिया की स्थिति खराब रहती है। ज्यादातर कोई भी ऐसा पुल ले लो, थोड़ा बहुत जरूर खराब होगा और जो पुराने पुल हैं उनपर तो डर लगता ही है कि कब गाड़ी गिर न जाए।