Published On: Thu, Jul 11th, 2024

आपके पास ये अधिकार नहीं… जमानत के लिए जज ने रखी ऐसी शर्त, HC भी हो गया हैरान


हाइलाइट्स

सेशन जज ने आरोपी को जमानत के लिए पासपोर्ट जमा कराने के लिए कहा.आरोपी के पास पासपोर्ट नहीं था. उसे 4 महीने का वक्‍त दिया गया.बॉम्‍बे हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले पर हैरानी व्‍यक्‍त की.

मुंबई. आमतौर पर किसी आरोपी को जमानत देने से पहले अदालतें कड़ी शर्तें लगाती हैं ताकि वो कानूनी प्रक्रिया से बचकर भाग ना सके. मायानगरी में एक ऐसा मामला सामने आया जहां सेशन कोर्ट ने आरोपी के सामने ऐसी शर्त लगा दी, जिसे चाह कर भी वो पूरा नहीं कर सकता था. दरअसल, हुआ कुछ यूं कि आरोपी को जमानत देने से पहले सेशन कोर्ट ने उसे अपना पासपोर्ट जमा कराने का आदेश दिया. आरोपी के पास पासपोर्ट था ही नहीं. ऐसे में जब उसने कोर्ट के समक्ष इस बात की जानकारी दी तो उसे चार महीने का वक्‍त पासपोर्ट बनाने के लिए दे दिया गया. जब इस पूरे घटनाक्रम के बारे में बोम्‍बे हाईकोर्ट को पता चला तो उन्‍होंने इस मामले में अपनी नाराजगी व्‍यक्‍त की.

बॉम्बे हाईकोर्ट की गोवा बेंच के न्यायमूर्ति भारत देशपांडे ने निचली अदालत के आदेश पर हैरानी जताई. बेंच ने कहा कि इस तरह के आदेश से सेशन कोर्ट स्पष्ट रूप से आरोपी को पासपोर्ट के लिए आवेदन करने और फिर उसे जमा करने के लिए बाध्य कर रहा है. बेंच ने पूछा कि क्‍या न्यायालय यह उम्मीद कर रहा था कि आरोपी पहले पासपोर्ट के लिए आवेदन करेगा, उसे प्राप्त करेगा और फिर जेल से रिहा होने से पहले उसे पुलिस के पास जमा कर देगा.

यह भी पढ़ें:- दिल्‍ली वालों सावधान! फिर शहर में चलने वाला है अवैध निर्माण पर बुलडोजर, हाईकोर्ट का आदेश

कोर्ट के पास यह अधिकार नहीं…
हाईकोर्ट ने कहा, “जमानत देने के लिए पासपोर्ट जमा करने की शर्त लगाते समय सेशन कोर्ट के पास किसी व्यक्ति को पासपोर्ट के लिए आवेदन करने, उसे प्राप्त करने और फिर उसे सरेंडर करने का निर्देश देने का अधिकार नहीं है. पहली बार लगाई गई असामान्य शर्त और उसके बाद उसमें संशोधन न करना स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि एडिशनल सेशन जज ने अपने अधिकारों से परे जाकर काम किया है.”

संशोधन की याचिका पर भी जज नहीं मानें…
बेंच ने पासपोर्ट जमा करने की शर्त को खारिज कर दिया. अदालत इसी साल गोवा में अगासैम में हत्‍या के प्रयास के मामले में अरेस्‍ट हुए 18 वर्षीय युवक की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी. सेशन जज ने उसे 50,000 रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी थी, साथ ही पुलिस के समक्ष अपनी उपस्थिति दर्ज कराने और अदालत के समक्ष अपना पासपोर्ट जमा करने जैसी कुछ अन्य शर्तें भी रखी थीं. युवक ने अपनी याचिका में कहा कि उसके पास पासपोर्ट न होने की बात सत्र अदालत को बताई गई थी, लेकिन इस पर विचार नहीं किया गया. व्यक्ति ने सत्र अदालत के समक्ष अपने जमानत आदेश में शर्त में संशोधन की मांग करते हुए एक आवेदन दायर किया. हालांकि, शर्त में संशोधन करने के बजाय, सत्र अदालत ने शर्त को चार महीने के लिए निलंबित कर दिया और आरोपी को तब तक पासपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया.

Tags: Bombay high court, Goa news, Mumbai News

.



Source link

About the Author

-

Leave a comment

XHTML: You can use these html tags: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>