Published On: Tue, Jul 9th, 2024

Zika Virus: गर्भावस्था में जीका संक्रमण गंभीर समस्याओं का बन सकता है कारण, पुणे में बढ़ते मामलों को लेकर अलर्ट


महाराष्ट्र और इसके आसपास के शहरों में मच्छर जनित रोग जीका के मामलों के बढ़ने की खबर है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसे कई तरह से खतरनाक मान रहे हैं। अध्ययनों में इसे अन्य मच्छर जनित रोगों से अधिक जोखिमों वाला माना जा रहा है, विशेषतौर पर गर्भवती और बच्चों में इस संक्रमण के कारण गंभीर रोग विकसित होने का खतरा हो सकता है।

आईसीएमआर-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी (आईसीएमआर-एनआईई) के विशेषज्ञों ने बताया कि वैसे तो पुणे में शहर के चुनिंदा हिस्सों में ही जीका के मामले सामने आए हैं, लेकिन वायरस ज्यादातर इलाकों में फैल सकता है और यह भी संभव है कि इससे बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हो सकते हैं। चूंकि अभी जांच कम है इसलिए वास्तविक संख्या का पता नहीं चल सका है लेकिन इसकी संख्या अधिक हो सकती है।

विशेषज्ञों के अनुसार, जीका के ज्यादातर मामले ऐसे रोगियों में सामने आए हैं, जिन्होंने जीका प्रभावित क्षेत्रों की यात्रा नहीं की है। इससे स्पष्ट होता है कि पुणे में जीका वायरस का स्थानीय स्तर पर संक्रमण है।




पुणे शहर में जीका के मामले

 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रविवार (7 जुलाई) तक शहर में 11 मामले सामने आए हैं। इसके अलावा कुछ मामले महाराष्ट्र के कुछ शहरों में देखे गए थे। आईसीएमआर-एनआईई के निदेशक और वैज्ञानिक डॉ. मनोज मुरहेकर बताते हैं, ‘पुणे में जीका संक्रमण के मामले शहर के अलग-अलग हिस्सों में छिटपुट जरूर हैं, लेकिन ये संकेत है कि संक्रमित मच्छरों के मामले बढ़ रहे हैं। जीका वायरस के नियंत्रण के उपाय अन्य वेक्टर जनित बीमारियों जैसे ही होते हैं जिसको लेकर सभी लोगों को गंभीरता दिखाने की जरूरत है।


गर्भवती के लिए संक्रमण हो सकता है गंभीर

स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, जीका का संक्रमण अन्य मच्छरजनित रोगों की तुलना में अधिक खतरनाक हो सकता है। विशेषतौर पर गर्भवती और बच्चों में संक्रमण की स्थिति गंभीर रोगों का कारण बन सकती है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के विशेषज्ञों ने बताया, जीका वायरस गर्भवती महिला से उसके गर्भ में पल रहे बच्चे में भी फैल सकता है। गर्भावस्था के दौरान संक्रमण से कई प्रकार के जन्मजात दोष हो सकते हैं।

जीका से संक्रमित कई लोगों में लक्षण नहीं दिखाई देते हैं, जिससे संक्रमण की पहचान करना भी कठिन हो जाता है। सबसे आम लक्षण बुखार, त्वचा पर दाने, सिरदर्द, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द और आंखें लाल होना है। इन संकेतों पर ध्यान देते रहना बहुत आवश्यक है।


जन्म के समय शिशुओं में हो सकती हैं ऐसी दिक्कतें

गर्भावस्था के दौरान जीका वायरस संक्रमण बच्चों में मस्तिष्क या आंख से संबंधित जन्मजात दोष पैदा कर सकता है। जन्मजात जीका वायरस संक्रमण वाले बच्चों में कई तरह की समस्याएं देखी जाती रही हैं। इसमें बच्चों के सिर का आकार छोटा होना (माइक्रोसेफली) सबसे आम है। इसके अलावा बच्चों के मस्तिष्क के विकास की समस्याएं, खाने की समस्याएं जैसे निगलने में कठिनाई, सुनने-देखने की समस्या होना, जोड़ों की गति में कमी और मांसपेशियों में अकड़न जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। 


संक्रमण और मच्छरों से बचाव की सलाह

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बताया, आप मच्छरों के काटने से खुद को बचाकर और सुरक्षित संभोग के माध्यम से जीका वायरस संक्रमण से बचे रह सकते हैं। संक्रमित व्यक्ति के शरीर के तरल पदार्थों की तुलना में वीर्य में वायरस अधिक समय तक रह सकता है, ऐसे में संक्रमण से बचाव के लिए सुरक्षित संभोग का ध्यान रखना बहुत आवश्यक हो जाता है। इसके अलावा मच्छरों के काटने से बचने के उपाय करना, सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करना भी आपको इस रोग से सुरक्षित रखने में सहायक है।

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स्रोत और संदर्भ

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