Published On: Sun, Jul 7th, 2024

बिहार में ढहते पुलों के बीच हादसे को दावत देती पुलिया; आधी सड़क पर लटकी, जिम्मेदार बने लापरवाह


कैमूर जिले के चांद व रामपुर प्रखंड की नहर, वितरणी व रजवाहा पर बनी पुलिया हादसों को दावत दे रही हैं। चांद प्रखंड के किलनी गांव के पास जगदहवां मुख्य नहर पर निर्मित पुलिया का जहां आधा हिस्सा टूट चुका है, वहीं रामपुर प्रखंड की नहर व वितरणियों पर बनी पुलियों की सुरक्षा दीवार टूटकर दुर्घटनाओं को आमंत्रण दे रही हैं। बगही पुलिया की सुरक्षा दीवार टूटने के कारण दो साइकिल सवार की पानी में गिरने से मौत तक हो चुकी है। किलनी की पुलिया टूटने से सबसे ज्यादा परेशानी किसानों को हो रही है। चांद चौक पर अंग्रेजों के जमाने की पुलिया की भी सुरक्षा दीवार ध्वस्त हो चुकी है।

चांद प्रखंड के किलनी के पास की पुलिया का आधा हिस्सा वर्ष 2021 में ही टूट गया था। स्थानीय किसानों ने प्रशासन से गुहार लगाई, पर अब तक न तो इसकी मरम्मत कराई जा सकी और न ही जीर्णोंद्धार हो सका है। खतरा को टालने के लिए पत्थर रख इसकी घेराबंदी जरूर कर दी गई है। इस पुलिया से ट्रैक्टर, कार, ट्रक का आवागमन उसी समय से बंद है। जबकि इस पुलिया से किसान कृषि कार्य के लिए खाद-बीज ट्रैक्टर से ले जाते थे। फसल की कटनी करने के लिए हार्वेस्टर पहुंचाते थे। अपनी उपज बाजार ले आते थे। लेकिन, पुलिया का आधा हिस्सा ध्वस्त हो जाने से यह काम नहीं हो पा रहा है।

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किलनी निवासी पूर्व मुखिया राजेश कुमार व कुढ़नू के सुरेंद्र पांडेय बताते हैं कि जब पुलिया ठीक थी, तब किसान 10-15 मिनट में अपने खेतों पर पहुंच जाते थे। खाद, बीज ले जाना और उपज बाजार में पहुंचाना आसान था। अब उन्हें दूसरे रास्ते से खेत पर 30 मिनट में पहुंचना पड़ रहा है। पुलिया के अभाव में कुढ़नू, इचांव, हसरेव, लोहदन, नौवा आदि गांव के लोग एनएच के रास्ते खरिगांवा व वहां से हाटा जाते थे। ग्रामीणों के अनुरोध पर डीएम ने पुलिया के जीर्णोंद्धार कराने का निर्देश दिया था। लेकिन, विभाग का कहना है कि राशि आवंटित होने पर यह काम होगा।

चांद चौक के पास रजवाहा पर बनी पुलिया की सुरक्षा दीवार टूटी, तो निर्मित नहीं हुई। वर्ष 2010 में सुरक्षा दीवार टूटी थी। चांद के सतीश चंद्र पांडेय, राजकुमार यादव, राधेश्याम सिंह बताते हैं कि अंग्रेज के शासन में इस पुलिया का निर्माण हुआ था। 12 फुट लंबी इस पुलिया से रजवाहा में बाइक सहित चालक व ट्रैक्टर की ट्रॉली गिर गई है। रात में इस पुलिया से आने-जाने में काफी परेशानी होती है। कुढ़नू और किलनी के किसानों का कहना है कि संबंधित विभाग के कार्यपालक अभियंता से लेकर कनीय अभियंता तक को आवेदन दिए। दूरभाष व मौखिक आग्रह किया गया। लेकिन, आज तक पुलिया का जीर्णोंद्धार नहीं हो सका।

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कनीय अभियंता सोनू कुमार ने बताया कि पुलिया को बनवाने के लिए तीन बार प्राक्कलन बनाकर विभाग में भेजा। लेकिन, अबतक राशि नहीं मिली। इस कारण टूटी पुलिया नहीं बन पायी। कोई दुर्घटनाग्रस्त न हो, इसके लिए बैरिकेडिंग कराई गई है। संकेतक बोर्ड लगवाया गया था, जिसे ग्रामीण काट कर ले गए हैं। 

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