खड़े होकर गुजरी पूरी रात, 24 घंटे रहे भूखे-प्यासे; गंडक नदी में फंसे 100 लोगों का रेस्क्यू

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बिहार के बगहा जिले गंडक के पानी में फंसे दियारा क्षेत्र के 100 से अधिक लोगों को एसडीआरएफ की मदद से बचा लिया गया है। रविवार को अधिकतर लोग घर लौट आए हैं। वहीं, कुछ लोग दियारा में ही सुरक्षित जगहों पर रुके हैं। इस दौरान बाढ़ के पानी में फंसे बच्चे-बुजुर्ग व महिलाओं ने करीब 24 घंटे तक घोठा (दियारा में खेती की देखभाल करने को बनाया घर) के छप्पर पर बिताए।
शनिवार को खेतीबाड़ी के लिए गंडक पार के टिकरा, ओझवलिया व सेमरा रेता में गये कैलाशनगर वार्ड-4, 6, 7 और 8 के सौ से अधिक लोग गंडक नदी के पानी के बीच फंस गये। शनिवार दोपहर बाद तेजी से पानी बढ़ने पर लोग घोठा के छप्पर पर 24 घंटे तक समय बिताया। उनके नहीं लौटने पर परिजनों ने नगर प्रशासन को सूचना दी। रविवार को एसडीआरएफ की टीम बुलाई गई। भूख से बिलबिलाते बच्चे और अन्य लोगों के लिए चूड़ा-गुड़ लेकर टीम पहुंची। इसके बाद सभी को सुरक्षित रेस्क्यू कर निकाला गया।
40 लोगों को कैलाशनगर के नारायणापुर घाट पर रेस्क्यू किया गया। सेमरा-लबेदहा रेता के लोगों को रेस्क्यू कर पिपरासी ले जाया गया। अभी कुछ लोग गंडक पार में सुरक्षित स्थानों पर रुके हैं। बगहा-2 के सीओ निखिल कुमार ने बताया कि दियारा में फंसे अधिकतर लोगों को एसडीआरएफ की मदद से निकाला गया है। सभी लोग सुरक्षित हैं, वे लोग घर लौट गये हैं।
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बाल-बच्चों और मवेशियों के साथ गंडक पार गए लोग शनिवार दोपहर बाद गंडक का पानी फैलने के बाद घोठा के छप्पर पर बैठ गये। रात के अंधेरे में महिलाओं और पुरुषों ने नदी की धार की आवाज के बीच किसी तरह एक-दूसरे को संभाला। मवेशियों के दूध से बच्चों की भूख लोगों ने मिटाई। बगहा नगर परिषद के उपसभापति रश्मि रंजन ने बताया कि सभी लोग सुरक्षित हैं। घबराने की जरूरत नहीं है।