Bad Quality Of Universal Cartons Fear Of Apples And Pears Getting Spoiled – Amar Ujala Hindi News Live
यूनिवर्सल कार्टन बेहतर गुणवता न होने के कारण फट और दब रहे हैं।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
विस्तार
इस वर्ष से शुरू हुए यूनिवर्सल कार्टन की गुणवत्ता पर आढ़ती और बागवानों ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। प्रदेश सरकार की ओर से इस वर्ष से सेब कारोबार टेलिस्कोपिक कार्टन की जगह यूनिवर्सल कार्टन में करने के निर्देश दिए गए हैं।
यूनिवर्सल कार्टन की गुणवत्ता सही न होने के चलते सेब और नाशपाती की फसल मंडी में पहुंचने से पहले ही दागी हो रही है। सेब और नाशपाती की पेटी को मंडी और मंडी से बाहरी राज्यों को भेजने के लिए ट्रक में ले जानी पड़ती हैं। टेलिस्कोपिक कार्टन की एक पेटी 12 से 13 पेटियों का भार आसानी से सह लेती थी, लेकिन यूनिवर्सल कार्टन की एक पेटी के छह से सात पेटियां रखते ही पेटी फट जाती है और पेटी में लाया फल भी दबकर खराब होना शुरू हो जाता है। आढ़तियों के अनुसार टेलिस्कोपिक कार्टन को बनाने में जो गत्ता उपयोग किया जाता था, वह सख्त और बेहतर गुणवत्ता का होता है। उसमें आसानी से माल लाया और ले जाया जा सकता है। यूनिवर्सल कार्टन बनाने वाली कंपनी कार्टन में जो गत्ता प्रयोग कर रही है वह नरम है। इसकी वजह से वह ज्यादा भर सहन नहीं कर पा रहा है।
भट्ठाकुफर फल मंडी में शनिवार को रोहड़ू, करसोग, कोटखाई और ठियोग से यूनिवर्सल कार्टन में पहुंची सेब और नाशपाती की पेटियों की सप्लाई में भी यही स्थिति देखने को मिली। मंडी के आढ़ती प्रवीण ने बताया कि पुराने कार्टन के मुकाबले नए की गुणवत्ता खराब है। मंडी तक पहुंचने से पहले ही नाशपाती कार्टन में दबकर खराब हो रही है। मंडी में फसल लेकर करसोग से पहुंचे बागवान प्रेम चंद और सुरेंद्र ठाकुर ने कहा कि नए कार्टन में पेटियों को गाड़ी में लोड और अनलोड करने में समस्या पेश आ रही है।
नई पेटियों में नहीं करनी आ रही पैकिंग
बागवानों को नए कार्टन में सेब की पैकिंग करनी नहीं आ रही है। नए कार्टन में सेब या नाशपाती समान आकार ही होनी चाहिए। फलों का आकार बराबर नहीं होने पेटी दब रही है। आढ़तियों का कहना है कि बागवान यूनिवर्सल कार्टन में ऊपर बड़े और नीचे छोटे आकार का सेब और नाशपाती भरकर ला रहे हैं, इससे पेटी खाली जगह होने के चलते भार पड़ने की वजह से दब रही है।