Published On: Fri, Jul 5th, 2024

Iit Mandi Started Special Ms And Phd Programs For The First Time In The Field Of Music And Music Therapy – Amar Ujala Hindi News Live


IIT Mandi started special MS and PhD programs for the first time in the field of music and music therapy

आईआईटी मंडी नॉर्थ कैंपस
– फोटो : अमर उजाला नेटवर्क

विस्तार


संगीत, स्वास्थ्य और प्रौद्योगिकी के बीच तालमेल बिठाकर व्यक्तिगत और सामूहिक दोनों तरह की खुशहाली में उल्लेखनीय प्रगति हासिल की जा सकती है। इसी क्षमता को पहचानते हुए, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मंडी के सेंटर फॉर इंडियन नॉलेज सिस्टम एन्ड मेन्टल हेल्थ एप्लीकेशन संगीत और संगीत चिकित्सा में अद्वितीय एमएस (बाय रिसर्च) और पीएचडी कार्यक्रम शुरू कर रहा है।

इन कार्यक्रमों के लिए ऑनलाइन आवेदन 15 जुलाई 2024 तक स्वीकार किए जा रहे हैं। अधिक जानकारी के लिए, कृपया यहां जाएं: https://iksmha.iitmandi.ac.in/musopathy.php यह पहल अंतःविषयी शिक्षा को बढ़ावा देने और भारतीय संगीत के सम्मानित क्षेत्र तथा तेजी से विकसित हो रहे संगीत चिकित्सा के क्षेत्र में योगदान करने की हमारी प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। यह कार्यक्रम पूर्णकालिक और अंशकालिक दोनों छात्रों के लिए खुला है और योग्य उम्मीदवार कहीं से भी लाइव, ऑनलाइन या हाइब्रिड प्रारूप में इसका अध्ययन कर सकते हैं।

इस नए कार्यक्रम के बारे में बोलते हुए, आईआईटी मंडी के निदेशक प्रो. लक्ष्मीधर बेहेरा ने कहा, “आईआईटी मंडी भारतीय ज्ञान प्रणाली से संबंधित विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास को बढ़ाने के लिए समर्पित है। संगीत और संगीत और संगीत चिकित्सा में एमएस और डॉ. फिलोसफी कार्यक्रम इस प्रयास में एक और महत्वपूर्ण कदम हैं। यह कार्यक्रम न केवल भारतीय संगीत के विज्ञान की खोज करेगा, बल्कि मन, शरीर, और चेतना के समग्र विकास के लिए इसके चिकित्सीय मूल्य को भी उजागर करेगा।”

संगीत और संगीत चिकित्सा (म्यूसोपैथी) में एम.एस. और पीएच.डी. कार्यक्रम शोध आधारित होते हैं, जिनका उद्देश्य उच्च कुशल पेशेवरों और शोधकर्ताओं को तैयार करना होता है जो संगीत के विकास और समझ में सार्थक योगदान दे सकें और व्यक्तियों और समाज पर इसके लाभकारी प्रभावों को समझ सकें, जिसमें म्यूसोपैथी का कल्याण केंद्रित क्षेत्र भी शामिल है। यह कार्यक्रम संगीत और संगीत चिकित्सा के बारे में गहन अध्ययन हैं। इन कार्यक्रमों को करने के बाद, आप ऐसे विशेषज्ञ बन सकते हैं जो संगीत के क्षेत्र में अनुसंधान कर सकते हैं और यह बता सकते हैं कि संगीत का लोगों के स्वास्थ्य और समाज पर क्या प्रभाव पड़ता है।

प्रमुख सलाहकार

संगीत, नृत्य और विज्ञान के महानायक इस तरह के पहले कार्यक्रम में एकत्र हुए हैं। पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित डॉ. सोनल मानसिंह, कनाडा के यॉर्क विश्वविद्यालय के माननीय प्राध्यापक एवं ताल विशेषज्ञ प्रो. त्रिची संकरन; आईआईएस्सी बैंगलोर के प्राध्यापक तथा प्रख्यात वैज्ञानिक डॉ. गौतम देसिराजू, शामिल हैं। चित्रवीणा एन. रविकिरण ने अग्रणी संगीत शिक्षा पोर्टल Acharyanet.com के सहयोग से इस प्रोग्राम के कुछ हिस्से को डिजाइन किया है।

Acharyanet.com की संस्थापक और सीईओ सौम्या आचार्य ने आईआईटी मंडी के साथ सहयोग पर अपनी उत्सुकता व्यक्त करते हुए कहा, “कला और विज्ञान, कल्याण और स्वास्थ्य के पहलुओं को जोड़ने वाले इस अनोखे कार्यक्रम में आईआईटी मंडी जैसे एक प्रमुख संस्थान के साथ सहयोगात्मक कार्य करना हमारे लिए सम्मान की बात है।”

 

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