Rajasthan News, Deependra Singh won gold in 50m rifle shooting | 50 मीटर राइफल शूटिंग में दीपेंद्र सिंह ने जीता गोल्ड़: राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर 15 मेडल जीते, बोले- शांत दिमाग से लगा सकते है बेहतर निशाना – Jaipur News
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जयपुर में जगतपुरा शूटिंग रेंज में 22वीं स्टेट लेवल चैंपियनशिप राइफल व पिस्टल का आयोजन 14 जुलाई तक किया जा रहा है। जगतपुरा शूटिंग रेंज में 50 मीटर राइफल, 10 मीटर राइफल के अलावा पिस्टल की प्रतियोगिता कराई जा रही है। चैंपियनशिप के तीसरे दिन 50 मीटर राइफ
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प्रतियोगिता में पिछले दो दिन से क्वालिफिकेशन राउंड चल रहे थे। क्वालिफिकेशन राउंड के बाद शुक्रवार को फाइनल प्रतियोगिता हुई। प्रतियोगिता में करीब एक हजार शूटर ने भाग लिया था। दीपेंद्र सिंह शेखावत ने 488 अंक हासिल किए। जोगेंद्र सिंह ने दूसरा और अजय कुमार ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। दीपेंद्र सिंह पिछले तीन साल से लगातार स्टेट लेवल चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल जीत रहे है।
![दीपेंद्र सिंह पिछले तीन साल से लगातार स्टेट लेवल चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल जीत रहे है।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/07/05/whatsapp-image-2024-07-05-at-82717-pm_1720194340.jpeg)
दीपेंद्र सिंह पिछले तीन साल से लगातार स्टेट लेवल चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल जीत रहे है।
दीपेंद्र सिंह ने गोल्ड जीतने के बाद बताया कि अब तक राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर 15 मेडल जीत चुके है। जर्मनी, बांग्लादेश में भी इंटरनेशनल शूटिंग में मेडल जीत चुके है। उन्होंने बताया कि बचपन में कर्नल नरेंद्र सिंह से निशानेबाजी की बारिकियां सीखी। वे ओपन साइट के बेहतर निशानेबाज रहे है। उनके पिता सुबेदार रघुवीर सिंह ने उन्हें कुशल निशानेबाज बनाने में खूब मदद की। वे लकड़ी की बंदूक देकर उनसे प्रैक्टिस कराते थे। खेत में ले जाकर एक्सरसाइज कराते थे। उन्हें मेडिटेशन कराते थे।
![50 मीटर राइफल ओपन साइट में सीकर के शूटर दीपेंद्र सिंह शेखावत](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/07/05/whatsapp-image-2024-07-05-at-94853-pm_1720196366.jpeg)
50 मीटर राइफल ओपन साइट में सीकर के शूटर दीपेंद्र सिंह शेखावत
उन्होंने बताया कि पूर्णरूप से शांत दिमाग रहने पर ही बेहतर निशाना लगाया जा सकता है। इसके लिए नियमित रूप से योगा व मेडिटेशन के साथ-साथ एक्सरसाइज की जाती है। कई घंटे तक ध्यान लगाना पड़ता है। उन्हें घर में दो-दो बेहतर गुरू मिले। यहीं से उन्हें निशानेबाजी की प्रेरणा मिली थी।