संजय झा को जेडीयू का कार्यकारी अध्यक्ष बना सकते हैं नीतीश कुमार, एनडीए में वापसी के सूत्रधार हैं सांसद
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बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल (यूनाइटेड) के अध्यक्ष नीतीश कुमार राज्यसभा सांसद संजय झा को जेडीयू का कार्यकारी अध्यक्ष बना सकते हैं। नीतीश सरकार में मंत्री रहे संजय झा पहली बार राज्यसभा के सांसद बने हैं और इसी हफ्ते उन्हें राज्यसभा में जदयू संसदीय दल का नेता बनाया गया है। नीतीश ने शनिवार को दिल्ली में जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक बुलाई है। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में संजय झा को पार्टी में नंबर दो की जिम्मेदारी दी जा सकती है। नीतीश समेत जेडीयू के कई वरिष्ठ नेता शुक्रवार को ही दिल्ली पहुंच गए हैं। शनिवार की बैठक में जेडीयू के सभी सांसद, मंत्री, राज्यों के पार्टी चीफ और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य हिस्सा लेंगे। संजय झा ने नीतीश की एनडीए में वापसी कराने में अहम भूमिका निभाई है।
जेडीयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक शनिवार को नई दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में होगी। इससे पहले पिछले साल 29 दिसंबर को दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई थी जिसमें ललन सिंह ने अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया था और खुद नीतीश कुमार ने जेडीयू की कमान संभाली थी। इसके एक महीने बाद नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन से अलग होकर एनडीए में वापस आ गए थे। ठीक 6 महीने बाद फिर से राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हो रही है।
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पार्टी के नेताओं ने संकेत दिए हैं कि इसमें कुछ बड़े फैसले लिए जा सकते हैं। सियासी गलियारों में इसको लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। मीटिंग से एक दिन पहले संजय झा को जेडीयू में अहम जिम्मेदारी देने की चर्चा हो रही है। लोकसभा चुनाव के बाद नरेंद्र मोदी सरकार में संजय झा के मंत्री बनने की अटकलें लगी थीं लेकिन पार्टी ने ललन सिंह और रामनाथ ठाकुर को मौका दिया। नीतीश की कोर टीम के सदस्य संजय झा पहली बार राज्यसभा पहुंचे हैं और उन्हें जेडीयू संसदीय दल का नेता बनाकर नीतीश ने ये संकेत दे दिया है कि वो इस समय उनके सबसे भरोसेमंद नेताओं में एक हैं।
संजय झा बिहार के मधुबनी जिले के झंझारपुर के रहने वाले हैं। वह जेडीयू के ब्राह्मण चेहरे हैं और मिथिलांचल के प्रमुख नेताओं में उनकी गिनती होती है। इस साल जनवरी में नीतीश के इंडिया गठबंधन छोड़कर एनडीए में लौटने की भूमिका संजय झा ने ही तैयार की थी। संजय झा के राजनीतिक करियर की शुरुआत बीजेपी से हुई थी। 2012 में वह नीतीश कुमार की जेडीयू में शामिल हो गए थे।
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नालंदा के कुर्मी और रिटायर्ड आईएएस अफसर मनीष वर्मा को लेकर भी अटकलबाजी चल रही है जो इस समय नीतीश कुमार के सलाहकार के तौर पर जेडीयू में काफी सक्रिय हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान वो पार्टी, कैंडिडेट और नीतीश के बीच काम कर रहे थे। चर्चा है कि मनीष वर्मा को संगठन महासचिव का पद दिया जा सकता है। जेडीयू के अध्यक्ष रहे आरसीपी सिंह को भी नीतीश ने पहले संगठन महासचिव का ही पद दिया था।