Bhilwara Granddaughter stole 90 lakhs from grandfather’s house | पोती ने दादा के 90 लाख चुराकर कार खरीदी: दादी की कमर से निकाली थी तिजोरी की चाबी; चचेरे भाइयों की मदद से छुपाया – Bhilwara News
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पुलिस ने चोरी हुए 90 लाख में से 82 लाख रुपए बरामद कर लिए।
पोती ने दादा के घर से 90 लाख रुपए चुरा लिए। उसने रात को दादी की कमर में बंधा चाबियों का गुच्छा निकाला और जमीन बेच कर मिले धन को निकाल लिया। किसी को शक न हो, इसके लिए उसने रुपए अपने चचेरे भाइयों के साथ मिलकर छुपा दिए। यही नहीं, उन रुपयों में से उसने स
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मामला 15 जून का भीलवाड़ा शहर के कोतवाली थाने का है। पुलिस ने बुधवार को पोती समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया। इनके पास से 82 लाख रुपए बरामद किए। बाकी पैसों के लिए पूछताछ की जा रही है।
सीओ सिटी अशोक जोशी ने बताया- 15 जून को हरणी गांव निवासी बक्षु लाल जाट ने आकर रिपोर्ट दी थी। इसमें उसने बताया कि मैंने अपनी जमीन बेची थी। इसके 90 लाख रुपए आए थे और इसे अपने घर की तिजोरी में रखा था। अगले दिन देखा तो वहां रुपए नहीं थे। न तो ताला टूटा था और न ही घर में तिजोरी में कोई तोड़फोड़ हुई थी। इसके बाद पुलिस ने इस चोरी में घर के किसी सदस्य के होने के शक के आधार पर जांच शुरू की।
![पुलिस की गिरफ्त में चोरी के आरोपी।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/06/26/cover-051719412665_1719421043.gif)
पुलिस की गिरफ्त में चोरी के आरोपी।
दादी नींद में थी, निकाल ली तिजोरी की चाबी
पुलिस ने बताया- बक्षु ने भैसाकुंडल हमीरगढ़ निवासी पोती पूजा चौधरी (28) पत्नी कैलाश चंद्र चौधरी पर शक जताया। इस पर पुलिस ने पूजा से जब सख्ती से पूछताछ की तो वह टूट गई। उसने बताया कि उसकी दादा के रुपए पर नजर थी। रात में जब दादा-दादी नींद में थे, तो उसने दादी की कमर में बंधी करधनी से चाबी निकाली। इस चाबी से तिजोरी खोलकर पैसे निकाल लिए। इसके बाद उसने भैसाकुंडल हमीरगढ़ निवासी अपने चचेरे भाइयों सुरेश जाट व नारायण जाट के साथ मिलकर उनके दोस्त हंसराज उर्फ सोनू के भीलवाड़ा स्थित घर में पैसों को छुपा दिया।
पूजा ने यह भी बताया कि उसने डेढ़ लाख रुपए की फोर्ड कंपनी की एक कार भी खरीदी।
पीहर आई थी पोती
पूजा चौधरी 14 जून को ससुराल भैसाकुंडल हमीरगढ़ से पीहर हरणी गांव आई थी। उसके पिता के घर के पड़ोस में दादा (पिता के चाचा) बक्षु लाल जाट का मकान है। पूजा को उनके घर में रखे पैसों की जानकारी थी। उसका दादा के घर आना-जाना लगा रहता था।