Published On: Wed, Jun 26th, 2024

नीट पेपर लीक का मुजफ्फरपुर कनेक्शन; सॉल्वर हुकमा की तलाश अधूरी, अब एग्जाम सेंटर की छानबीन


ऐप पर पढ़ें

मुजफ्फरपुर शहर के मालीघाट स्थित डीएवी सेंटर से नीट परीक्षा में पकड़ाने के बाद जोधपुर एम्स के छात्र के छूटने के खेल से पुलिस सॉल्वर गैंग का सुराग लगाएगी।  प्रयागराज के चिकित्सक डॉ. आरपी पांडेय के पुत्र राज पांडेय की जगह नीट की परीक्षा देते जोधपुर एम्स का छात्र हुकमा राम पकड़ा गया था। देर रात तक गतिरोध के बाद सेंटर से ही उसे बिना कानूनी कार्रवाई छोड़ दिया गया था। 

राज और हुकमा को पकड़ने के लिए  प्रयागराज और जोधपुर गई मुजफ्फरपुर पुलिस की टीम पड़ताल कर लौट आई है। पुलिस टीम को ना तो हुकमा का सुराग मिला और न ही इलाहाबाद में डॉ. आरपी पांडेय और उसके पुत्र राज का पता चला। हुकमा की तलाश में बाड़मेर गई टीम केवल नाम-पते का सत्यापन कर लौट आई है।

सिटी एसपी अवधेश दीक्षित अब मामले में मालीघाट डीएवी स्कूल से लिए गए सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पता लगाएंगे कि हुकमा को किसने छोड़ा। मौके पर तैनात पुलिस अधिकारी ने उसे मुक्त किया या सेंटर अधीक्षक के स्तर से छोड़ा गया? सीसीटीवी से यह स्पष्ट होने के बाद उससे पूछताछ की जाएगी। पुलिस को शक है कि सेंटर से आरोपित के छूटने के पीछे सॉल्वर गैंग की भूमिका हो सकती है। जिसने हुकमा को मुक्त किया होगा, उससे पूछताछ में सॉल्वर गैंग के शातिर चिह्नित होंगे।

यह भी पढ़िए- नीट पेपर लीक: CBI को 2 आरोपियों चिंटू और मुकेश की मिली रिमांड, देवघर से हुई थी गिरफ्तारी

मालीघाट सेंटर पर पांच मई को पकड़े जाने पर हुकमा का लिखित कबूलनामा भी बना था। उसने स्वीकार किया था कि उससे जोधपुर एम्स में सॉल्वर गैंग ने संपर्क कर राज पांडेय की जगह परीक्षा देने के लिए चार लाख रुपए नकद दिए थे। सॉल्वर गैंग ने पकड़े जाने पर उसे परीक्षा केंद्र से निकाल लेने को आश्वस्त किया था। इस आश्वासन पर वह परीक्षा में शामिल हुआ।

सॉल्वर गैंग ने एडमिट कार्ड पर तस्वीर बदलने से लेकर फर्जी आधार कार्ड बनाने तक का फर्जीवाड़ा किया था। फिंगर प्रिंट मेल नहीं खाने के बाद भी उसे परीक्षा देने से नहीं रोका गया। परीक्षा देने के बाद केवाईसी के लिए हुकमा राम को सेंटर पर रोका गया, तब फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। 

हुकमा राम ने कबूलनामा में स्वीकार किया है कि नीट के निबंधन के समय से ही सॉल्वर गैंग सक्रिय था। निबंधन के समय फॉर्म पर राज की जगह हुकमा की तस्वीर लगाई गई, ताकि फोटो मिलान होने पर उसकी पहचान नहीं हो सके। निबंधन के समय एडमिट कार्ड पर तस्वीर बदलने के फर्जीवाड़े में एक लाख रुपए दिए गए थे। इस लिखित कबूलनामा और बयान की वीडियो रिकॉर्डिंग के बाद भी हुकमा को परीक्षा केंद्र से ही छोड़ दिया गया। 

 

सॉल्वर गैंग से सौदा तय करने वाले राज और उसके पिता डॉ. आरपी पांडेय प्रयागराज में रहते हैं। वहां उनका बड़ा अस्पताल है। वे मूल रूप से पटना के निवासी हैं। यह बातें हुकमा ने अपने कबूलनामा में बताया था। अब तक पुलिस पटना में राज पांडेय और उसके पिता के ठिकाने का सुराग नहीं लगा पाई है।

.



Source link

About the Author

-

Leave a comment

XHTML: You can use these html tags: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>