Published On: Tue, Jun 25th, 2024

Forest Fire Hp Industries Based On Pine Leaves Will Be Investigated – Amar Ujala Hindi News Live


Forest Fire HP Industries based on pine leaves will be investigated

चीड़ के जंगल
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

विस्तार


हिमाचल प्रदेश में चीड़ की पत्तियों पर आधारित उद्योगों की वर्तमान स्थिति की विभागीय जांच होगी। इसके लिए प्रदेश सरकार के निर्देशों पर वन विभाग ने कमेटी गठित की है। यह कमेटी वन अरण्यपाल मंडी की अगुवाई में उद्योगों की जांच करेगी। कुछ साल पहले प्रदेश में पाइन नीडल पॉलिसी लाई गई थी। इस पॉलिसी के तहत चीड़ की पत्तियों पर आधारित उद्योग स्थापित करने को लेकर लाखों की सब्सिडी उद्यमियों को दी गई थी।

इन उद्योगों को स्थापित करने का यह लक्ष्य था कि जंगलों में चीड़ के पेड़ोंं की सूखी पत्तियों का प्रयोग किया जाए। चीड़ की यह सूखी पत्तियां जंगलों में आग लगने पर बारूद का काम करती हैं। इन सूखी पत्तियों को जंगलों से साफ करने और इनका प्रयोग ईंधन के रूप में करने के लिए पाइन नीडल पॉलिसी हिमाचल सरकार की ओर लाई गई है। ऊना, मंडी, हमीरपुर और कांगड़ा में इसके लिए उद्योग भी स्थापित किए गए हैं। इन उद्योगों को स्थापित करने के लिए अधिकतम 50 लाख तक की सब्सिडी दी गई थी जिससे जंगलों की आग की घटनाओं पर कुछ हद तक नियंत्रण पाया जा सके, लेकिन इस बार जंगलों में आग घटनाओं के पिछले कई वर्षों के रिकॉर्ड टूट गए हैं। इस बार अभी तक के फायर सीजन में जंगलों में आग की 2271 घटनाएं सामने आ चुकी हैं जोकि पिछले चार से पांच वर्षों में सबसे अधिक हैं। ऐसे में अब इन उद्योगों की स्थिति जानने के लिए सरकार ने कमेटी का गठन किया किया है।

ये अधिकारी शामिल, इन जिलों में जांच

कमेटी में वन अरण्यपाल मंडी के साथ डीएफओ देहरा, ऊना, हमीरपुर भी सदस्य नियुक्त किए हैं। इन जिलों में ये उद्योग स्थापित हैं। इन जिलों में कमेटी उद्योगों में धरातल पर किए कार्यों का पता लगाएगी। चीड़ के जंगलों से कितनी पत्तियों का इस्तेमाल उद्योगों में किया गया यह पता लगाया जाएगा। इन उद्योगों में फायर ब्रिकेट्स (ईंधन की ईंटे) बनाने की योजना थी। यह योजना कितनी सिरे चढ़ी है यह पता लगाया जाएगा।

चीड़ की पत्तियों पर आधारित उद्योगों की वर्तमान स्थिति का पता लगाया जाएगा। किस तरह से उद्योग कार्य कर रहे हैं और चीड़ की सूखी पत्तियों का कितना इस्तेमाल हो रहा है यह पता लगाया जाएगा- अजीत ठाकुर, सीसीएफ, वन मंडल मंडी

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