Published On: Sun, Jun 23rd, 2024

NEET पेपर लीक में अब ‘रॉकी’ की एंट्री; EOU की पूछताछ में चिंटू ने उगले कई राज, बड़ी साजिश का पर्दाफाश


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नीट पेपर लीक मामले में देवघर से आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की गिरफ्त में आए आरोपित चिंटू कुमार समेत उसके 5 सहयोगियों ने पूछताछ में कई अहम खुलासे किए हैं। साथ नीट सेटिंग में शामिल कुछ लोगों के नाम भी सामने आए हैं। जानकारी के मुताबिक, चिंटू ने बताया कि रांची में रहने वाले रॉकी ने उसे व्हाट्सएप पर पीडीएफ के रूप में पूरा प्रश्न-पत्र और तैयार उत्तर भेजा था। उसने सिर्फ पटना के खेमनी चक स्थित लर्न्ड एंड प्ले स्कूल में करीब 35 छात्रों को प्रश्न-पत्र और उत्तर रटवाने के लिए यहीं वाई-फाई प्रिंटर की मदद से 10-12 प्रति का प्रिंट मारा था। 

सबसे पहले बायोलॉजी का प्रश्न-पत्र एवं उत्तर आया था। इसके बाद फिजिक्स और अंत में केमेस्ट्री का आया। इसे कहां सॉल्व कराया गया, यह रॉकी ही जानता है। इस मामले का मुख्य मास्टर माइंड अतुल वत्स, अंशुल सिंह समेत अन्य के सीधे संपर्क में रॉकी ही है। उसकी ही जिम्मेदारी चिंटू के माध्यम से बिहार में प्रश्न-पत्र सप्लाई कराने की थी। रॉकी वर्तमान में रांची में चुटिया थाना क्षेत्र के कडरू रोड में एक रेस्टोरेंट चलाता है। वह नवादा जिले का रहने वाला बताया जा रहा है। ईओयू ने रॉकी की तलाश में झारखंड के रांची, हजारीबाग समेत कुछ अन्य स्थानों पर छापेमारी भी की है।   

संजीव मुखिया की भांजी का पति है चिंटू

बीपीएससी शिक्षक बहाली मामले के मुख्य आरोपी संजीव मुखिया की भांजी का पति चिंटू उर्फ बलदेव कुमार है। वह नालंदा जिले में करायपशुराय थाना क्षेत्र के गुलेरिया बिगहा का रहने वाला है। चिंटू ने संजीव मुखिया गैंग के कुछ लोगों को भी नीट का प्रश्न-पत्र दिया था ताकि सेटिंग कराकर ये लोग भी पैसे कमा सकें। इनके कुछ छात्र भी झारखंड के हजारीबाग में परीक्षा दे रहे थे।

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सेटिंग के इस धंधे में संजीव, उसका बेटा डॉ. शिव, चिंटू और उसके साथ पकड़े गए उसके 5 सहयोगी सभी परीक्षाओं में अभ्यर्थियों को क्लाइंट के तौर पर फंसा कर इनकी सेटिंग कराते हैं। आशंका जताई जा रही है कि पिछली नीट की परीक्षाओं में भी छोटे स्तर पर सेटिंग हुई थी। 

सेटिंग के लिए 5 सिम और मोबाइल खरीदा था

नीट में सेटिंग के पूरे षड्यंत्र को अंजाम देने के लिए चिंटू ने 5 मोबाइल फोन और अलग-अलग कंपनियों के सिम कार्ड फर्जी दस्तावेज के आधार पर खरीदा था। सिर्फ इन्हीं नंबरों से ही वह अपने क्लाइंट और निचले स्तर के सेटर नीतीश, अमित आनंद समेत अन्य से बात करता था।

परीक्षा के एक दिन पहले यानी 4 मई की रात को जब पुलिस ने खेमनी चक वाले इसके ठिकाने पर छापा मारा, तो चिंटू वहां से भाग निकला। सबसे पहले एनआईटी घाट पर जाकर सभी सिम और मोबाइल को तोड़ कर फेंक दिया।     

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