Published On: Sat, Mar 6th, 2021

कूड़े के निपटान में दिल्ली की ये निगम बनी बड़ी मिसाल, कचरे से तैयार कर दी 25 लाख की खाद!

Share This
Tags


नई दिल्ली. दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (South MCD) इन दिनों कूड़े की समस्या के निपटान में बड़ा काम कर रही है. पिछले 6 माह के दौरान में एसडीएमसी में सिर्फ 2 वार्डों में 7 लाख किलो गीले कूड़े का निष्पादन करके उससे 1 लाख किलो जैविक कंपोस्ट खाद बनाने का अनोखा काम किया है. इस खाद के बनाने से जहां SDMC को कूड़ा निपटान करने में सहयोग मिला है. वहीं, कूड़ा लदान में खर्च होने वाली करीब 7,00,000 रुपए की राशि की बचत भी की है. मार्केट के हिसाब से इस खाद की कीमत करीब ₹25,00,000 आंकी गई है.

बताते चलें कि एसडीएमसी के वार्ड नं. 5 टैगोर गार्डन एवं वार्ड नं 9 सुभाष नगर में स्थित 5 टीडीपी क्षमता के एरोबिक कम्पोस्ट प्लांट स्थापित किए थे. इन दोनों प्लांटों पर अब तक ₹1,00,000 का खर्चा आया है जबकि एमसीडी इन प्लांटों से करीब 25,00,000 रुपए की खाद तैयार कर चुकी है वही 6 माह में 7,00,000 किलो गीले कूड़े का भी निपटान किया है यह कूड़ा लेंंडफिल साइट पर जाने की बजाय उसी क्षेत्र में ही निपटान कर दिया जाता है.

इस कंपोस्ट खाद को दक्षिणी निगम के उद्यान विभाग, विद्यालयों एवं आरडब्ल्यूए को वितरित किया गया.

आज शनिवार को टैगोर गार्डन और सुभाष नगर के कंपोस्ट प्लांट से 10000 किलो जैविक खाद उद्यान विभाग को दी गई. अभी तक इसका इस्तेमाल 156 पार्कों में किया गया है तथा अब और पार्कों में इस्तेमाल की जाएगी. इस अवसर पर उपायुक्त राहुल सिंह एवं स्वच्छ भारत मिशन के नोडल अधिकारी राजीव जैन और निगम के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.

इस अवसर पर स्वच्छ भारत मिशन (Swachh Bharat Mission) के नोडल अधिकारी राजीव जैन ने कहा कि यह दिल्ली का सबसे कम लागत वाला कंपोस्ट प्लांट (Compost Plant) है. यहां पर जैविक खाद को बनाने के लिए अपशिष्ट कूड़े में थोड़ी मिट्टी और पुरानी खाद को मिलाया जाता है और इस खाद को अलग-अलग मॉड्यूल जैसे ड्रम कंपोस्टर, अलग-अलग आकार के जाली बक्से में तैयार किया जाता है.

नोडल अधिकारी जैन ने कहा कि खाद बनाने के लिए सिर्फ तीन सप्ताह का समय लगता है. वर्तमान में पश्चिमी क्षेत्र के सभी 29 वार्डों में गीले एवं सूखे कूड़े का अलग-अलग पृथक्करण किया जा रहा है.

जैन ने बताया कि जैविक खाद की कीमत प्रति किलो 25 रुपए की दर से आंकी जाए तो इसकी कुल कीमत 25 लाख रुपए आती है जबकि सम्पूर्ण कंपोस्ट प्लांट के निर्माण की लागत सिर्फ 1 लाख रुपए है. जोकि ये दर्शाता है कि ये जैविक कूड़े के निष्पादन का एक किफायती विकल्प है.

उपायुक्त राहुल सिंह ने परियोजना की सराहना की. इस तरह के प्लांटों द्वारा ही लैंडफिल साइटों का बोझ को कम कर पाएंगे. गत छह महीनों में हमने लैंडफिल साइट से 7,00,000 किलो कूड़े को कम किया है. घरों से लैंडफिल साइटों तक कूड़े की ढुलाई की मद में हमने 7 लाख रूपए की बचत की है.

यह प्रयास पर्यावरण हितैषी है और साथ ही कूड़े को कम करने में भी सहायक सिद्ध हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि जैविक खाद को मुफ़्त में नागरिकों को भी बाँटा जाएगा ताकि वे कूड़े को सूखे और गीले कूड़े को अलग -अलग करने के लिए प्रेरित किया जा सके.



Source link

About the Author

-

Leave a comment

XHTML: You can use these html tags: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>