Published On: Thu, Jun 19th, 2025

गाय के गोबर से करोड़ों की कमाई! केंचुए बने कमाई का जरिया, जोधपुर के किसान ने किया कमाल, विदेशों तक डिमांड


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Vermicompost Making Method: राजस्थान के रमेश पंवार जैविक खेती में वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग कर रहे हैं और इसे देश-विदेश में निर्यात कर रहे हैं. वर्मी कम्पोस्ट से उत्पादन और जमीन की उपजाऊ शक्ति बढ़ती है. जानिए वर्…और पढ़ें

हाइलाइट्स

  • रमेश पंवार जैविक खेती में वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग कर रहे हैं.
  • वर्मी कम्पोस्ट से उत्पादन और जमीन की उपजाऊ शक्ति बढ़ती है.
  • वर्मी कम्पोस्ट का निर्यात गल्फ देशों और न्यूजीलैंड में हो रहा है.
पाली. भारत में कई किसान रासायनिक खेती छोड़कर जैविक खेती की ओर बढ़ रहे हैं. इस दिशा में वर्मी कम्पोस्ट महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. वर्मी कम्पोस्ट से प्रोडक्ट की क्वालिटीऔर उत्पादन में सुधार होता है. वहीं, जमीन भी उपजाऊ बनी रहती है. पश्चिमी राजस्थान के एक आधुनिक किसान रमेश पंवार न केवल अपने खेत में ऑर्गेनिक खेती कर रहे हैं, बल्कि अन्य किसानों को भी इसके लिए प्रेरित कर रहे हैं.

रमेश पंवार अपने खेत में वर्मी कम्पोस्ट तैयार करते हैं, जो ऑर्गेनिक खेती के लिए बेहद उपयोगी साबित होती है. पश्चिमी राजस्थान से पहले स्टील, ग्वारगम और हैंडीक्राफ्ट का निर्यात होता था, लेकिन अब यहां से ऑर्गेनिक खाद भी निर्यात होने लगी है. जोधपुर के रमेश पंवार का वर्मी कम्पोस्ट ने देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी निर्यात होता है.

वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने का सही तरीका
लोकल-18 से बातचीत में रमेश पंवार ने बताया कि वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने के कई तरीके हैं. सबसे आसान तरीका है बेड सिस्टम. इसमें 3-4 फीट चौड़ा और आवश्यकता के अनुसार लंबा बेड बनाया जाता है. जमीन पर प्लास्टिक डालकर उसके चारों तरफ ईंट की बाउंड्री बना दी जाती है. अगर चाहें तो सीमेंट का बेड भी बना सकते हैं. बेड बनाने के बाद उसमें गोबर डालकर उसे अच्छी तरह फैला दिया जाता है.

फिर केंचुए डालकर ऊपर से पुआल या घास-फूस डालकर ढक दिया जाता है और नियमित रूप से पानी का छिड़काव किया जाता है. केंचुए गोबर को खाते हैं और उनके मल से ऑर्गेनिक खाद तैयार होती है, जो देश-विदेश में बेची जाती है. यह खाद 10 से 12 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिकती है.

इस तरह आप भी तैयार कर सकते हैं केंचुए खाद. इसके लिए सबसे जरूरी चीज जमीन और उसकी लोकेशन है. जमीन ऐसी होनी चाहिए, जहां पानी उपलब्ध हो और वहां आने-जाने के लिए रास्ता हो. इस बात का भी ध्यान रखें कि वहां जलजमाव न हो. इसके बाद लंबी प्लास्टिक शीट, गोबर, पुआल और केंचुए की जरूरत होती है.

विदेशों में भी हो रही एक्सपोर्ट पर रमेश पंवार बताते हैं कि कृषि वैज्ञानिक भी मानते हैं कि यह ऑर्गेनिक खेती के लिए बेहतरीन खाद है. ऑर्गेनिक खादों में वर्मी कम्पोस्ट को सबसे अच्छा माना जाता है. किसानों के बीच इसकी मांग काफी बढ़ गई है. नई पीढ़ी के किसान इसके प्रति काफी जागरूक हैं. हमने कोरोना काल, वर्ष 2021 में इसकी शुरुआत की थी. यह खाद विदेशों में भी निर्यात होती है क्योंकि वहां के लोग ऑर्गेनिक फसलों के प्रति अधिक जागरूक हैं. इस खाद का निर्यात गल्फ देशों और न्यूजीलैंड में ज्यादा हो रहा है.

निखिल वर्मा

एक दशक से डिजिटल जर्नलिज्म में सक्रिय. दिसंबर 2020 से News18Hindi के साथ सफर शुरू. न्यूज18 हिन्दी से पहले लोकमत, हिन्दुस्तान, राजस्थान पत्रिका, इंडिया न्यूज की वेबसाइट में रिपोर्टिंग, इलेक्शन, खेल और विभिन्न डे…और पढ़ें

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