Friendship Day: नौकरी छोड़ तीन दोस्तों ने 11 लाख में शुरू किया ये कारोबार, सालभर में बन गए 100 करोड़ के मालिक

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Friendship day 2021: तीनों ही नोएडा की एक प्राइवेट कंपनी में काम करते थे, रूममेट भी थे.. एक दिन घूमने निकले तभी कुछ यूं हुआ कि वापस आते ही अपना बिजनेस शुरू कर दिया और आज तीनों ही करोड़ों में कमाई कर रहे हैं.

Friendship day 2021: तीनों ही नोएडा की एक प्राइवेट कंपनी में काम करते थे, रूममेट भी थे.. एक दिन घूमने निकले तभी कुछ यूं हुआ कि वापस आते ही अपना बिजनेस शुरू कर दिया और आज तीनों ही करोड़ों में कमाई कर रहे हैं.
नई दिल्ली. Friendship day 2021.. वैसे तो दोस्तों के नाम हर दिन होता है. दुनिया का सबसे नायाब और खूबसूरत रिश्ता है दोस्ती..आज हम फ्रेंडशिप डे (Friendship day 2021) के मौके पर आपको तीन दोस्तों की एक कहानी बता रहे हैं… जो साथ-साथ एक ही रूम में रहते थे, एक ही कंपनी में नौकरी करते थे और बाद में एक साथ एक कारोबार शुरू कर तीनों ही सफल उद्यमी (Successful entrepreneur) बन गए. आज ये तीनों नोएडा बेस्ड स्टार्टअप चला रहे हैं और मिलकर कमाई कर रहे हैं.
ऐसे हुआ सफर शुरू…
टिकेन्द्र और संदीप नोएडा स्थित टेक कंपनी सैमसंग में काम करते थे. वहीं, प्रतीक एक्सिकॉम में काम करते थे. प्रतीक और टिकेन्द्र रूममेट थे. एक दिन तीनों दिल्ली से बाहर घूमने निकले थे, तभी बीच रास्ते में फ्यूल खत्म हो गया. इन्हें रास्ते में करीब 10 किमी तक के आसपास एक भी फ्यूल स्टेशन नहीं मिला. उसी वक्त इन्होंने ऑनलाइन डीजल का कारोबार करने का ठाना और साल 2015 में पेपफ्यूल डॉट काॅम (startup pepfuels.com) नाम से कंपनी शुरू कर दी.. तो आइए जानते हैं क्या है ये कारोबार और इनकी कहानी-
पेपफ्यूल डॉट काॅम (pepfuels.com) सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त स्टार्टअप है. पेपफ्यूल्स का इंडियन ऑयल के साथ थर्ड पार्टी एग्रीमेंट है. यह डोर-टू-डोर डिलीवरी (online diesel delivery) के लिए है. इस ऐप पर ग्राहक ऑनलाइन या मैसेज के जरिए ऑर्डर कर सकते हैं.
स्टार्टअप के फाउंडर टिकेन्द्र ने News18 Hindi से बताया कि इस पर हमने काफी रिसर्च किया. घर-घर जाकर लोगों से बात की और ऑनलाइन फीडबैक लिया. फीडबैक में बता चला हर दूसरे आदमी ने यही कहा कि पेट्रोल-डीजल के लिए ऑनलाइन ऐप होना चाहिए. हालांकि, पेट्रोल-डीजल की ऑनलाइन डिलीवरी का कारोबार शुरू करना काफी रिस्की है. टिकेन्द्र बताते हैं कि 2016 तक देश में पेट्रोल डिलीवरी की परमिशन नहीं थी. हाल ही में सरकार ने इसकी इजाजत दी है. उस वक्त हमारे सामने सिर्फ डीजल डिलीवरी ही एकमात्र विकल्प था. हमने डीजल की डिलीवरी पर ही काम शुरू कर दिया.
तेल कंपनियों से मिला सहयोग
कंपनी के एक अन्य फाउंडर संदीप बताते हैं, ‘हमने इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लि. (BPCL), पेट्रोलियम प्रोसेस इंजीनियरिंग सर्विस को. (PESCO) जैसी तेल कंपनियों को अपना-अपना सुझाव भेजा. साथ ही हमने अपने-अपने स्टार्टअप का आइडिया PMO को भी भेजा था. कुछ दिनों बाद ही हमें PMO से जवाब आ गया था. दूसरी, तरफ फरीदाबाद स्थित इंडियन ऑयल की तरफ से भी हमें हमारे कारोबार का डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट यानी DPR सौंपने को कहा गया.’ वे कहते हैं, हमने अपने प्रोजेक्ट की DPR इंडियन ऑयल को भेजी. अप्रूवल मिलने के बाद हमने अपना कारोबार शुरू कर दिया.