राष्ट्रीय स्वयं सेवक (आरएसएस) सरसंघचालक मोहन भागवत ने बुधवार को 20 दिवसीय कार्यकर्ता विकास वर्ग प्रथम सामान्य में वर्ग के बौद्धिक स्तर में स्वयंसेवकों की जिज्ञासाओं का समाधान किया। संघ प्रमुख जिले की टिप्पर पंचायत में स्थित ठाकुर राम सिंह स्मृति न्यास परिसर टिप्पर के प्रवास पर थे। वह शाम को यहां से रवाना हो गए हैं। इससे पूर्व उन्होंने अभ्यास वर्ग में शामिल 212 स्वयंसेवकों से संवाद किया।
स्वयंसेवकों ने संघ के कार्यों और अन्य विषय पर जुड़े सवाल सरसंघचालक से किए। उन्होंने सभी सवालों का जवाब देते हुए स्वयंसेवकों की जिज्ञासाओं का समाधान किया। उन्होंने कहा कि भारत आदि काल से हिंदू राष्ट्र है और यह यहां के हिंदू समाज ने तय किया है। यहां सिकंदर आया, अंग्रेज और अन्य अक्रांता भी आए लेकिन यहां का समाज अपनी संस्कृति से जुड़ा रहा।
वर्ग कार्यवाह डॉ. प्रताप सिंह ने कहा कि कि सर संघचालक डॉ. मोहन भागवत उत्तर क्षेत्र के कार्यकर्ता विकास वर्ग-प्रथम के चारa दिन मौजूद रहे। वह शाम को यहां से रवाना हो गए हैं। उन्होंने बुधवार को स्वयंसेवकों से संवाद कर उनकी हर जिज्ञासा का समाधान किया।
प्रवास के अंतिम दिवस उन्होंने शिक्षार्थियों को कहा कि प्रत्येक स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष में पंच परिवर्तन के विषयों जैसे कि सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण, नागरिक कर्तव्य, स्वदेशी जीवन शैली को लेकर समाज में जाएं। इससे समाज में सकारात्मक परिवर्तन आएगा।
भाषा, भजन, भोजन, भ्रमण इन सब में भारतीयता झलकनी चाहिए। आधुनिकीकरण बुरा नहीं होता, लेकिन पाश्चात्य का अंधा अनुकरण ठीक नहीं है। यहां पर उत्तर क्षेत्र हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के स्वयंसेवक वर्ग में शामिल हैं। इसके अलावा संघ से जुड़े हुए कई प्रचारक और पदाधिकारी यहां पर पहुंचे हैं। इस प्रशिक्षण वर्ग का समापन 19 जून होगा।
वर्ग के समापन समारोह में 19 जून को प्रमुख अतिथि के रूप में टोंगलेन चैरिटेबल ट्रस्ट, धर्मशाला के निदेशक भिक्षु जामयांग और आरएसएस के अखिल भारतीय सह-प्रचार प्रमुख प्रदीप जोशी मुख्य वक्ता के रूप में शामिल होंगे। 30 मई से शुरू हुए कार्यकर्ता विकास वर्ग-प्रथम में कुल 212 स्वयंसेवक भाग ले रहे हैं।