Published On: Tue, Jun 10th, 2025

Rajasthan Jeweller Wife Kidnapping Case; Sumedha Durlabhji | Jaipur | ज्वेलर की पत्नी के अपहरण का 22 साल पुराना केस: मॉर्निंग वॉक में किडनैपिंग, 10 करोड़ की फिरौती, जांच में जुटी 10 राज्यों की पुलिस, पार्ट-1 – Rajasthan News


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राजस्थान यूनिवर्सिटी

सर्दी और अंधेरे के बावजूद 60 साल की सुमेधा दुर्लभजी रोज की तरह घर से नजदीक मॉर्निंग वॉक करने राजस्थान यूनिवर्सिटी परिसर पहुंची। उन्हें यहां मॉर्निंग वॉक करना अच्छा लगता था। सुबह का शांत वातावरण उन्हें बेहद सुकून देता था। वे अक्सर अपने साथ चल रहे गार्ड को भी वापस भेज देती थीं। उस दिन भी उन्होंने अपने साथ चल रहे गार्ड गौतम सिंह को घर भेज दिया। सुमेधा अकेली थीं। इसी दौरान नीले रंग की एस्टीम कार से आए 4 बदमाशों ने पिस्टल दिखाकर उनका अपहरण कर लिया।

सुमेधा प्रदेश के सबसे बड़े जौहरियों में शुमार रश्मिकांत दुर्लभजी की पत्नी थीं।

सुमेधा प्रदेश के सबसे बड़े जौहरियों में शुमार रश्मिकांत दुर्लभजी की पत्नी थीं।

अपहरण की सूचना पर मचा हड़कंप

सुमेधा अक्सर सात बजे तक घर लौट आती थीं।6 फरवरी को वो जब साढ़े सात बजे तक घर नहीं लौटीं तो परिजनों ने उनकी तलाश शुरू की। सुमेधा के बारे में कोई जानकारी नहीं मिलने पर परिजनों ने पुलिस को सूचना दी। जब तक पुलिस हरकत में आती तब तक अपहरणकर्ता राजस्थान की सीमा क्रॉस कर चुके थे।

पूर्व डीजीपी अजीत सिंह शेखावत उस दौरान जयपुर रेंज के डीआईजी थे। उन्हें जब इसकी सूचना मिली तो उन्होंने शहर के हॉस्पिटल, मॉर्निंग वॉक के रूट चैक कराए, लेकिन सुमेधा के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल सकी।

इस दौरान वे सुमेधा दुर्लभजी के घर पहुंचे। तभी घर के लैंडलाइन नंबर पर एक गुमनाम कॉल से पता चला कि सुमेधा का अपहरण हो गया। अपहरणकर्ताओं ने परिजनों को धमकाते हुए कहा कि अगर सुमेधा दुर्लभजी सुरक्षित चाहिए तो इस बारे में पुलिस से संपर्क मत करना। उन्होंने परिजनों को कुछ देर बाद दोबारा कॉल करने की बात कहकर फोन काट दिया।

कौन थीं सुमेधा दुर्लभजी

सुमेधा के पति रश्मिकांत दुर्लभजी प्रदेश के सबसे बड़े जौहरियों में से एक थे। वे ‘एमरल्ड किंग’ के नाम से पहचाने जाते थे। वे जयपुर के प्रतिष्ठित दुर्लभजी परिवार की बहू और पद्मश्री खेलशंकर दुर्लभजी की पुत्रवधु थीं।

सुमेधा के पति रश्मिकांत दुर्लभजी ने इस संबंध में गांधी नगर पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि घटना के समय उनकी पत्नी ने सलवार कुर्ता और उस पर हरे रंग की जैकेट पहन रखी है।

पुलिस ने अपहरण के साथ ही अन्य गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया। जब तक पुलिस जांच में जुटी तब तक सुमेधा जयपुर से 270 किलोमीटर दूर हरियाणा के फरीदाबाद में थीं।

किडनैपर्स ने शुरुआत में 10 करोड़ की फिरौती मांगी। बाद में ढाई करोड़ पर मान गए। फोटो AI जनरेटेड

किडनैपर्स ने शुरुआत में 10 करोड़ की फिरौती मांगी। बाद में ढाई करोड़ पर मान गए। फोटो AI जनरेटेड

दस करोड़ की फिरौती मांगी

अपहरणकर्ता ने सुमेधा के पति रश्मिकांत को दोबारा सुबह 8 बजकर 54 मिनट पर कॉल किया और दस करोड़ की फिरौती मांगी। फिरौती की डिमांड पूरी नहीं करने पर बदमाशों ने सुमेधा को जान से मारने की धमकी दी। इसके बाद से अपहरणकर्ता लगातार अलग–अलग नंबरों से कॉल कर फिरौती की डिमांड कर रहे थे।

पुलिस अधिकारियों ने सुमेधा के परिजनों को बदमाशों के साथ लंबी बातचीत करने व फिरौती के रुपयों को लेकर मोलभाव करने को कहा, ताकि इस गिरोह के बारे में जानकारी जुटाई जा सके। आखिरकार बदमाश ढाई करोड़ रुपए की फिरौती के लिए तैयार हो गए।

बनीपार्क में लावारिस मिली एक कार

जयपुर पुलिस के पास अभी तक सूचना के तौर पर एक बिना नंबर की कार के बारे में जानकारी थी। जिसके आधार पर किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सकता था। वारदात के समय सुमेधा की निगरानी कर रहे कुछ बदमाश भागने से पहले एक इंडिका कार को बनीपार्क इलाके में लावारिस छोड़ गए। पुलिस को ये कार बसंत मार्ग पर मकान नंबर डी–138 के सामने मिली। पुलिस इस कार के मालिक के बारे में जानकारी जुटाने में जुट गई।

पुलिस टीम ने कई होटल-धर्मशालाओं में जांच की। फोटो AI जनरेटेड

पुलिस टीम ने कई होटल-धर्मशालाओं में जांच की। फोटो AI जनरेटेड

रैकी के बाद वारदात, जांच में जुटी पुलिस

पूर्व डीजीपी व तत्कालीन जयपुर रेंज के डीआईजी अजीत सिंह शेखावत ने बताया कि बदमाशों ने जिस तरह अलसुबह वारदात को अंजाम दिया। उससे साफ पता चल रहा था कि वारदात को पूरी प्लानिंग व रैकी करने के बाद अंजाम दिया गया। उन्हाेंने जयपुर में तैनात तत्कालीन एसपी नॉर्थ आनंद श्रीवास्तव, एसपी साउथ संजय अग्रवाल और एसपी ट्रैफिक वी.के.सिंह सहित चारों एसपी को इस मामले की जांच के निर्देश दिए।

जयपुर पुलिस के बीट काॅन्स्टेबल से एसपी स्तर के अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी। जयपुर पुलिस ने इस केस को अभियान के तौर पर लिया। जिसमें होटल, धर्मशाला की जांच से लेकर बाहर से आए संदिग्ध व्यक्तियों के बारे में पूछताछ कर जानकारी जुटाना शामिल था।

फरीदाबाद में बनाया बंधक

इधर, सुमेधा को बदमाशों ने हरियाणा में फरीदाबाद के 19 सेक्टर के एक मकान में बंधक बनाकर रखा। इस छोटे से कमरे में वे खिड़की से आने वाली वाहनों की आवाजों को ही सुन सकती थीं। अपहरण के बाद दो दिनों तक सुमेधा ने कुछ नहीं खाया और वे डरी सहमी थीं। जब अपहरणकर्ताओं ने उन्हें इससे बदतर जगह पर रखने की धमकी दी तो उन्होंने केवल फल, ज्यूस और कॉफी लेना शुरू किया। उन्हें न्यूज पेपर नहीं दिए जाते थे, हालांकि टीवी देखने की सुविधा थी, जिस पर अक्सर वे क्रिकेट मैच देखती रहती थीं।

सुमेधा को बदमाशों ने हरियाणा में फरीदाबाद के 19 सेक्टर के एक मकान में बंधक बनाकर रखा। फोटो AI जनरेटेड

सुमेधा को बदमाशों ने हरियाणा में फरीदाबाद के 19 सेक्टर के एक मकान में बंधक बनाकर रखा। फोटो AI जनरेटेड

सुमेधा से लिखवाए दो पत्र

अपहरणकर्ताओं ने सुमेधा से उसके परिवार को दो पत्र भी लिखवाए थे। जिससे अपहरणकर्ता परिजनों को आश्वस्त कर सकें कि वे सकुशल हैं। पुलिस जांच में सामने आया कि दोनों पत्र हरिद्वार से फर्स्ट फ्लाइट कोरियर से भेजे गए। पुलिस की एक टीम को इस इनपुट की जांच के लिए लगाया गया। शायद बदमाशों को सुमेधा के परिवार के फोन टैप किए जाने का शक हो गया था। इस कारण उन्होंने सुमेधा से उनके कुछ रिश्तेदारों के फोन नंबर भी लिए।

पुलिस जांच में पता चला कि रश्मिकांत दुर्लभजी के मोबाइल पर देहरादून, भोपाल जैसे अलग–अलग शहराें के एसटीडी–पीसीओ से फिरौती के लिए कॉल आ रहे थे। ऐसे में पुलिस के लिए सुमेधा की लोकेशन का पता लगाना बेहद मुश्किल हो रहा था।

इस दौरान तीन बदमाश अक्सर फरीदाबाद स्थित घर पर आते थे। सुमेधा के सामने वे सभी चेहरे पर नकाब लगाए रखते। इन बदमाशों ने शुरू में सुमेधा को कहा कि दो या तीन दिन में उन्हें छोड़ देंगे। लेकिन जैसे-जैसे दिन बीत रहे थे। सुमेधा की उम्मीद खत्म होने लगी थी।

10 राज्यों की पुलिस के साथ सर्च शुरू

राजस्थान में इन्वेस्टिगेशन टीम का इंचार्ज पूर्व डीजीपी व तत्कालीन जयपुर रेंज के डीआईजी अजित सिंह शेखावत को बनाया गया। मामले में राजस्थान ही नहीं, दिल्ली, बिहार, हरियाणा, हिमाचल और उत्तरप्रदेश सहित आस–पास के 10 राज्यों की पुलिस जांच में जुटी। महिला को बचाने और अपहरणकर्ताओं को पकड़ने के लिए अलग–अलग स्टेट की पुलिस एक टीम के रूप में काम रही थी। हर दिन इनपुट व प्रोग्रेस रिपोर्ट शेयर की जाती थी।

पुलिस इस मामले की जांच में जुटी थी लेकिन कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लगा था। सुमेधा की सकुशल वापसी कराना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती थी।

  • क्या पुलिस सुमेधा दुर्लभजी को अपहरणकर्ताओं से मुक्त करा पाई?
  • सुमेधा दुर्लभजी का अपहरण किस गिरोह ने किया?
  • कितने दिन बाद और कैसे इस गिरोह का पर्दाफाश हुआ ?

कल राजस्थान क्राइम फाइल के पार्ट–2 में पढ़िए, इन सभी सवालों के जवाब

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