Published On: Thu, Jun 20th, 2024

राजस्थान जल संकट: प्रदेश की प्यास बुझाने वाले बांधों का पानी पी गई गर्मी, हर दिन घट रहा 3.33 एमक्यूएम पानी


Rajasthan water crisis: Drinking water crisis increases as 530 out of 691 dams in Rajasthan are empty

राजस्थान में पानी का संकट।
– फोटो : अमर उजाला

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जानलेवा गर्मी से बदहाल राजस्थान के लोग अब आसमान पर उम्मीद लगाए बैठे हैं। एक तरफ हीट वेव लगातार झुलसा रही है वहीं दूसरी तरफ मानसून के आने में भी देरी हो रही है। बांधों के पेट रीत चुके हैं। प्रदेश में 691 बांधों में से 530 बांध अब खाली हो चुके हैं।

राजधानी जयपुर सहित कई जिलों की प्यास बुझाने वाले बीसलपुर बांध का जल स्तर बीते 20 दिनों में 356 एमक्यूएम से घटकर 295.82 एमक्यूएम रह गया है।

राजस्थान भीषण जल संकट की तरफ बढ़ता नजर आ रहा है। यहां के बांध तेजी से खाली होते जा रहे हैं। जल्द बारिश नहीं हुई तो यहां जल संकट के हालात बेहद भयावह हो सकते हैं। बीतते हर दिन बांधों के पेट से 3.33 एमक्यूएम पानी घट रहा है।

राजधानी जयपुर सहित कई जिलों को पानी सप्लाई करने वाले बीसलपुर बांध में भी जल स्तर अब 27% ही रह गया है। बीते 20 दिनों में बांध का जल स्तर 10% घट चुका है। खैरतथ, तिजारा, कोटपूतली, नीम का थाना, टोंक, जोधपुर, भीलवाड़ा, ब्यावर, भरतपुर, दौसा में बांध पूरी तरह सूख चुके हैं। स्थिति ये है कि 4.25 एमक्यूएम क्षमता से ज्यादा वाले 283 बांधों में 179 और 4.25 एमक्यूएम क्षमता से कम वाले 408 बांधों में 351 बांध पूरी तरह खाली हो चुके हैं।

 

ब्यावर के दोनों बांध खाली

यहां नरेन सागर और फूलसागर दो बांध है। इस बार दोनों ही बांध पूरी तरह सूख चुके हैं। पानी की सप्लाई बीसलपुर और भूजल पर निर्भर है। बीसलपुर की स्थिति भी खराब होती जा रही है।

भरतपुर के 6 में से 5 बांध खाली

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के गृह जिले भरतपुर में भी पेयजल की स्थिति विकट है। यहां 6 बांधों में से 5 बांध पूरी तरह खाली हो चुके हैं। सिर्फ बरेठा बांध में 27 प्रतिशत पानी शेष है।

दौसा के 10 बांध खाली

पूर्वी राजस्थान में पेयजल के मामले में सबसे ज्यादा संकट ग्रस्त जिला है। यहां 10 बांध हैं, लेकिन किसी में भी पानी नहीं बचा।

केकड़ी में सभी 8 बांध खाली

अजमेर में आने वाले केकड़ी में 8 बांधों में पेयजल स्टोरेज क्षमता 52 एमक्यूएम है, लेकिन आज की स्थिति में यहां सभी बांधों में पानी पूरी तरह सूख चुका है।

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