Published On: Fri, Jun 6th, 2025

पटना के कॉलेजों में एडमिशन शुरू, सांइस पहली पसंद: PPU के 1.2 लाख सीटों पर नामांकन की रेस, जानिए PU के कितनी सीटें हैं खाली – Patna News


पटना के कॉलेजों में एडमिशन की घंटी बज चुकी है। शहर के टॉप यूनिवर्सिटी में एडमिशन की होड़ मची हुई है। पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी में यूजी के 1.2 लाख सीटों पर नामांकन हो रहा है।

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वहीं, पटना यूनिवर्सिटी में सबसे ज्यादा साइंस के कोर्स में बच्चों का रुझान है। PU के 4500 सीटों पर अबतक 10 हजार से भी ज्यादा के आवेदन आ चुके हैं।

आर्यभट्ट ज्ञान यूनिवर्सिटी सीएम नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक था। यह एक रिसर्च यूनिवर्सिटी है।

जानिए पटना के यूनिवर्सिटी में टॉप कोर्स के बारे में…

PPU में UG के 33 और PG में 24 कोर्स

पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी (PPU) में साइंस, आर्ट्स और कॉमर्स तीनों स्ट्रीम मिलाकर कोर्स चलते हैं। यूजी में 33 कोर्स और पीजी में 24 कोर्स पढ़ाए जाते हैं।

हर साल यूजी में 90 हजार और पीजी में 11 हजार बच्चों के एडमिशन होते हैं। PPU के DSW राजीव रंजन ने बताया कि बच्चों का इंटरेस्ट कॉम्पिटेटिव एग्जाम्स के वजह से अलग-अलग सब्जेक्ट के हिसाब से बदलता रहता है।

यूपीएससी या बीपीएससी में किसी विषय में ज्यादा नंबर आ जाते हैं, तो छात्र उस सब्जेक्ट की ओर ज्यादा आकर्षित हो जाते हैं।

PPU में टॉप 5 कोर्स की लिस्ट

सीटें फुल सीटें खाली

हिस्ट्री इलेक्ट्रॉनिक्स

जूलॉजी मैथ्स

बॉटनी अन्सिएंट हिस्ट्री

पॉलिटिकल साइंस भोजपुरी

हिंदी पाली

इंटीरियर एरिया वाले कॉलेज में नहीं पढ़ना चाहते बच्चें

हमारे कुछ कॉलेज ऐसे हैं जो इंटीरियर एरिया में आते हैं। ऐसे कॉलेज में विद्यार्थी जल्दी एडमिशन नहीं लेते हैं और सीट खाली रह जाती है। गांव के क्षेत्र में आने वाले कॉलेज में बच्चे पढ़ने नहीं जाना चाहते हैं।

इसमें बाढ़, मसौढी, बख्तियारपुर के कई कॉलेज आते हैं। बच्चे पटना के इर्द-गिर्द वाले कॉलेज में ही एडमिशन लेना चाहते हैं। ऐसे में इन कॉलेजों में सीट खाली रह जाती है।

कार्यालय में बैठे पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी के DSW राजीव रंजन।

कार्यालय में बैठे पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी के DSW राजीव रंजन।

PPU में टेक्निकल पढ़ाई नहीं होती, इसलिए प्लेसमेंट में पिछड़ते बच्चे

हर साल करीब 1000 बच्चों का पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी से प्लेसमेंट होता है। यह आंकड़ा डायरेक्टर और इनडायरेक्ट दोनों तरीके से है। DSW राजीव रंजन ने बताया कि हमारे सभी कॉलेज प्लेसमेंट पूरी तरह से नहीं दे पा रहे हैं, इसीलिए वोकेशनल कोर्स में बच्चों का इंटरेस्ट कम हुआ है।

वोकेशनल कोर्स में फीस ज्यादा होने के कारण भी बच्चे रेगुलर कोर्स की ओर ज्यादा आकर्षित होते हैं।

वहीं, PPU में टेक्निकल पढ़ाई नहीं होती है और कोई भी कंपनी दो चीज खोजती है या तो कंप्यूटर का ज्ञान या फिर अच्छी अंग्रेजी। मगर बिहार के बच्चों में अंग्रेजी की सीख थोड़ी कम रहती है। इस कारण भी यहां से बच्चें प्लेसमेंट में पिछड़ जाते हैं।

यूनिवर्सिटी यूजी सीट पीजी सीट

  • पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी 1.2 लाख 12 हजार
  • पटना यूनिवर्सिटी 4500 2000
  • आर्यभट्ट ज्ञान यूनिवर्सिटी 0 150

हर साल पटना यूनिवर्सिटी में 60% बच्चों का होता प्लेसमेंट

पटना यूनिवर्सिटी (PU) में हर साल यूजी में 4000 बच्चों का एडमिशन होता है। वहीं, पीजी में 1800 बच्चों का एडमिशन होता है। PU के DSW प्रो अनिल कुमार ने बताया कि जिन सब्जेक्ट में बच्चे एडमिशन के लिए इंटरेस्ट नहीं दिखाते हैं वह ह्यूमैनिटीज के कोर्स है।

वहीं, साइंस में बच्चों का रुझान ज़्यादा है। प्लसमेंट की बात करें तो हर साल यूजी और पीजी मिलाकर पटना यूनिवर्सिटी 60% बच्चों का प्लेसमेंट होता है।

पटना यूनिवर्सिटी के DSW प्रो अनिल कुमार की तस्वीर।

पटना यूनिवर्सिटी के DSW प्रो अनिल कुमार की तस्वीर।

PU में वैसे बच्चे आते जिन्हें वाकई पढ़ाई करना है

प्रो अनिल कुमार ने कहा कि अन्य यूनिवर्सिटी में नामांकन के लिए बच्चों की संख्या और पटना यूनिवर्सिटी में बच्चों की संख्या कम होने के कारण कई सारे हैं। पटना यूनिवर्सिटी में वैसे ही बच्चे अप्लाई करते हैं जिन्हें इस यूनिवर्सिटी में आकर पढ़ना रहता है।

वैसे बच्चे पीयू में अप्लाई नहीं करते हैं, जिन्हें यहां एडमिशन लेकर अन्य जगह या फिर कोचिंग में पढ़ना है और फिर आकर बस एग्जाम देना है। वहीं, CBCS कोर्स आने के बाद 30% मार्क्स इंटरनल असेसमेंट में रखा गया है। उसकी मार्किंग पटना यूनिवर्सिटी बहुत स्ट्रिक्टली करती है। इसलिए जो यहां आकर रेगुलर पढ़ाई करते हैं, और एग्जाम देते हैं उन्हें यह मार्क्स दिए जाते हैं।

PU में टॉप 5 कोर्स की लिस्ट

सीटें फुल सीटें खाली

हिस्ट्री बंगाली पॉलिटिकल साइंस मैथिली इकोनॉमिक्स पर्शियन मैथ्स अरबी इंग्लिश पुरातत्वशास्त्र

रिसर्च विश्विद्यालय है आर्यभट्ट ज्ञान यूनिवर्सिटी

आर्यभट्ट ज्ञान यूनिवर्सिटी (AKU) में सिर्फ पीजी कोर्स चलते हैं। यहां यूजी कोर्स नहीं चलते हैं। मगर जो कॉलेज इस यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड हैं, वह अपना सेल्फ फाइनेंस्ड यूजी कोर्स चलाते हैं। AKU के रजिस्ट्रार रामजी सिंह ने बताया कि यह रिसर्च यूनिवर्सिटी हैं।

यहां ज्यादातर रिसर्च का काम होता है। यहां बहुत सारे स्पेसिफिक कोर्स की पढ़ाई होती है जो आमतौर पर हर जगह नहीं पढ़ाई जाती। AKU में पीजी में बस 5 कोर्स ही ऑफर होते हैं।

आर्यभट्ट ज्ञान यूनिवर्सिटी में कोर्स और सीट

  • एम टेक इन नैनो साइंस एंड नैनो टेक्नोलॉजी- 20
  • एमए इन मास कम्युनिकेशन- 30
  • एमए इन इकोनॉमिक्स- 30
  • एमए इन ज्योग्राफिकल स्टडीज- 50
  • एमए इन रिवर स्टडीज- 20

400 से ज्यादा आर्टिकल इंटरनेशनल जर्नल में पब्लिश

रजिस्ट्रार रामजी सिंह ने कहा कि इस यूनिवर्सिटी में बच्चों का सबसे ज्यादा रुझान इकोनॉमिक्स कोर्स के लिए होता है, जहां हर साल सीटें फुल रहती है।

वहीं, रिवर स्टडीज में 20 सीटों में बस 6 बच्चें ही एडमिशन लेते हैं। इसका कारण यह है कि रिसर्च के प्रति बिहार में बच्चों का रुझान काफी कम है।

आर्यभट्ट ज्ञान यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार रामजी सिंह

आर्यभट्ट ज्ञान यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार रामजी सिंह

वहीं, नैनो साइंस एंड नैनो टेक्नोलॉजी कोर्स में हमारे यहां से 400 से ज्यादा आर्टिकल इंटरनेशनल जर्नल में पब्लिश हुए हैं। दो लोग यहां से स्टार्टअप भी शुरू किए हैं। इस यूनिवर्सिटी में 50% प्लेसमेंट होती है। सबसे ज्यादा नैनो साइंस एंड नैनोटेक्नोलॉजी और मास कम्युनिकेशन के बच्चे प्लेस्ड होते हैं।

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