Nirjala Ekadashi 2025 Live: शुभ योग में निर्जला एकादशी आज, जानें पूजा विधि और महत्व

08:40 AM, 06-Jun-2025

Nirjala Ekadashi 2025
– फोटो : freepik
निर्जला एकादशी के दिन भगवान विष्णु को लगाएं इन चीजों का भोग
- पंचामृत का भोग निर्जला एकादशी पर भगवान विष्णु को अर्पित करना शुभ माना जाता है। पंचामृत दूध, दही, शहद, चीनी और घी के मिश्रण से तैयार किया जाता है। इस पवित्र मिश्रण का उपयोग भगवान विष्णु के अभिषेक और भोग के लिए किया जाता है। इसे अर्पित करने से सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
- पंजीरी भी इस दिन भगवान विष्णु को अर्पित करने की विशेष परंपरा है। यह धनिया और सूखे मेवों से बनाई जाती है, जो सात्विक और स्वादिष्ट होती है। पंजीरी को भोग के रूप में चढ़ाने से धन-धान्य और समृद्धि में वृद्धि होती है। इसे तुलसी पत्र के साथ अर्पित करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं।
- मखाने की खीर भी इस दिन भगवान विष्णु को अर्पित की जाती है। यह सात्विक और स्वादिष्ट भोग है, जो स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रतीक है। मखाने की खीर दूध, चीनी और मेवों के साथ बनाई जाती है और तुलसी पत्र के साथ अर्पित की जाती है।
08:21 AM, 06-Jun-2025
- तुला राशि के जातक ‘ऊँ श्री भूभवे नम: मंत्र का जप करें।
- वृश्चिक राशि के लोग ‘ऊँ श्री प्रजापतये नम: और ॐ मोहिन्यै नमः’मंत्र का जप कर सकते हैं।
- धनु राशि के जातक ‘ऊँ श्री उपेन्द्राय नम: और ॐ चन्द्रिकायै नमः’ मंत्र का जप कर सकते हैं।
- मकर राशि के जातक ‘ऊँ श्री शत्रुजिते नम: मंत्र का जप करें।
- कुंभ राशि के लोग ‘ऊँ श्री माधवाय नम: मंत्र का जप करें।
- मीन राशि के लोग ॐ सिद्धलक्ष्म्यै नमः’ मंत्र का जप करें।
08:07 AM, 06-Jun-2025
निर्जला एकादशी पर राशि के अनुसार करें इन मंत्रों का जाप
- मेष राशि के लोग ‘ऊँ श्री प्रभवे नम: और ॐ महाकन्यायै नमः’ मंत्र का जप करें।
- वृषभ राशि वाले ‘ऊँ श्री सुरेशाय नम: और ॐ महादेव्यै नमः’ मंत्र का जप कर सकते हैं। यह आपके लिए शुभ है।
- मिथुन राशि के लोग निर्जला एकादशी पर ‘ऊँ श्री कमलनयनाय नम: और ॐ त्रिपुरायै नमः’ मंत्र का जप कर सकते हैं।
- कर्क राशि वाले ‘ऊँ श्री धनंजाय नम: मंत्र का जप करें। इससे सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।
- सिंह राशि वाले ‘ऊँ श्री कृष्णाय नम: और ॐ देव्यै नमः’ मंत्र का जप करें।
- कन्या राशि के लोग ‘ ऊँ श्री विष्णवे नम: और ॐ परमायै नमः’ मंत्र का जप कर सकते हैं।
07:40 AM, 06-Jun-2025
निर्जला एकादशी पर करें तुलसी से जुड़े उपाय
- भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए निर्जला एकादशी पर कुछ विशेष उपाय किए जा सकते हैं। इस दिन मां लक्ष्मी को श्रद्धा से श्रीफल अर्पित करें, फिर तुलसी के पौधे की विधिपूर्वक पूजा करें। ऐसा करने से भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है और घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है।
- इस दिन एक और महत्वपूर्ण उपाय यह है कि तुलसी की मंजरी (फूल) को भगवान विष्णु के चरणों में अर्पित करें। मान्यता है कि इस साधारण-से दिखने वाले कार्य से भी भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं, और जीवन में सुख-समृद्धि का प्रवाह शुरू होता है। इससे पुराने कष्ट और बाधाएं भी दूर होने लगती हैं।
- शाम के समय, तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक जलाएं और उसकी ग्यारह बार परिक्रमा करें। यह उपाय जीवन में सुख, शांति और सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने में सहायक होता है। इन सरल लेकिन प्रभावशाली उपायों को श्रद्धा और आस्था से करने पर विष्णु-लक्ष्मी की कृपा सहज ही प्राप्त हो सकती है।
07:05 AM, 06-Jun-2025
निर्जला एकादशी पर घर लाएं ये तीन शुभ चीजें
- सनातन धर्म में गाय को माता और कामधेनू का दर्जा दिया गया है, जो सभी मनोकामनाएं पूरी करने वाली मानी जाती है। निर्जला एकादशी के दिन घर में कामधेनू गाय की मूर्ति या चित्र लाना अत्यंत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इससे घर में सुख-समृद्धि आती है।
- तुलसी को हिंदू धर्म में पवित्र माना गया है और इसे माता लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। निर्जला एकादशी के दिन तुलसी का पौधा घर लाएं और इसे घर के पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में लगाएं। इस दिन तुलसी की पूजा करें और साथ ही घी के दीपक जलाएं।
- मोर पंख को सनातन धर्म में शुभ और श्रीकृष्ण का प्रतीक माना जाता है। निर्जला एकादशी के दिन मोर पंख घर लाकर इसे मंदिर में रखें। यह वास्तु दोष को दूर करता है और घर में सौहार्द बनाए रखता है।
06:40 AM, 06-Jun-2025
निर्जला एकादशी पर करें इन चीजों का दान
- निर्जला एकादशी के दिन जल का विशेष महत्व होता है। इस दिन मिट्टी या तांबे के पात्र में जल भरकर दान देना अत्यंत पुण्यदायी माना गया है। इसे जीवनदाता और पापनाशक कहा गया है। जलदान से प्यासे प्राणियों की सेवा होती है और व्यक्ति के जीवन में शांति और सुख की वृद्धि होती है।
- इस दिन किसी ब्राह्मण, साधु या गरीब को फल या मिठाई का दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में इसे अन्नदान की तरह महत्वपूर्ण माना गया है। यह व्यक्ति के जीवन में मधुरता और सौभाग्य लाता है।
- निर्जला एकादशी के दिन फलों का दान करना चाहिए। यह बहुत शुभ होता है।
- निर्जला एकादशी पर आप अनाज का दान कर सकते हैं। इससे भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं।
- निर्जला एकादशी पर आप क्षमतानुसार वस्त्रों का दान कर सकते हैं।
- आप पंखा, खरबूजा, गुड़, बिस्तर और छाता दान कर सकते हैं।
06:20 AM, 06-Jun-2025
निर्जला एकादशी पूजा विधि
- निर्जला एकादशी के दिन सुबह ही स्नान कर लें।
- आप इस दिन साफ वस्त्रों को धारण करें और यदि संभव हो, तो पीले रंग के कपड़े पहनें।
- अब एक चौकी पर भगवान विष्णु की मूर्ति रखें।
- भगवान को वस्त्र अर्पित करें।
- फूल, मिठाई, फल चढ़ाएं।
- अब शुद्ध देसी घी से दीप जला लें।
- इसके बाद भगवान विष्णु का स्मरण करें।
- मंत्रों का जप करें और निर्जला एकादशी व्रत कथा पढ़ें।
- अंत में प्रभु की आरती करें।
- ध्यान रखें कि यह निर्जला एकादशी है, इसलिए पूरे दिन पानी ग्रहण न करें।
06:00 AM, 06-Jun-2025
निर्जला एकादशी का शुभ मुहूर्त
- निर्जला एकादशी पर पूजा का शुभ मुहूर्त- सुबह 5 बजकर 23 मिनट से 6 बजकर 34 मिनट तक
- व्यतिपात योग- सुबह 10 बजकर 13 मिनट तक
- चित्रा नक्षत्र – 6 जून को पूरे दिन बना रहेगा।
- अभिजीत मुहूर्त-11:55-12:43
- अमृतकाल- पूरे दिन बना रहेगा।
05:41 AM, 06-Jun-2025
Nirjala Ekadashi 2025 Live: शुभ योग में निर्जला एकादशी आज, जानें पूजा विधि और महत्व
निर्जला एकादशी 2025
साल में 24 एकादशी का व्रत रखा जाता है, जो हर माह के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर पड़ता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और उसे समस्त पापों सभी भी छुटकारा मिलता है। हालांकि इन सभी में निर्जला एकादशी को अधिक महत्वपूर्ण माना गया है, क्योंकि यह साल की सबसे बड़ी एकादशी है। पंचांग के मुताबिक ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर निर्जला एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस व्रत में पानी के साथ-साथ अन्न फल ग्रहण करने की भी मनाही होती हैं। बता दें, ज्येष्ठ माह भीषण गर्मी और उसमें चलने वाली लू के लिए जाना जाता है। ऐसे में बिना पानी के इस उपवास को रखना बेहद कठिन होता है। मान्यता है कि निर्जला एकादशी का व्रत रखने के लिए साधक में संयम, श्रद्धा और शारीरिक शक्ति भी होनी चाहिए।