सालों से जमीन के नीचे गड़ा था खजाना, कंगाल थी सरकार, अब शुरु हुई मालामाल बनने की प्रक्रिया

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ऑयल इंडिया लिमिटेड ने जैसलमेर के बखरितिब्बा में DSF-III ब्लॉक से 67,200 SCMD गैस उत्पादन शुरू किया, जो GAIL और RRVUNL को दी जा रही है. जानें भारत की ऊर्जा आत्मनिर्भरता और इस उपलब्धि की पूरी डिटेल.

अरबों का खजाना अब तक था सरकार की नजरों से दूर (इमेज- फाइल फोटो)
भारत की ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और मील का पत्थर स्थापित हुआ है. पश्चिमी राजस्थान के जैसलमेर जिले के रेतीले बखरितिब्बा क्षेत्र में ऑयल इंडिया लिमिटेड (OIL) ने प्राकृतिक गैस उत्पादन शुरू कर एक नया कीर्तिमान रचा है. यह उपलब्धि डिस्कवर्ड स्मॉल फील्ड्स (DSF-III) योजना के तहत हासिल की गई है, जिसे केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर साझा किया.
1 जून 2025 को ऑयल इंडिया लिमिटेड ने जैसलमेर के बखरितिब्बा ब्लॉक में DSF-III के तहत गैस उत्पादन शुरू किया. इस ब्लॉक में तीन मल्टी-वेल पैड्स (MWP) की ड्रिलिंग रिकॉर्ड समय में पूरी की गई, जिसके परिणामस्वरूप 67,200 स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर प्रतिदिन (SCMD) गैस का उत्पादन शुरू हुआ. यह गैस GAIL (इंडिया) लिमिटेड और राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (RRVUNL) को आपूर्ति की जा रही है. OIL का लक्ष्य जल्द ही उत्पादन को 100 मिलियन SCMD तक बढ़ाना है, जो भारत की ऊर्जा आत्मनिर्भरता को और मजबूत करेगा.
बखरितिब्बा ब्लॉक, जो भारत-पाकिस्तान सीमा के पास रेगिस्तानी इलाके में स्थित है, अपनी कठिन भौगोलिक और जलवायु परिस्थितियों के लिए जाना जाता है. फिर भी OIL की तकनीकी और लॉजिस्टिक क्षमता ने इस चुनौतीपूर्ण क्षेत्र में गैस उत्पादन को संभव बनाया. केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इसे “OIL की दृढ़ता, संकल्प और जिम्मेदारी” का प्रतीक बताया. उन्होंने X पर लिखा, “यह मील का पत्थर भारत की ऊर्जा सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.”
डिस्कवर्ड स्मॉल फील्ड्स (DSF) नीति, जो 2015 में शुरू हुई, छोटे और पहले गैर-लाभकारी माने जाने वाले तेल-गैस क्षेत्रों को उत्पादन में लाने के लिए बनाई गई थी. बखरितिब्बा ब्लॉक DSF-III बिडिंग राउंड (2022) का हिस्सा है। OIL ने इस ब्लॉक में तेजी से मुद्रीकरण हासिल कर एक बेंचमार्क स्थापित किया. यह परियोजना भारत की 82% तेल आयात पर निर्भरता को कम करने और 2030 तक प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी को 15% तक बढ़ाने की रणनीति का हिस्सा है.
बखरितिब्बा का महत्व
बखरितिब्बा ब्लॉक की सफलता भारत के ऊर्जा क्षेत्र में राजस्थान की बढ़ती भूमिका को दर्शाती है. 1988 में OIL ने यहां गैस की खोज की थी और अब DSF-III के तहत यह क्षेत्र ऊर्जा हब बन रहा है. GAIL की 65 किमी पाइपलाइन के जरिए गैस रामगढ़ पावर प्लांट तक पहुंचाई जा रही है. यह परियोजना न केवल ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ावा देगी, बल्कि स्थानीय रोजगार और तकनीकी नवाचार को भी प्रोत्साहित करेगी.

न्यूज 18 में बतौर सीनियर सब एडिटर काम कर रही हूं. रीजनल सेक्शन के तहत राज्यों में हो रही उन घटनाओं से आपको रूबरू करवाना मकसद है, जिसे सोशल मीडिया पर पसंद किया जा रहा है. ताकि कोई वायरल कंटेंट आपसे छूट ना जाए.
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