Published On: Tue, Jun 3rd, 2025

5 विवादित इलाकों में बॉर्डर पिलर लगाएंगे असम-मेघालय: 15 अगस्त पूरा होगा काम; 12 विवादित इलाकों को लेकर 2022 में हुआ था समझौता


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गुवाहाटी7 मिनट पहले

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गुवाहाटी में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा और मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने बैठक की। - Dainik Bhaskar

गुवाहाटी में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा और मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने बैठक की।

असम और मेघालय के बीच लंबे समय से चल रहे सीमा विवाद को सुलझाने की दिशा में दोनों राज्यों ने एक अहम कदम उठाया है।

दोनों राज्यों की सरकारों ने सोमवार को घोषणा की कि 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस तक पांच विवादित इलाकों में बॉर्डर पिलर लगाए जाएंगे। यह जानकारी दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने दी।

ये पांच इलाके उन छह विवादित क्षेत्रों में शामिल हैं, जिनमें से कुल 12 विवादित क्षेत्रों को सुलझाने के लिए असम और मेघालय ने मार्च 2022 में एक समझौता किया था।

हिमंत बिस्व सरमा और कोनराड संगमा की बैठक की तस्वीर।

हिमंत बिस्व सरमा और कोनराड संगमा की बैठक की तस्वीर।

छठे क्षेत्र का विवाद सुलझाने के लिए डिप्टी कमिश्नर बैठक करेंगे

गुवाहाटी में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा और मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया।

हिमंत बिस्व सरमा ने कहा, ‘जिन छह क्षेत्रों को लेकर समझौता हुआ था, उनमें से पांच में 15 अगस्त तक बॉर्डर पिलर लगाने की कोशिश करेंगे। इनमें से एक इलाके को लेकर कुछ असहमति है।

उन्होंने कहा कि मेघालय ऐसा गांव चाहता है जो हमारे हिस्से में आया है, लेकिन उन्होंने भरोसा दिलाया है कि उसके बदले हमें उतनी ही जमीन दी जाएगी। हमने एक हफ्ते का समय मांगा है ताकि हम इस पर विचार करके उन्हें जवाब दे सकें।

छठे क्षेत्र के बारे में सरमा ने बताया कि यह पीलिंगकाटा क्षेत्र है और इसमें विवाद की व्याख्या को लेकर मतभेद है। इसके समाधान के लिए दोनों राज्यों के डिप्टी कमिश्नर आपस में बैठक करेंगे।

मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने कहा,छोटे-छोटे मुद्दों को सुलझाया जा रहा है और पांच क्षेत्रों में स्वतंत्रता दिवस तक बॉर्डर पिलर लगाए जाने की उम्मीद है। सीमा विवाद का सही समाधान हमारे रिश्तों में एक अहम उपलब्धि है।’

बाकी छह क्षेत्रों पर चर्चा जारी रहेगी

सरमा ने यह भी बताया कि बाकी छह विवादित क्षेत्रों पर बातचीत आगे बढ़ेगी, लेकिन इसके लिए अभी कोई समय सीमा तय नहीं की गई है।

ये तस्वीर मार्च 2022 की है, जब गृह मंत्री अमित शाह की अगुआई में दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने 6 इलाकों की सीमा तय की थी।

ये तस्वीर मार्च 2022 की है, जब गृह मंत्री अमित शाह की अगुआई में दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने 6 इलाकों की सीमा तय की थी।

कुलसी परियोजना पर सहमति

सीमा से जुड़े कुलसी बहुउद्देशीय परियोजना के बारे में दोनों मुख्यमंत्रियों ने बताया कि इस पर संयुक्त रूप से काम करने का निर्णय लिया गया है। संगमा ने कहा कि कुलसी परियोजना दोनों राज्यों के लिए फायदेमंद है। हम इस पर मिलकर काम करेंगे, लेकिन स्थानीय लोगों की सहमति जरूरी होगी।”

वहीं, हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि इस हाइडल प्रोजेक्ट पर दोनों राज्य मिलकर काम करेंगे, जबकि असम सरकार इसके सिंचाई वाले हिस्से को आगे बढ़ाएगी, जिससे कामरूप और गोलपाड़ा जिलों को फायदा होगा।

क्या है असम और मेघालय के बीच सीमा विवाद

असम और मेघालय के बीच 884.9 किलोमीटर लंबी अंतरराज्यीय सीमा पर 12 जगहों पर सीमा विवाद है। मार्च 2022 में नई दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की उपस्थिति में हुए समझौते के तहत पहले चरण में 6 विवादित क्षेत्रों को सुलझाया गया था।

पहले चरण में 36.79 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर फैसला हुआ, जिसमें से 18.46 वर्ग किलोमीटर असम को और 18.33 वर्ग किलोमीटर मेघालय को मिला था।

मेघालय को 1972 में असम से अलग राज्य बनाया गया था और तब से वह असम पुनर्गठन अधिनियम, 1971 को चुनौती देता आ रहा है, जिसे असम अपनी सीमा का कानूनी आधार मानता है।

30 जून 1986 को मिजोरम के नेताओं ने मिजो पीस एकॉर्ड पर हस्ताक्षर किए थे। इसमें ही सीमा तय की गई है। पर नियम 1875 को माने या 1933 को, इस पर ही असम और मिजोरम के बीच विवाद बना हुआ है। मिजोरम कहता है कि 1875 के नियमों का पालन किया जाए।

30 जून 1986 को मिजोरम के नेताओं ने मिजो पीस एकॉर्ड पर हस्ताक्षर किए थे। इसमें ही सीमा तय की गई है। पर नियम 1875 को माने या 1933 को, इस पर ही असम और मिजोरम के बीच विवाद बना हुआ है। मिजोरम कहता है कि 1875 के नियमों का पालन किया जाए।

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