कबाड़ से बनाई साइकिल, स्टंट से बनाया नाम… इस युवक की रफ्तार देख हर कोई हैरान! जानिए पूरी कहानी

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Bharatpur News: भरतपुर के रवि सोनी, जिन्हें लोग ‘साइकिल मैन’ और ‘RVS टाइगर’ के नाम से जानते हैं, बचपन की कठिनाइयों के बावजूद साइक्लिंग को जीवन का मकसद बना चुके हैं. स्टंट, फिटनेस और पर्यावरण संदेश के ज़रिए वे य…और पढ़ें

स्टंट करता साइकिल मेन रवि
हाइलाइट्स
- भरतपुर के रवि सोनी को साइकिल मैन के नाम से जाना जाता है.
- रवि ने कबाड़ से साइकिल बनाकर साइक्लिंग शुरू की.
- रवि 20 से ज्यादा साइक्लिंग चैलेंज जीत चुके हैं.
भरतपुर. भरतपुर के बयाना कस्बे के रहने वाले रवि सोनी आज साइकिल मैन और आरवीएस टाइगर के नाम से पहचाने जाते हैं. रवि की पहचान सिर्फ एक साइकिलिस्ट के तौर पर नहीं है. बल्कि एक ऐसे शख्स के रूप में है जिसने साइकिल को जीवन का माध्यम बना लिया है. न सिर्फ चलाने के लिए बल्कि समाज को प्रेरित करने के लिए भी.
रवि की यह यात्रा बचपन में शुरू हुई थी. जब और बच्चे खिलौनों से खेलते थे तब रवि की निगाहें साइकिल पर टिकी रहती थीं. लेकिन घर की आर्थिक स्थिति सही न होने की वजह से रवि ने काफी दुख झेले. इसके बाद रवि ने कबाड़ से एक साइकिल ली और उसे मॉडिफाई कर जुगाड़ बनाकर साइक्लिंग शुरू की. धीरे-धीरे यह शौक जुनून में बदल गया. उन्होंने साइक्लिंग को सिर्फ चलाने तक सीमित नहीं रखा बल्कि उससे हैरतअंगेज स्टंट करने शुरू कर दिए.
साइकिल सिर्फ साधन नहीं. रवि के लिए जीवनशैली
आज जब पूरा विश्व साइकिल दिवस मना रहा है. रवि इस अवसर को सिर्फ एक रस्म की तरह नहीं बल्कि एक अभियान की तरह मनाते हैं. उनके लिए साइकिल केवल एक साधन नहीं बल्कि जीवनशैली है. रवि का मानना है कि साइकिल चलाना सिर्फ सेहत के लिए नहीं बल्कि पर्यावरण के लिए भी जरूरी है. जब हम साइकिल चलाते हैं तो ना सिर्फ शरीर को फायदा होता है. बल्कि हवा और वातावरण को भी राहत मिलती है.
सड़कों पर करतब से लोगों को करते हैं हैरान
रवि की कला इतनी नायाब है कि जब वो सड़कों पर स्टंट करते हैं तो देखने वालों की भीड़ खुद-ब-खुद जुट जाती है. रवि का मानना है कि साइक्लिंग न केवल शारीरिक फिटनेस को सुधारती है. बल्कि मानसिक सुकून भी देती है. आज के व्यस्त जीवन में जहां लोग तनाव और भागदौड़ से जूझ रहे हैं. वहीं साइकिल एक ऐसा माध्यम बन सकती है जो न सिर्फ फिटनेस का साधन है. बल्कि एक ध्यान जैसी प्रक्रिया भी है.
20 से ज्यादा चैलेंज. युवाओं के लिए बन चुके हैं प्रेरणा
रवि के पास इस समय पांच साइकिल हैं. और वे अब तक 20 से ज्यादा साइक्लिंग चैलेंज जीत चुके हैं. उनके पास कई सर्टिफिकेट्स और मेडल्स हैं जो उनकी मेहनत और लगन के गवाह हैं. लेकिन उनके लिए ये सब सिर्फ शुरुआत है. उनका सपना है कि वह साइक्लिंग की दुनिया में भारत का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन करें.
स्कूल-कॉलेज में जाकर भरते हैं जोश
आज रवि अपने शहर के युवाओं को भी साइकिल चलाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. वे स्कूलों और कॉलेजों में जाकर साइकिल के फायदे बताते हैं और स्टंट के ज़रिए युवाओं में जोश भरते हैं. उनका कहना है कि अगर हर इंसान साइकिल को अपनी दिनचर्या में शामिल कर ले तो न हम बीमार पड़ेंगे न पृथ्वी.
बड़े कामों के लिए नहीं चाहिए बड़े संसाधन
तो ये थे साइकिल मैन रवि सोनी. जो हमें सिखाते हैं कि बड़े काम करने के लिए बड़े संसाधन नहीं बल्कि बड़ा जज्बा चाहिए होता है. और रवि का यही जज्बा उन्हें एक आम इंसान से साइकिल मैन बना देता है.