भारत की तरफ लौटने को मजबूर हो गया मालदीव! मुइज्जू ने PM मोदी को बुलावा भेजा

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भारत और मालदीव के रिश्तों में सुधार के संकेत, पीएम मोदी को मालदीव यात्रा का न्योता मिला. यात्रा 26 जुलाई को हो सकती है. राष्ट्रपति मुइज्जू के सत्ता में आने के बाद यह पहली यात्रा होगी.

पीएम नरेंद्र मोदी की माले यात्रा की चर्चा तेज हो गई है.(Image:PTI)
हाइलाइट्स
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मालदीव यात्रा का न्योता मिला.
- पीएम मोदी की यात्रा 26 जुलाई को मालदीव के स्वतंत्रता दिवस पर हो सकती है.
- मुइज्जू के सत्ता में आने के बाद ये पीएम मोदी की पहली मालदीव यात्रा होगी.
नई दिल्ली. भारत और मालदीव के रिश्तों में पहले आई तल्खी के बाद हाल के महीनों में अब एक नई गर्माहट देखने को मिल रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जुलाई में मालदीव यात्रा का न्योता मिला है, जिस पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है. यह यात्रा मालदीव के स्वतंत्रता दिवस यानी 26 जुलाई को हो सकती है. सूत्रों के अनुसार, मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला खलील ने पिछले हफ्ते भारत दौरे के दौरान राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू का पीएम मोदी के लिए औपचारिक निमंत्रण सौंपा था.
अगर यह यात्रा होती है, तो यह मुइज्जू के राष्ट्रपति बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली मालदीव यात्रा होगी. यह यात्रा सिर्फ औपचारिकता नहीं होगी. इसमें भारत के सहयोग से बन रहे ग्रेटर माले कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट जैसे बड़े बुनियादी ढांचा प्रोजेक्ट्स के उद्घाटन के साथ-साथ हिंद महासागर क्षेत्र में स्थिरता और सुरक्षा सहयोग पर भी खास ध्यान रहेगा.
गौरतलब है कि राष्ट्रपति मुइज्जू के सत्ता में आने के बाद भारत और मालदीव के बीच रिश्तों में थोड़ी दूरी आई थी. इसकी सबसे खास वजह भारतीय सैनिकों को हटाने की मांग थी. हालांकि हाल के बयानों में मुइज्जू ने बार-बार कहा है कि वे भारत के खिलाफ नहीं हैं और मालदीव की नीति क्षेत्रीय शांति और सभी देशों से समान दूरी रखने की रहेगी.
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भारत और मालदीव दशकों से एक-दूसरे के रणनीतिक साझेदार रहे हैं. भारत ने न केवल मालदीव की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में मदद की है, बल्कि कोविड संकट, 2004 की सुनामी और रक्षा प्रशिक्षण में भी अहम भूमिका निभाई है. अब देखना होगा कि क्या प्रधानमंत्री मोदी इस निमंत्रण को स्वीकार करते हैं और दोनों देशों के रिश्ते एक बार फिर पुराने भरोसे और सहयोग की राह पर लौटते हैं.
Rakesh Singh is a chief sub editor with 14 years of experience in media and publication. International affairs, Politics and agriculture are area of Interest. Many articles written by Rakesh Singh published in …और पढ़ें
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