Published On: Mon, Jun 2nd, 2025

Bihar: उरी की त्रासदी से जीत तक; शहीद की बेटी अंशिका ने 10वीं बोर्ड में 95.4% अंक लाकर बाजी मारी


उरी आतंकी हमले में शहीद हुए नायक सुनील कुमार विद्यार्थी की बेटी अंशिका विद्यार्थी ने 10वीं की बोर्ड परीक्षा में 95.4% अंक प्राप्त कर शानदार प्रदर्शन किया है। गया जिले के मेडिकल रोड स्थित डीएवी पब्लिक स्कूल, सीआरसीसी की छात्रा अंशिका अब अपने स्कूल की टॉप छात्राओं में गिनी जाती है। यह सफलता सिर्फ एक परीक्षा में अच्छे अंक लाने की नहीं, बल्कि साहस, प्रतिबद्धता और आत्मबल की गवाही देती है।

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2016 में उरी हमले में पिता की शहादत के बाद भी नहीं रुकी अंशिका की राह

अंशिका उस समय बहुत छोटी थी जब 2016 में उरी आतंकी हमले में उसके पिता नायक सुनील कुमार विद्यार्थी शहीद हो गए। गया जिले के बकनौरी गांव का यह परिवार उस घटना के बाद गहरे सदमे में चला गया। बावजूद इसके, अंशिका ने शिक्षा की राह नहीं छोड़ी। कक्षा 4 तक उसने 99% अंक प्राप्त कर अपनी प्रतिभा का परिचय पहले ही दे दिया था।

डॉ. सर्वेश तिवारी का साथ बना संबल, दी 20 लाख की आर्थिक मदद

उरी हमले के बाद पीआर प्रोफेशनल्स के संस्थापक और समाजसेवी डॉ. सर्वेश तिवारी इस परिवार के सहायक बने। उन्होंने शहीद सुनील कुमार की तीनों बेटियों की शिक्षा का पूरा खर्च उठाने का संकल्प लिया और 20 लाख रुपये की आर्थिक मदद भी प्रदान की। उन्होंने हर कठिन समय में परिवार को मानसिक और भावनात्मक सहयोग भी दिया।

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“पापा के जाने के बाद सब अधूरा लगने लगा था”

अपनी सफलता पर भावुक अंशिका कहती है, “पापा के जाने के बाद जिंदगी जैसे थम गई थी। सर्वेश अंकल हमारे लिए किसी भगवान से कम नहीं हैं। उनका भरोसा और साथ ही मेरी प्रेरणा बना। आज की सफलता मेरे पापा और उन सभी लोगों की है जिन्होंने मुझे टूटने नहीं दिया।”

“अंशिका की सफलता पूरे देश के लिए प्रेरणा” 

डॉ. सर्वेश तिवारी ने अंशिका की सफलता पर खुशी जताते हुए कहा, “हमने उरी हमले में एक बहादुर सैनिक खोया, लेकिन यह परिवार सब कुछ खो बैठा। तब मैंने ठाना कि इस परिवार के साथ हमेशा खड़ा रहूंगा। अंशिका की सफलता बताती है कि जब हम शहीदों के बच्चों को सशक्त बनाते हैं, तब हम उनकी विरासत को सही मायनों में संजोते हैं।”

“हमारे लिए भगवान जैसे हैं”

अंशिका की मां किरण देवी कहती हैं, “जब तिवारी जी ने मेरी बेटियों की पढ़ाई की जिम्मेदारी ली, तो लगा भगवान ने हमारी सुन ली। आज अंशिका की सफलता उन सभी शहीद परिवारों के लिए आशा की किरण है। उनके बिना यह संभव नहीं होता।” अंशिका अब अपने शहीद पिता के सपनों को साकार करने के लिए उच्च शिक्षा प्राप्त करने की दिशा में बढ़ रही है। वह देश के लिए कुछ बड़ा करने की इच्छा रखती है और चाहती है कि उसका जीवन उसके पिता की शहादत को सार्थक बनाए। डॉ. सर्वेश तिवारी न केवल पीआरपी ग्रुप के संस्थापक हैं, बल्कि वे कई सामाजिक अभियानों से जुड़े रहे हैं। निर्भया कांड के बाद स्थापित ‘निर्भया ज्योति ट्रस्ट’ में महासचिव के रूप में और ‘कलाम फाउंडेशन’ के सलाहकार के तौर पर उन्होंने महिला सशक्तिकरण और शिक्षा के क्षेत्र में अहम योगदान दिया है।

 

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