असम में बाढ़ से कोहराम: 15 जिलों में 78000 लोग बेहाल, CM ने जनता को चेताया

गुवाहाटी. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को राज्य और पड़ोसी अरुणाचल प्रदेश में लगातार बारिश के मद्देनजर नदी किनारे और निचले इलाकों में रह रहे लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी. सरमा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जारी एक पोस्ट में चेतावनी देते हुए कहा कि अरुणाचल प्रदेश के किबिथु (17 सेमी), हयुलियांग (15 सेमी) और कलकटंग (10 सेमी) में भारी वर्षा दर्ज की गई है, जिससे नदी के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो सकती है.
उन्होंने कहा, “असम में सिलचर (42 सेमी), करीमगंज (35 सेमी), हैलाकांडी (30 सेमी) और आसपास के इलाकों में पहले से ही भारी बारिश हो रही है. निचले इलाकों और नदी किनारे के इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने और स्थानीय सलाह का पालन करने की सलाह दी गई है. सुरक्षित रहें, तैयार रहें.”
असम में रविवार को भी बाढ़ की गंभीर स्थिति बनी रही और 10 प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. राज्य के 15 से अधिक जिलों में 78,000 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. इसके अलावा, राज्य में बाढ़ और भूस्खलन में अब तक आठ लोगों की मौत हो चुकी है. अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ और भूस्खलन से सड़क परिवहन, रेल यातायात और नौका सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं.
केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) ने बाढ़ की गंभीर स्थिति के मद्देनजर राज्य के लिए ‘ऑरेंज बुलेटिन’ जारी किया है. आयोग के मुताबिक ब्रह्मपुत्र और बराक समेत 10 प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. अन्य नदियां जो खतरे के निशान को पार कर गई हैं उनमें घारमुरा (हैलाकांडी) में धलेश्वरी नदी, ढोलाई (कछार) में रुकनी, मटिजुरी (हैलाकांडी) में कटखल, बदरपुर घाट (श्रीभूमि) में बराक, नुमालीगढ़ (गोलाघाट) में धनसिरी और कांपुर (नगांव) में कोपिली शामिल हैं.
क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (आरएमसी) के आंकड़ों के अनुसार, शनिवार को राज्य के पश्चिमी हिस्से के तीन जिलों में ‘रेड अलर्ट’ और आठ जिलों में ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया गया था. अरुणाचल प्रदेश और मेघालय के ऊपरी इलाकों से आए बारिश के पानी ने बाढ़ की स्थिति और खराब कर दी है.
अधिकारियों ने बताया कि राहत और बचाव कार्य के लिए राष्ट्रीय आपदा राहत बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), पुलिस, अग्निशमन और आपातकालीन सेवाओं की टीम तैनात की गई हैं और प्रभावित इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है.