करनाल में पूर्व विधानसभा स्पीकर का बड़ा बयान: कहा हरियाणा में परशुराम जयंती नहीं, चल रही ब्राह्मण राजनीति – Karnal News

पूर्व विधानसभा स्पीकर कुलदीप शर्मा।
हरियाणा में के रोहतक में आज राज्यस्तरीय परशुराम जयंती समारोह मनाया जा रहा है। जिसको लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप शर्मा का बड़ा बयान सामने आया है। जिसमें उन्होंने कहा कि राज्य में जयंती नहीं, बल्कि ब्राह्मण राजनीति हो र
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पेहरावर की जमीन, गौड़ कॉलेज और कार्तिक शर्मा की भूमिका पर भी विस्तार से बोले। कांग्रेस की ब्राह्मण उपेक्षा और संगठन की कमजोरी को उन्होंने पार्टी की बड़ी गलती बताया। साथ ही भाजपा की रणनीति को समझदारी करार दिया। शर्मा ने मुख्यमंत्री को चेताया कि यह राजनीति उन्हें अब समझ नहीं आएगी, लेकिन आगे चलकर नुकसान जरूर होगा।
जयंती के नाम पर हो रही सियासत, सवाल उठाया– कौन है बड़ा ब्राह्मण नेता
कुलदीप शर्मा ने कहा कि पहले पंचकुला में मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष ने मिलकर परशुराम जयंती मनाई, फिर हर जिले में कार्यक्रम हुए। रोहतक में अब रैली हो रही है। पेहरावर में नवीन जयहिंद ने प्रदर्शन किया। रामकुमार गौतम के भी बयान आए। अब सरकार फिर से एक और परशुराम जयंती के रूप में रैली कर रही है। उन्होंने कहा कि परशुराम जयंती मनाना अच्छी बात है, हम ब्राह्मण वंशज हैं, लेकिन यह अब श्रद्धा नहीं, बल्कि ‘वन अप मैनशिप’ यानी कौन बड़ा ब्राह्मण नेता है, इस होड़ का खेल बन गया है।

चुनाव प्रचार के दौरान पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ कुलदीप शर्मा की फाइल फोटो।
पेहरावर की जमीन पर भी उठाए सवाल
उन्होंने पेहरावर की जमीन को लेकर कहा कि वह जमीन ब्राह्मण सभा को कांग्रेस सरकार के समय अलॉट की गई थी। आरोप लगाया जा रहा है कि जमीन वापस ले ली गई, लेकिन सच्चाई यह है कि वह जमीन ब्राह्मणों की ही थी। चार्जेस न भर पाने की वजह से सरकार ने विड्रॉल नोटिस दिया, जिस पर संघर्ष शुरू हुआ। नवीन जयहिंद ने वहां बड़ा प्रदर्शन किया था। उस समय कुछ लोगों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री के लिए भी अपशब्द कहे थे, लेकिन वह उनकी राजनीतिक मजबूरी रही होगी।
रोहतक के गौड़ कॉलेज और कार्तिक शर्मा की भूमिका का किया जिक्र
कुलदीप शर्मा ने बताया कि पंचकूला में कार्तिक शर्मा की अगुवाई में हुई रैली में पूरे हरियाणा से लोग पहुंचे थे। पेहरावर की जमीन कांग्रेस सरकार ने दी थी। रोहतक के गौड़ कॉलेज में कांग्रेस सरकार ने 20 करोड़ रुपये दिए। आज की सरकार बताए कि उसने कितना पैसा दिया है। पेहरावर जमीन का बैकलॉग भी कार्तिक शर्मा ने ही पूरा करवाया था। उन्होंने दोहराया कि जयंती के नाम पर राजनीति हो रही है, जबकि समारोह पहले ही पूरे हरियाणा में हो चुके हैं।
कांग्रेस की ब्राह्मण उपेक्षा पर भी जताई नाराजगी, बीजेपी को बताया समझदार
कांग्रेस नेता ने कहा कि जब विधानसभा टिकटों का बंटवारा हुआ था, तब उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व को बताया था कि पार्टी ने सिर्फ 4 ब्राह्मणों को टिकट दी जबकि बीजेपी ने 11 ब्राह्मणों को टिकट दी। आज उनके दो मंत्री और 6-7 विधायक हैं। कांग्रेस ने ब्राह्मणों को प्रतिनिधित्व नहीं दिया, तो वे स्टार कैसे बनते? उन्होंने करनाल सीट का उदाहरण देते हुए कहा कि ब्राह्मण को टिकट मिलती तो क्षेत्र में प्रतिनिधित्व बनता, चाहे कैंडिडेट कोई भी होता। विदेश से कोई नेता लाकर उसे ब्राह्मण लीडर बनाकर थोपना संभव नहीं है, क्योंकि राजनीति में जमीनी पकड़ जरूरी होती है।

प्रचार के दौरान कुलदीप शर्मा की फाइल फोटो।
सदन में ब्राह्मण नेताओं के अपमान पर जताई आपत्ति
उन्होंने रामकुमार गौतम के संदर्भ में कहा कि 80 वर्ष की उम्र में तीसरी बार विधायक बने हैं, लेकिन उनके लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल हुआ। जिस तरह से अनुभवी नेताओं ने भाषा की मर्यादा तोड़ी और पूरा सदन ठहाके लगाकर हंसा, वह न केवल सदन बल्कि व्यक्तियों की गरिमा के भी खिलाफ है।
कांग्रेस में संगठन की कमी स्वीकार की, कहा– गलती हमारी
पूर्व स्पीकर ने स्वीकार किया कि कांग्रेस के पास संगठन नहीं था, जबकि भाजपा का जमीनी संगठन मजबूत था। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस में संगठन होता तो आज सत्ता में कांग्रेस होती। उन्होंने कहा कि लोगों का मन सरकार बदलने का था, लेकिन कांग्रेस एक व्यक्ति विशेष की पार्टी बनती जा रही थी, जो जनता को पसंद नहीं आया। अब संगठन के पुनर्गठन की बात चल रही है, ऑब्जर्वर भी आए हैं। अगर जमीनी कार्यकर्ताओं को जोड़ा गया, तो कांग्रेस फिर से अपने पैरों पर खड़ी हो सकती है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में कांग्रेस के 37 विधायक हैं, 10 में से 5 सांसद हैं। ऐसे में यह कहना गलत होगा कि कांग्रेस खत्म हो गई है।
पिछली बार ऑब्जर्वर के सामने हुई थी जूतमपैजार
उन्होंने कहा कि पिछली बार जब संगठन निर्माण के लिए ऑब्जर्वर आए थे, तो उनके सामने ही झगड़े और हाथापाई हुई थी। कांग्रेस किसी एक व्यक्ति की पार्टी नहीं हो सकती। यह सबकी पार्टी है और विचारों का मिश्रण है।