Tibet Bill China Us Congress Delegation Visits Tibetan Parliament In Exile In Dharamshala – Amar Ujala Hindi News Live


डोलमा त्सेरिंग तेखांग/तेनजिन लेक्षय
– फोटो : एएनआई, शिमला
विस्तार
अमेरिकी कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल के दौरे पर निर्वासित तिब्बती संसद की उपाध्यक्ष डोलमा त्सेरिंग तेखांग ने कहा, “वे तिब्बतियों की संस्कृति के एक अलग तरीके का अनुभव करने के लिए यहां आए हैं। वे परम पावन (दलाई लामा) से मुलाकात करेंगे और फिर हम बैठक में आधिकारिक रूप से मिलेंगे। इससे यह संदेश जाएगा कि तिब्बत अकेला नहीं है। संयुक्त राज्य अमेरिका तिब्बत के साथ है और मानवाधिकार अभी भी मायने रखते हैं।
#WATCH | Dharamshala: Himachal Pradesh: On U.S. Congressional delegation’s visit, Deputy Speaker of Tibetan Parliament-in-Exile, Dolma Tsering Teykhang says, “…They are here to experience a different way of culture that Tibetans have…They have an audience with His Holiness… pic.twitter.com/VjWWl8rLda
— ANI (@ANI) June 19, 2024
निर्वासित तिब्बती संसद की उपाध्यक्ष डोलमा त्सेरिंग तेखांग ने कहा ”यह केवल तिब्बत के लिए ही नहीं बल्कि मानवाधिकारों और स्वतंत्रता के लिए आकांक्षी किसी भी व्यक्ति के लिए संदेश है। वे सभी जो चीन की धमकी और शी जिनपिंग की विस्तारवादी मानसिकता के तहत पीड़ित हैं, मुझे लगता है कि यह उनके लिए एक बहुत बड़ा संदेश है।
चीन के बारे में उन्होंने कहा, “चीन तिब्बत का समर्थन करने वाले किसी भी व्यक्ति से नाराज है। हम यहां चीन को नाराज या अपमानित करने के लिए नहीं हैं, प्रतिनिधि और सीनेटर यहां उचित कारण का समर्थन करने के लिए हैं। इसलिए, जब सत्य होता है, तो आपके पास समर्थक होते हैं और यदि कोई सत्य है या जब वे तिब्बत में अपनी गलत राजनीति को सुधारते हैं, तो उन्हें भी बहुत समर्थन मिलेगा।”
Deputy Speaker of Tibetan Parliament-in-Exile, Dolma Tsering Teykhang says, “I think it’s high time that India review its policy towards China because when you have a big bully at your border who is ready to say let’s do business at the same time let’s leave the border site… https://t.co/W4TZTGQEQl
— ANI (@ANI) June 19, 2024
निर्वासित तिब्बती संसद की उपाध्यक्ष डोलमा त्सेरिंग तेयखांग कहती हैं, “मुझे लगता है कि अब समय आ गया है कि भारत चीन के प्रति अपनी नीति की समीक्षा करे, क्योंकि जब आपकी सीमा पर एक बड़ा दबंग खड़ा हो जो यह कहने को तैयार हो कि चलो व्यापार करते हैं और साथ ही सीमा क्षेत्र को छोड़ देते हैं, तो आप सिर्फ व्यापार के लिए अपनी संप्रभुता से समझौता कैसे कर सकते हैं। इसलिए, आपको अपने देश की समृद्धि के लिए व्यापार करना चाहिए, लेकिन साथ ही मानवाधिकारों के उल्लंघन पर कड़ा रुख अपनाना चाहिए और चीन की विस्तारवादी मानसिकता इस समय महत्वपूर्ण है।”
तेनजिन लेक्षय भी कहते हैं, “भारत हमारे लिए सबसे अच्छा स्थान रहा है और हम भारतीय सरकार और जनता के प्रति कृतज्ञता महसूस करते हैं, लेकिन तिब्बत का मुद्दा सिर्फ तिब्बत का मुद्दा नहीं है, भारत का भी इसमें हित जुड़ा हुआ है। इसलिए, मुझे लगता है कि भारतीय लोगों को भी तिब्बत के मुद्दे के बारे में जागरूक होना चाहिए।”
Tenzin Lekshay also says, “India has been the best hots for us and we feel gratitude towards Indian government and public. But Tibet issue is not just a Tibetan issue, India’s stake is also there. So, I think Indian people should also be aware of the Tibetan issue.” https://t.co/uv2L2qHJ6w
— ANI (@ANI) June 19, 2024