उदयपुर की एनडीपीएस कोर्ट ने बहुचर्चित मेंड्रेस ड्रग केस में सोमवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया। कोर्ट ने 6 आरोपियों को 20-20 साल की कठोर कैद और 2 लाख रुपये जुर्माने की सजा दी, जबकि एक अन्य आरोपी अतुल म्हात्रे को खराब स्वास्थ्य के आधार पर 10 साल की कैद और 1 लाख रुपये का जुर्माना सुनाया। यह फैसला एडीजे-1 कोर्ट के न्यायाधीश मनीष वैष्णव ने सुनाया।
यह मामला 2016 का है, जब डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) को मुंबई से इनपुट मिला था। इसके आधार पर उदयपुर के कलड़वास स्थित एक फैक्टरी पर छापा मार कर 23,500 किलो मेथाकुलोन (मेंड्रेस टैबलेट) बरामद की गई थी, जिसकी अंतरराष्ट्रीय कीमत 8000 करोड़ रुपये आंकी गई। यह ड्रग दक्षिण अफ्रीका और इंडोनेशिया तक सप्लाई की जा रही थी।
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पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी सुभाष दूदानी सहित 8 लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनमें से सुभाष की मृत्यु 3 साल पूर्व हो चुकी है। बाकी 7 आरोपियों में रवि दूदानी, परमेश्वर व्यास, अनिल मल्कानी, संजय पटेल, निर्मल दूदानी, गूंजन दूदानी और अतुल म्हात्रे शामिल हैं। रवि और परमेश्वर पिछले 9 वर्षों से जेल में बंद थे, जबकि अन्य आरोपी जमानत पर थे।
50 गवाह, 1000 दस्तावेज और 300 इलेक्ट्रॉनिक उपकरण
प्रकरण में सुनवाई के दौरान 50 गवाह, 1000 दस्तावेज पेश किए गए थे। साथ ही 1600 कंट्रोल सैंपल पर आर्टिकल और 300 इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर आर्टिकल डलवाकर 50 गवाह पेश किए गए। जिसके बाद आरोपियों पर दोष सिद्ध हो पाया। मामले में केन्द्र सरकार की ओर से राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर के अतिरिक्त महाधिवक्ता प्रवीण खंडेलवाल, विशिष्ट लोक अभियोजक राजेश वसीटा और विशिष्ट लोक अभियोजक एससी शर्मा ने पैरवी की।