हिमाचल प्रदेश में क्लास वन और टू श्रेणी के अधिकारियों की बिजली सब्सिडी बंद करने की तैयारी तेज हो गई है। कोषागार, लेखा एवं लॉटरी विभाग ने बिजली बोर्ड को इस दायरे में आने वाले अधिकारियों की सूची सौंप दी है। बिजली बोर्ड प्रबंधन ने भी फील्ड अधिकारियों को ऐसे सभी उपभोक्ताओं के बिजली खातों को चिह्नित करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। अब सरकार के निर्देश मिलते ही एक जनवरी 2025 से इन उपभोक्ताओं की बिजली सब्सिडी बंद हो जाएगी।
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बिजली बोर्ड प्रबंधन ने शिमला, मंडी, कांगड़ा और हमीरपुर जोन के मुख्य अभियंताओं (संचालन) को निर्देश जारी किया गया है कि वह सभी अधीनस्थ कार्यालयों को क्लास वन और टू श्रेणी के कर्मचारियों तथा पेंशनभोगियों के खातों को चिह्नित कर लें। बिजली सब्सिडी बंद करने की प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से की जाएगी। दिसंबर 2024 में मुख्यमंत्री सुक्खू ने एक जनवरी 2025 से क्लास वन और टू स्तर के अधिकारियों को दी जा रही बिजली सब्सिडी बंद करने का फैसला लिया था। बिजली बोर्ड की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने और आत्मनिर्भर बनाने के लिए यह फैसला लिया था। इसी दौरान मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से स्वेच्छा से बिजली सब्सिडी छोड़ने की अपील की थी। सबसे पहले मुख्यमंत्री ने स्वयं अपनी सब्सिडी छोड़ी थी।
18,613 उपभोक्ता छोड़ चुके हैं सब्सिडी
प्रदेश में अभी तक 18,613 उपभोक्ता स्वेच्छा से बिजली सब्सिडी छोड़ चुके हैं। इनमें 8620 कर्मचारी-अधिकारी और 8477 पेंशनर शामिल हैं। अब बिजली बोर्ड प्रबंधन ने कोषागार, लेखा एवं लॉटरी विभाग के माध्यम से क्लास वन और टू स्तर के अधिकारियों की सूची तैयार करवा ली है। ऐसे में जल्द ही इन कर्मचारियों, अधिकारियों और पेंशनरों की सब्सिडी बंद करने के आदेश जारी हो सकते हैं।