राजस्थान में 2 महीने की बच्ची भी कोरोना पॉजिटिव: प्रदेश में अबतक 15 मरीज, एक्सपर्ट से जानिए- कितना घातक है नया वैरिएंट – Rajasthan News

राजस्थान में भी तेजी से कोरोना केस बढ़ रहे हैं। नागौर के डीडवाना में 2 महीने की बच्ची भी कोरोना की चपेट में आई है। रविवार तक कोरोना केस की संख्या 15 पहुंच गई थी।
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देश में कोरोना के नए वैरिएंट ने चिंता बढ़ा दी है। बीते 2 दिन में 2 मरीजों की मौत हो गई है। राजस्थान में कोविड-19 का कौन सा वैरिएंट सक्रिय है? यह वैरिएंट बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक के लिए कितना घातक हो सकता है? कोरोना को लेकर किस तरह की सावधानी बरतने की जरूरत है?
भास्कर ने एक्सपर्ट की मदद से इन सवालों के जवाब जाने….
राजस्थान में 15 केस, देश में 2 मौतें स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, राजस्थान में अब तक 15 कोरोना केसेज रिपोर्ट हुए हैं। चिंता की बात यह है कि इनमें से 10 केस कुछ घंटों में ही सामने आए हैं।
रविवार को प्रदेश में 3 नए केस सामने आए। इनमें एक जोधपुर, एक उदयपुर और एक जयपुर के केस शामिल हैं। इनमें एक 2 महीने की बच्ची भी शामिल है। नागौर के डीडवाना की दो माह की बच्ची फिलहाल जोधपुर एम्स के एनआईसीयू में एडमिट है।
24 मई को जोधपुर में 4, उदयपुर में एक और जयपुर में दो केस रिपोर्ट किए गए थे। इनमें भी 4 बच्चे शामिल हैं। एक बच्चा 5 महीने का है तो एक तीन साल की बच्ची भी कोरोना पॉजिटिव है। इसके अलावा दो 11 साल के बच्चे भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।

स्वास्थ्य विभाग की मानें तो सभी मरीजों में हल्के लक्षण देखे गए हैं। हालांकि राहत की बात यह है कि एक भी मौत नहीं हुई है और एक भी मरीज गंभीर स्थिति में नहीं है। कोरोना की बढ़ती रफ्तार और बच्चों का इसकी चपेट में आना चिंता बढ़ा रहा है। एसएमएस अस्पताल के मेडिसिन डिपार्टमेंट के पूर्व एचओडी एवं सीनियर फिजिशियन डॉ. अजय माथुर से जानते हैं कोरोना का नए वैरिएंट कितना खतरनाक है…
सवाल : कोरोना केसेज में बढ़ोतरी क्या संकेत दे रही हैं? जवाब : कोरोना महामारी का साल 2020 से 2022 तक सबसे ज्यादा असर देखा गया था। अब भी केसेज रिपोर्ट किए गए हैं। नेशनल एडवाइजरी के अनुसार इसे नए वैरिएंट माइल्ड यानी हल्के बताए जा रहे हैं। महामारी के दौरान ज्यादातर लोगों को वैक्सीन लग चुकी है, इसलिए हम वैक्सीन प्रोटेक्टेड हैं। फिर भी लोगों को सतर्कता के साथ-साथ ध्यान रखने की आवश्यकता है।
सवाल : किस प्रकार से ध्यान रखना चाहिए? जवाब : शुरुआत में खांसी-जुकाम, बुखार, मांसपेशियों में दर्द के रूप में लक्षण नजर आते हैं, जो दिखने में सामान्य लगते हैं। ऐसे लक्षण दिखें तो सतर्क रहें। इसकी जांच करवाएं। अगर कोरोना पॉजिटिव पाए जाएं तो होम आइसोलेशन किया जाना चाहिए। फिलहाल हल्के लक्षण में जल्द ठीक होने की संभावना है।
छींक आने पर रुमाल का इस्तेमाल करें। बार-बार हाथ धोने चाहिए, ताकि बीमारी ज्यादा न फैले। सैनिटाइजेशन, मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग ऐसी बीमारियों से बचा सकता है।
सवाल : अबतक के केस में छोटे-छोटे बच्चे ज्यादा चपेट में आ रहे हैं, उनके लिए ये कितना खतरनाक है? जवाब : दो या तीन माह के शिशुओं की कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट सामने आई है। ऐसे मामलों में कोरोना या फिर इनसे जुड़े लक्षण के मरीजों को नवजात बच्चों के पास नहीं जाना चाहिए। कोरोना वाले बच्चों को आइसोलेशन में रखने के साथ ही ऑक्सीजन सैचुरेशन लगातार मॉनिटर करते रहना चाहिए।
सवाल : अभी देशभर में 2 मौतें हुई हैं। क्या विशेष ख्याल रखने की जरूरत है? जवाब : कोरोना से सभी उम्र और वर्ग के लोगों को ध्यान रखने की जरूरत है। बुजुर्गों में एज फैक्टर होने के कारण इम्युनिटी कमजोर होती है। अन्य बीमारियां होने पर कोरोना का असर गंभीर हो जाता है। लंग्स (फेफड़ों) की परेशानी से जूझ रहे बुजुर्गों को विशेष ख्याल रखना चाहिए।
सवाल : क्या अब फिर से वैक्सीनेशन की जरूरत है? जवाब : महामारी के दौरान ज्यादातर लोगों ने वैक्सीन लगा ली थी। इसलिए हर्ड इम्युनिटी डेवलप हो चुकी है। जिन्हें नहीं लगा, उन्हें वैक्सीन को लेकर इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की गाइडलाइन का इंतजार करना चाहिए।
सवाल : जो लोग वैक्सीनेट हो चुके हैं, उन्हें क्या बूस्टर डोज लगाने की आवश्यकता है? जवाब : फिलहाल इसकी आवश्यकता नहीं लगती है, क्योंकि अभी जो केस सामने आ रहे हैं उनमें हल्के लक्षण ही नजर आ रहे हैं।
सवाल : कोरोना की दवा का क्या अपडेट है? जवाब : कोरोना की दवा को लेकर तीन साल से रिसर्च चल रहा है, लेकिन अभी स्पेसिफिक दवा नहीं आई है।
सवाल : कोरोना का कौन सा वैरिएंट फैल रहा है? जवाब : राजस्थान में कोरोना का कौन सा वैरिएंट है, इसकी सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगा। फिलहाल देशभर के अन्य राज्यों की तरह ओमिक्रोन का सब वैरिएंट होने की ही संभावना है। भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) के मुताबिक भारत में कोविड-19 के वेरिएंट NB.1.8.1 का एक और LF.7 प्रकार के चार मामले मिले हैं। चीन और एशिया के बढ़ते मामलों में यही वैरिएंट दिख रहा है। WHO ने इन्हें चिंताजनक नहीं माना है, लेकिन निगरानी में रखे गए वैरिएंट के रूप में कैटेगराइज किया है।

चिकित्सा मंत्री बोले- अभी बड़े खतरे को लेकर कोई एडवाइजरी नहीं आई चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय से अभी कोई अलार्मिंग एडवाइजरी नहीं आई है। अभी केसेज की तादाद कम है। फिलहाल कोरोना का नया वैरिएंट बहुत कमजोर लग रहा है। लेकिन ध्यान रखने की आवश्यकता है। कोरोना के लक्षणों को लेकर अस्पतालों में आने वाले मरीजों की जांच की जानी चाहिए।

रिपोर्ट आने पर पता चलेगा वैरिएंट : डॉ.दीपक माथुर राजस्थान में कोरोना के वैरिएंट को लेकर एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. दीपक माहेश्वरी ने बताया कि जो केसेज आए हैं, उनका वेरिएंट जानने के लिए सैंपल भेजे गए हैं। पुणे स्थित लैब के साथ ही एसएमएस मेडिकल कॉलेज में भी जांच की जा रही है। जांच की रिपोर्ट आने के साथ ही स्पष्ट हो पाएगा की फिलहाल राजस्थान में कौन सा वैरिएंट सक्रिय है।

