Published On: Sun, May 25th, 2025

पंचकूला पुलिस को मिली नई तकनीकी ट्रेनिंग: वेब पोर्टल और एआई ऐप्स से होगी अपराध की जांच, साइबर ठगी से बचने के बताए तरीके – Panchkula News

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बैठक में नए वेब पोर्टल और एआई आधारित ऐप्स की ट्रेनिंग लेते अधिकारी।

पंचकूला पुलिस अब आधुनिक तकनीक से अपराध नियंत्रण करेगी। रविवार को पुलिस कमिश्नर शिबास कविराज के निर्देश पर मनसा देवी में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। डीसीपी क्राइम अमित दहिया ने इस बैठक की अध्यक्षता की।

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बैठक में पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को नए वेब पोर्टल और एआई आधारित ऐप्स की ट्रेनिंग दी गई। डीसीपी क्राइम दहिया ने कहा कि तकनीकी रूप से मजबूत पुलिस अपराधियों तक जल्द पहुंच सकेगी। इससे पुलिस की कार्यप्रणाली में सुधार आएगा।

वीडियो प्रजेंटेशन के जरिए समझाया

उन्होंने वीडियो प्रजेंटेशन के जरिए तकनीक का महत्व समझाया। उन्होंने बताया कि डिजिटल युग में तकनीकी दक्षता अपराध नियंत्रण के लिए बहुत जरूरी है। नई तकनीक से पुलिस की जांच प्रक्रिया तेज और पारदर्शी होगी।

ऐप के प्रकार जो अपराधियों तक पहुंचने में मदद करेंगे

संचार साथी ऐप: खोए या चोरी हुए मोबाइल को ब्लॉक कर किसी भी नेटवर्क पर उपयोग से रोकने की सुविधा। साथ ही, इससे पता चल सकता है कि आपके नाम पर कितने सिम कार्ड पंजीकृत हैं।

TAFCOP पोर्टल: यदि कोई व्यक्ति आपके नाम पर अनधिकृत सिम का उपयोग कर रहा है, तो आप इसकी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।

चक्षु पोर्टल: वॉट्सऐप, कॉल या मैसेज के माध्यम से होने वाले फ्रॉड की रिपोर्टिंग के लिए प्रभावी प्लेटफॉर्म।

भाषिणी ऐप: किसी भी भाषा को बोलकर, लिखकर या तस्वीर के जरिए दूसरी भाषा में अनुवाद करने की सुविधा, जो पुलिसिंग में भी सहायक सिद्ध होगी।

बैठक में साइबर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर मुनीष कुमार सहित सभी प्रमुख शाखाओं के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित।

बैठक में साइबर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर मुनीष कुमार सहित सभी प्रमुख शाखाओं के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित।

साइबर सुरक्षा पर विशेष जोर डीसीपी दहिया ने मोबाइल में अनावश्यक ऐप परमिशन न देने, केवल प्रमाणिक ऐप्स के प्रयोग और मोबाइल में एंटीवायरस इंस्टॉल करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि लोगों को भी यह जानकारी दी जाए ताकि वे खुद को साइबर ठगी से बचा सकें।

जनभागीदारी पर बल डीसीपी ने नागरिकों से अपील की कि वे अपने डिजिटल उपकरणों का जिम्मेदारी से उपयोग करें और दूसरों को भी इसके प्रति जागरूक करें। उन्होंने कहा कि साइबर अपराध की रोकथाम में जन-सहभागिता बेहद आवश्यक है।

तकनीकी अनुभव का लाभ गौरतलब है कि डीसीपी अमित दहिया पूर्व में साइबर एसपी के तौर पर कार्य कर चुके हैं और अब उसी अनुभव का उपयोग पंचकूला पुलिस को तकनीकी रूप से और सशक्त बनाने में कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि भविष्य में भी ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित होते रहेंगे, जिनका प्रभाव और गुणवत्ता समय-समय पर आंकी जाएगी।



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